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Thakur Vs Brahmin Dispute: 'मनोज झा की जीभ खींचोगे तो आपका भी दांत तोड़ देंगे', आनंद मोहन पर भड़के टुन्ना पांडेय

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 30, 2023, 2:56 PM IST

पूर्व विधान पार्षद टुन्ना जी पांडेय
पूर्व विधान पार्षद टुन्ना जी पांडेय

'ठाकुर का कुआं' कविता पाठ पर विवाद लगातार गहराता जा रहा है. अब यह विवाद जातीय रंग लेने लगा है. यही वजह है एक तरह जहां आनंद मोहन समेत राजपूत समाज के कई नेताओं ने आरजेडी सांसद मनोज झा को निशाने पर लिया तो वहीं अब मनोज झा के समर्थन में ब्राह्मण समाज के नेता सामने आने लगे हैं. पूर्व विधान पार्षद टुन्ना जी पांडेय (Tuna Ji Pandey) ने आरजेडी सांसद का पक्ष लेते हुए कहा कि अगर कई ब्राह्मण जाति को गाली देगा तो उसको चुटकी में मसल देंगे.

पूर्व विधान पार्षद टुन्ना जी पांडेय

पटना: बिहार के सिवान से पूर्व विधान पार्षद टुन्ना जी पांडेय ने फेसबुक पोस्ट के जरिये अपनी बात रखते हुए कहा कि राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान आरजेडी सांसद मनोज झा ने अपनी तरफ से कुछ भी नहीं कहा, उन्होंने तो केवल मशहूर साहित्यकार ओमप्रकाश वाल्मीकि की कविता को पढ़ा था. ऐसे में 6 दिन बाद उस पर हंगामा करना बताता है कि इसके पीछे की मंशा क्या है. पूर्व एमएलसी ने कहा कि मनोज झा पर व्यक्तिगत और जातीय टिप्पणी बर्दाश्त नहीं करेंगे, क्योंकि जवाब देना ब्राह्मणों को भी आता है. हमारा भी गौरवशाली इतिहास बलिदान और उपलब्धियों के भरा पड़ा है.

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टुन्ना जी पांडेय ने आनंद मोहन पर हमला बोला: टुन्ना जी पांडेय ने कहा कि हंसी के साथ-साथ आश्चर्य भी होता है कि आनंद मोहन की देखादेखी में दूसरे दलों के भी राजपूत नेताओं में मनोज झा को गाली देने की होड़ मच गई है. सब कोई सबसे बड़ा राजपूत नेता बनने के लिए अनाप-शनाप बयान दे रहे हैं. पूर्व एमएलसी ने कहा कि आनंद मोहन बार-बार कहते हैं कि वह जेल में एक बिस्तर छोड़कर आए हैं. मैं उनको कहना चाहता हूं कि अगर आप खुद को बहुत बड़ा बाहुबली हैं तो दिमाग से उतार दीजिए. अगर कोई ब्राह्मण अपने पर आ जाएगा ना तो आपके जैसे व्यक्ति को चुटकी में मसल देंगे. आपने क्या कहा कि सदन में रहते तो मनोज झा की जीभ खींच लेते. मैं पूछता हूं कि क्या ऐसा करने पर पंडित जी आपका दांत नहीं तोड़ देता?

"आनंद मोहन जी कान खोलकर सुन लीजिए कि अगर आप को घमंड होगा कि आप बहुत बड़ा वीर हैं, बहुत बड़ा बाहुबली हैं तो दिमाग से उतार दीजिए. अगर कोई ब्राह्मण अपने पर आ जाएगा ना तो आपके जैसे व्यक्ति को चुटकी में मसल देंगे. आप को बहुत घमंड हो गया है. अगर मनोज झा की जीभ खिंचोगे तो आपका दांत तोड़ देंगे"- टुन्ना जी पांडेय, पूर्व विधान पार्षद, सिवान

'जिसने जेल से निकाला उसी को आंख दिखा रहे हैं': टुन्ना जी पांडेय ने कहा कि मैं आनंद मोहन से पूछना चाहता हूं कि 14-15 साल तक आप जेल में किस वजह से थे, क्या आप आजादी की लड़ाई में जेल गए थे? पूर्व एमएलएसी ने कहा कि मुझे तो समझ में नहीं आ रहा है कि लालू यादव और नीतीश कुमार ने आपको किस अच्छे आचरण के कारण महागठंबधन की सरकार ने छोड़ दिया. जिस सरकार ने आपको जेल से छुड़ाया, उसी पर आप आरोप लगाने में लग गए हैं.

'मनोज झा पर निजी हमला बर्दाश्त नहीं करेंगे': टुन्ना जी पांडेय ने कहा कि मनोज झा को फिटकारी झा और उनके चाचा को लेकर आनंद मोहन ने जिस तरह की ओछी टिप्पणी की है, वह बर्दाश्त नहीं करेंगे. अगर हमने भी आपके परिवार का काला इतिहास बताना शुरू कर दिया तो इज्जत नहीं बचेगी आपकी. किसी तरह आपने गोपालगंज में राजपूतों को हराने का काम किया. आप तो वास्तव में राजपूतों के जयचंद हैं. आप नहीं चाहते कि आपके परिवार के अलावे कोई राजपूत समाज के लोग नेता बने.

'लालू-तेजस्वी की कृपा से बेटा विधायक बना': पूर्व विधान पार्षद टुन्ना जी पांडेय ने जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि आनंद मोहन आपको तो लालू परिवार का एहसानमंद होना चाहिए, क्योंकि जब आप जेल में थे और पत्नी और बेटा सड़क पर घूम रहे थे तब तेजस्वी यादव ने दोनों को विधानसभा चुनाव में टिकट दिया. आरजेडी की बदौलत आज आपका बेटा विधायक है लेकिन जेल से निकलते ही आरजेडी और लालू पर आरोप लगा रहे हैं.

'मंदिर से पुजारी क्यों हटेंगे?': वहीं मंदिरों से ब्राह्मणों के हटने के आनंद मोहन के बयान पर टुन्ना जी पांडेय ने कहा कि ब्राह्मण क्यों मंदिर छोड़ देंगे. ब्राह्मण क्या आपके राज में बसा है. आप पर हर जगह लोग थू-थू कर रहे हैं. आप क्या चाहते हैं कि राजपूत और ब्राह्मण को लड़ाकर राजपूत का नेता बन जाएं? टुन्ना जी पांडेय ने कहा कि आनंद मोहन ये मत भूलें कि आपकी जमींदारी नहीं चल रही है. वैसे भी ठाकुर तो मैथिक ब्राह्मण और नाई समाज के लोग भी लिखते हैं. आप और आपको बेटे तो ठाकुर टाइटल भी नहीं लिखते हैं, फिर क्यों समाज में राजपूत और ब्राह्मण के बीच खाई बढ़ाना चाहते हैं. 1995 का चुनाव लोग भूला नहीं है. संजय सिंह और नीरज सिंह बबलू समेत पूरे समाज को कहना चाहता हूं कि क्यों इस घमंडी और पागल नेता के बयान को महत्व देते हैं.

आनंद मोहन ने मनोज झा पर क्या कहा था?: पूर्व सांसद आनंद मोहन ने ठाकुरों को लेकर मनोज झा के कविता पाठ पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि अगर वह उस वक्त राज्यसभा में होते तो मनोज झा की जीभ खींचकर आसन की तरफ उछाल देते. इसके साथ ही उन्होंने मनोज झा को 'फिटकिरी झा' बताते हुए कहा कि वह समाज में विद्वेष पैदा करना चाहते हैं.

किस कविता पर मचा है बवाल?: दरअसल 21 सितंबर को राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान आरजेडी सांसद मनोज झा ने उत्तर प्रदेश के रहने वाले मशहूर साहित्यकार ओमप्रकाश वाल्मीकि की कविता 'ठाकुर का कुआं' पढ़ी थी, जिसके आखिर में उन्होंने कहा था कि हम सब के अंदर एक ठाकुर है, जिसे मार देना चाहिए. आपको बताएं कि राजपूत समाज के नेता 'ठाकुर' को अपने से जोड़कर विरोध कर रहे हैं. हालांकि इस मामले में आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव भी मनोज झा के समर्थन में आ गए हैं.

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