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JDU में छिड़ा महासंग्राम, आरसीपी सिंह और ललन सिंह के बीच बिना नाम लिए 'एलान-ए-जंग!'

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Published : Feb 12, 2022, 9:37 PM IST

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) को कई मोर्चों पर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. एक ओर जहां बीजेपी नेताओं ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं, तो दूसरी तरफ दो कद्दावर नेता जेडीयू में वर्चस्व की लड़ाई (Fight for supremacy in JDU) लड़ रहे हैं. आरसीपी सिंह पार्टी पर पकड़ ढीली होने देना नहीं चाहते, वहीं ललन सिंह ने आरसीपी सिंह को संगठन में अलग-थलग कर रखा है. पूरे घटनाक्रम पर फिलहाल नीतीश कुमार ने चुप्पी साध रखी है. पढ़ें ये रिपोर्ट..

जेडीयू में वर्चस्व की लड़ाई
जेडीयू में वर्चस्व की लड़ाई

पटना: बिहार की सत्ताधारी पार्टी जनता दल यूनाइटेड में घमासान छिड़ा (Tension between RCP Singh and Lalan Singh) हुआ है. पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और वर्तमान केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह (Union Minister RCP Singh) और वर्तमान जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह (JDU National President Lalan Singh) के बीच आर-पार की लड़ाई छिड़ गई है. दोनों ओर से शक्ति प्रदर्शन का दौर जारी है. दरअसल, केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार के वक्त से ही जदयू में आंतरिक विवाद चल रहा है, जो अब उभरकर सामने आ गया.

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आरसीपी सिंह केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल कर लिए गए और ललन सिंह को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली. नीतीश कुमार ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने का फैसला राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह का था. मेरा उस फैसले से कोई लेना-देना नहीं था. बाद में ललन सिंह की नाराजगी को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ललन सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का फैसला लिया.

राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते ही ललन सिंह ने अपने तेवर दिखाए और सांगठनिक स्तर पर बड़े फेरबदल किए. आरसीपी सिंह खेमे के नेताओं को एक-एक कर बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. आरसीपी सिंह भी बहुत देर चुप नहीं बैठ सके और संगठन को लेकर फिर हरकत में आए. पटना स्थित अपने सरकारी आवास पर कार्यकर्ताओं की भीड़ जुटाई और शक्ति प्रदर्शन किया. केंद्रीय मंत्री ने पार्टी के बगैर सहमति के सीधे-सीधे अगले 1 साल के लिए पार्टी के कार्यक्रम का ऐलान कर दिया. आरसीपी सिंह ने कहा कि 1 मार्च से अगले 1 साल तक नीतीश कुमार की उपलब्धियों को जन-जन तक कार्यकर्ता ले जाने का काम करेंगे.

''पार्टी में कोई विवाद नहीं है. पार्टी के एक ही नेता नीतीश कुमार है. जहां तक संगठन का सवाल है, तो संगठन के विस्तार की जिम्मेदारी प्रदेश अध्यक्ष पर है और वह निरंतर काम कर रहे हैं.''- नीरज कुमार, मुख्य प्रवक्ता, जदयू

''जदयू में कोई विवाद नहीं है. ललन सिंह और आरसीपी सिंह दोनों पार्टी के लिए काम कर रहे हैं. दोनों के मेहनत से एनडीए और मजबूत होगा.''- अरविंद सिंह, बीजेपी प्रवक्ता

''जदयू में इन दिनों उत्तराधिकार और वर्चस्व दोनों की लड़ाई है. आरसीपी सिंह जहां संगठन पर अपनी पकड़ कमजोर पड़ने नहीं देना चाहते हैं. वहीं, ललन सिंह धीरे-धीरे पार्टी पर अपनी मजबूत पकड़ बना रहे हैं. दोनों नेताओं के बीच लड़ाई इस बात को लेकर है कि अगर नीतीश कुमार सक्रिय राजनीति से अलग होते हैं तो उस स्थिति में पार्टी पर कब्जा किसका होगा.''- डॉक्टर संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक

केंद्रीय मंत्री आरसीपी के बयान पर राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने पलटवार करने में देरी नहीं की. ललन सिंह ने कहा कि मुझे मालूम नहीं है कि आरसीपी सिंह कौन सा अभियान चलाना चाहते हैं. पार्टी को मजबूत करने की जिम्मेदारी प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा के कंधों पर है और वह पार्टी को मजबूत करने के लिए दिन रात काम कर रहे हैं.
इसके पहले भी आरसीपी सिंह तब मुखर हुए थे, जब उत्तर प्रदेश चुनाव को लेकर जारी स्टार प्रचारकों की सूची में उनका नाम शामिल नहीं किया गया था. तब आरसीपी सिंह ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा था कि लोग बाएं दाएं देखने का काम ना करें और पार्टी के हित में काम करें. हमारे नेता नीतीश कुमार हैं. 2025 तक के लिए जनता ने एनडीए को बहुमत दिया है.

बता दें कि, बिहार विधानसभा चुनाव के बाद से ही आरसीपी सिंह और ललन सिंह के बीच अंदरखाने में वर्चस्व की लड़ाई चल रही है.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने जेडीयू (JDU) में आमूलचूल परिवर्तन करते हुए कुर्मी और कुशवाहा को एकजुट करने की कोशिश की तो वहीं संगठन स्तर पर भी बड़े बदलाव किए. इस बीच ललन सिंह ने आरसीपी सिंह के समय बनाए गए सभी प्रकोष्ठों और इकाई को भंग करवा दिया था. तभी से गुटबाजी का खेल पार्टी के अंदर जारी है.

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