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Upendra Kushwaha : सबसे बड़ा खुलासा करने वाले हैं उपेन्द्र कुशवाहा! ट्वीट कर कहा- '12:30 बजे.. '

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Published : Jan 27, 2023, 9:56 AM IST

जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा और नीतीश के बीच छिड़ी जंग थमने का नाम नहीं ले रही है. कल ही सीएम नीतीश कुमार ने उपेन्द्र कुशवाहा को कल ही नसीहत दी थी की पार्टी फोरम में बात को उन्हें रखना चाहिए न कि सोशल मीडिया में इस तरह से ट्वीट करना चाहिए, इसके बावजूद उपेन्द्र कुशवाहा ने दोपहर 12:30 बजे अपने आवास पर मीडिया को बुलावा भेजा है.

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पटना : उपेन्द्र कुशवाहा और सीएम नीतीश कुमार के बीच मनमुटाव की खाईं चौड़ी होती जा रही है. उपेन्द्र कुशवाहा जहां एक ओर अपनी हिस्सेदारी मांग रहे हैं तो वहीं जेडीयू उन्हें जमीनी-जनाधार का आइना दिखा रही है. इसी बीच उपेन्द्र कुशवाहा ने आज दोपहर 12:30 बजे अपने आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है. माना जा रहा है कि इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में उपेन्द्र कुशवाहा जेडीयू छोड़ने की घोषणा के साथ ही बड़ा खुलासा करने वाले हैं.

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सीएम नीतीश ने गुरुवार को दी थी नसीहत: सीएम नीतीश ने कल ही कहा था कि कोई बात है तो उन्हें अपनी बात खुद आकर उनसे कहनी चाहिए थी, यूं इसतरह सोशल मीडिया में आकर, ट्वीट करके बयानबाजी करने की जरूरत नहीं थी. सीएम नीतीश ने साफ संकेत दिया था कि उन्हें पार्टी उन्हें निकालेगी नहीं.. 'उन्हें रहना हो तो रहें या जाना हो तो जाएं..'

"कोई इस तरह मीडिया में ट्वीट करके बात नहीं करता. इसके लिए पार्टी फोरम पर उनको बात रखनी चाहिए. वो पार्टी में आए तो उनका हम लोगों ने स्वागत किया, वो रहें या कहीं और जाएं ये उनकी इच्छा है. लेकिन इस तरह से मीडिया में या ट्वीट करना ठीक बात नहीं है. उनकी क्या मंशा है ये तो वो ही जानते हैं. उन्हें हमसे बात करनी चाहिए." - नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार

जेडीयू नेतृत्व भी उपेन्द्र कुशवाहा से नाराज: वहीं दूसरी ओर जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा भी उपेन्द्र कुशवाहा द्वारा हिस्सेदारी मांगने वाले बयान पर उबल गए. उन्होंने कहा था कि उनमें जरा सी भी शर्म बची है तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए. उमेश कुशवाहा ने उन्हें खुलकर निशाने पर लेते हुए कहा कि नीतीश ने ही उन्हें 'उपेन्द्र सिंह' से 'कुशवाहा' बनाया. उनका कोई जमीनी-जनाधार पार्टी में नहीं है.

क्यों नाराज चल रहे उपेन्द्र कुशवाहा: दरअसल, उपेन्द्र कुशवाहा को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की चर्चा बिहार में होने लगी थी, उन्होंने भी इसपर कहा था कि वो कोई संत नहीं हैं. किसी विभाग के मंत्री से कम उन्हें कोई पद भी नहीं चाहिए था. उनका कहना था कि वो तो केंद्र में मंत्री भी रह चुके हैं. इसलिए नीतीश कैबिनेट में कद के हिसाब से पद मिलना चाहिए. लेकिन नीतीश ने सभी चर्चाओं को 'फालतू बात' कहकर उपेन्द्र कुशवाहा के सपनों को झकझोर दिया.

डील वाली बात की क्या है सच्चाई? : इसी घटना क्रम के बाद उपेन्द्र कुशवाहा ने कई मुद्दों पर पार्टी लाइन से हटकर बयान देना शुरू किया. शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर पर निशाना साधते हुए तेजस्वी यादव को बीजेपी से डील कर लेने का आरोप भी लगाया. यही नहीं उन्होंने अपने पार्टी नेतृत्व पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि आखिर आरजेडी से क्या डील हुई है, इसका जल्द खुलासा होना चाहिए. कुशवाहा ने कहा क पिछले दिनों आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने भी कहा था कि मुख्यमंत्री नीतीश को अब डील के तहत सीएम पद छोड़ देना चाहिए, ऐसे में मैं भी यह जानना चाहता हूं की आरजेडी जेडीयू के बीच क्या डील हुई. उन्होंगे आगे कहा कि, आरजेडी जेडीयू के विलय की बात कही जा रही है, आखिर सच्चाई क्या है, इस बात का खुलासा होना चाहिए.

'महाराणा प्रताप कार्यक्रम में मुझे न्यौता नहीं.. क्यों?' : इससे पहले जेडीयू नेता उपेन्द्र कुशवाहा ने प्रेस कॉफ्रेंस कर कई बातों का दावा किया. उन्होंने कहा था कि राजनीतिक रूप से जब जब नीतीश बाबू कमजोर हुए तब-तब हमने उनको सहयोग करने का काम किया है. कर्पूरी जी के सपने को पूरा करने के लिए हमने साथ दिया. लेकिन पटना में कर्पूरी जयंती मनाई गई, महाराणा प्रताप की जयंती मनाई गई लेकिन दोनों ही कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया. यह सब क्या है?. कुशवाहा ने कहा कि यह मुख्यमंत्री को कमजोर करने की साजिश है. ऐसे में जेडीयू को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर इस पर चर्चा होनी चाहिए.

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