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Hanuman Jayanti 2023: नरक चतुर्दशी के दिन है हनुमान जन्मोत्सव, इस विधि से करें पूजा

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 11, 2023, 6:18 AM IST

पटना महावीर मंदिर
पटना महावीर मंदिर

Narak Chaturdashi 2023 : आज नरक चतुर्दशी है. नरक चतुर्दशी को हनुमान जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है. देश के सभी हनुमान मंदिर में बड़े ही धूमधाम से जन्मोत्सव मनाया जाएगा. इसी कड़ी में पटना स्थित महावीर मंदिर में भी हनुमान जयंती की भव्य तैयारी की गई है. पढ़ें पूरी खबर..

पटना : दीपावली के ठीक एक दिन पूर्व कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी या नरक चतुर्दशी के मौके पर यानी की आज महावीर मन्दिर में आंजनेय हनुमानजी की जयंती पूरे विधि-विधान से मनायी जाएगी. महावीर मन्दिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि हनुमान जयंती के उपलक्ष्य में आज सुबह 10 बजे महावीर मन्दिर में पूजा की जाएगी. महावीर मन्दिर परिसर में स्थित मुख्य ध्वज स्थल पर पूजन के बाद हनुमान ध्वज बदले जाएंगे. इसके बाद ठीक 12 बजे दिन में हनुमानजी की जन्म आरती होगी.

"आरती के बाद भक्तों के बीच विशेष प्रसाद का वितरण होगा. हनुमान जयंती के दिन रामचरितमानस के नवाह पाठ का समापन भी होगा. महावीर मन्दिर में 3 नवंबर से रामचरितमानस का नवाह पाठ चल रहा है. हर साल मधुबनी जिले से आयी मंडली द्वारा यहा आयोजन होता है." - आचार्य किशोर कुणाल, सचिव, महावीर मन्दिर न्यास

साल में दो बार मनाई जाती है हनुमान जयंती : बता दें कि जन्मोत्सव वर्ष में दो बार मनाया जाता है. हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र शुक्ल की पूर्णिमा तिथि पर और दूसरी कार्तिक कृष्ण की चतुर्दशी के दिन. कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर ही नरक चतुर्दशी और छोटी दिवाली भी मनाई जाती है. इस बार कार्तिक माह वाली हनुमान जयंती आज मनाई जा रही है. कहा जाता है कि इस दिन वीर बजरंगबली की पूजा अर्चना करने से सभी मनोरथ पूर्ण होती है, जो भी भक्त इस दिन हनुमान जी की सच्ची मन से पूजा अर्चना करते हैं वह बुद्धि विवेक और बलवान होते हैं.

आज के दिन बजरंगबली की पूजा का विशेष महत्व : मान्यता है कि वीर बजरंगबली के पास इतनी शक्ति थी कि उन्हें उसकी जानकारी नहीं थी, लेकिन जैसे ही लोगों उनको उनकी शक्ति के बारे में बताया तो उन्होंने सीता मैया को ढूंढने के लिए समुद्र लांघ कर लंका पहुंच गए थे. वह अपनी शक्ति से रावण को हिलाने का काम किए थे. इतना ही नहीं संजीवनी बूटी को लेकर समुद्र पार किए थे. सूर्य देवता को सेब समझ कर निगलने जा रहे थे, लेकिन देवताओं ने उन्हें रोक लिया. इसलिए कहा जाता है कि संकट मोचन की पूजा अर्चना करने से जीवन में संकट नहीं आता है.

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