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राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुने गए अनिल हेगड़े, सर्टिफिकेट हाथ में लिए सीएम नीतीश के साथ खिंचवाई तस्वीर

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Published : May 23, 2022, 5:23 PM IST

किंग महेंद्र के निधन के बाद खाली हुई राज्यसभा सीट पर कर्नाटक के अनिल हेगड़े (JDU Candidate Anil Hegde For Rajya Sabha) का निर्विरोध निर्वाचन हो गया है. उनका कार्यकाल 2 अप्रैल 2024 तक होगा.

Anil Hegde elected unopposed to Rajya Sabha
Anil Hegde elected unopposed to Rajya Sabha

पटना: राज्यसभा (Rajya Sabha By Election 2022) के लिए अनिल हेगड़े का निर्विरोध निर्वाचन (Anil Hegde elected unopposed to Rajya Sabha) हो गया है. निर्वाचन का प्रमाण पत्र हाथ में लिए अनिल हेगड़े ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के साथ एक फोटों खिंचवाई है. अनिल हेगड़े राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित हो गए हैं. बता दें कि पहले से ही अनिल हेगड़े का निर्विरोध चुना जाना तय था, क्योंकि उनके अलावे किसी ने भी नामांकन दाखिल नहीं किया था. कर्नाटक के रहने वाले अनिल हेगड़े पिछले 31 सालों से नीतीश कुमार के साथ हैं.

पढ़ें- JDU राज्यसभा उम्मीदवार बनाए जाने पर अनिल हेगड़े बोले- 'मुख्यमंत्री ने कार्यकर्ताओं का किया सम्मान'

CM नीतीश ने अनिल हेगड़े पर जताया विश्वास: जदयू पार्टी में अनिल हेगड़े को निर्विरोध चुना गया था. निर्वाचित होने के बाद उनका कार्यकाल 2 अप्रैल 2024 तक होगा. अनिल हेगड़े लंबे समय से जदयू और नीतीश कुमार के साथ जुड़े हुए हैं. पिछले संगठन के चुनाव इन्हीं के नेतृत्व में कराया गया था. राष्ट्रीय और प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव इन्होंने कराया था और नीतीश कुमार को राष्ट्रीय अध्यक्ष चयन का सर्टिफिकेट दिया था. अब नीतीश कुमार ने अनिल हेगड़े पर ही अपना विश्वास जताया है.बता दें कि जदयू के राज्यसभा सांसद किंग महेंद्र के निधन के कारण खाली हुए सीट पर जदयू ने पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता अनिल हेगड़े (JDU Announced Candidate Anil Hegde for Rajya Sabha) को अपना उम्मीदवार बनाया था.

दिलचस्प है हेगड़े की कहानी: जेडीयू के राज्यसभा प्रत्याशी अनिल हेगड़े की कहानी काफी दिलचस्प है. उन्होंने अब तक आंदोलनों के चलते करीब पांच हजार बार गिरफ्तारी दी है. वे 14 साल तक विदेशी कंपनियों के खिलाफ नई दिल्ली के पार्लियामेंट थाने पर प्रदर्शन कर गिरफ्तारी देते रहे. राजनीतिक आंदोलनों में गिरफ्तारियों को लेकर अनिल हेगड़े के नाम की चर्चा जरूर होती है.

समाजवादी विचारधारा के प्रति समर्पित: अनिल हेगड़े पिछले 38 साल से सक्रिय राजनीति में हैं. सबसे पहले जनता पार्टी, फिर जनता दल और समता पार्टी के बाद वे जेडीयू में हैं. अनिल हेगड़े ने रामकृष्ण हेगड़े के साथ जनता पार्टी में कार्य किया. वे बाद में जॉर्ज फर्नांडिस और पूर्व पीएम चंद्रशेखर के करीबी रहे. अनिल हेगड़े की गिनती देश में समाजवादी विचारधारा के प्रति पूरी तरह समर्पित नेताओं में होती है. डंकन प्रस्ताव हो या फिर कांडला पोर्ट पर हड़ताल, इन सभी में अनिल हेगड़े शामिल रहे.

सादगी के चलते खास पहचान: वे 1994 से 2008 तक जॉर्ज फर्नांडिस के खास रहे. पार्टी के प्रस्ताव बनाने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रहा करती थी. उडुपी जिले के एक साधारण परिवार में जन्में अनिल हेगड़े के पिता किसान थे. अनिल हेगड़े पिछले 12 साल से पटना में जेडीयू कार्यालय में ही रहते हैं. सादगी के लिए कार्यकर्ताओं के बीच उनकी खास पहचान है. हेगड़े की गिनती ऐसे नेताओं में होती है जिन्हें कभी किसी पद का लोभ नहीं रहा. जेडीयू नेताओं और कार्यकर्ताओं का कहना है कि उन्होंने कभी किसी पद की मांग नहीं की. वे पार्टी के निर्वाचन अधिकारी के साथ ही कई अन्य महत्वपूर्ण पदों पर भी रह चुके हैं. अनिल हेगड़े को लेकर कहा जाता है कि वे समाजवादी विचारधारा के नेता हैं.


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