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बिहार में पहली बार मिनी-गैस्ट्रिक बाईपास से सर्जरी, IGIMS में दो महिलाओं के मोटापे का सफल ऑपरेशन

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 11, 2024, 4:21 PM IST

Updated : Jan 11, 2024, 7:13 PM IST

IGIMS में मोटापे का सफल ऑपरेशन
IGIMS में मोटापे का सफल ऑपरेशन

IGIMS Patna: पटना के IGIMS में मोटापे से ग्रसित मरीजों का अत्याधुनिक विधि से सर्जरी की जा रही है. IGIMS में पहली बार दो महिलाओं की मिनी-गैस्ट्रिक बाईपास विधि से सर्जरी की गई. पढ़ें पूरी खबर.

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पटना: बिहार में पहली बार मिनी-गैस्ट्रिक बाईपास विधि से सर्जरी की गयी. यह सर्जरी वजन घटने में बेहद कारगर है और इसके साइड-इफेक्ट बहुत कम हैं. IGIMS में विगत महीने मोटापे से ग्रसित दो मरीजों का सफल बेरिएट्रिक ऑपरेशन किया गया. दोनों मरीज मोटापे और उससे सम्बंधित विकारों से ग्रसित थे.

मिनी-गैस्ट्रिक बाईपास विधि से सर्जरी: छपरा निवासी 45 वर्षीय प्रियंका सिंह पिछले कई सालों से मोटापे से पीड़ित थी. उन्हें जोड़ो में दर्द, एसिडिटी, खर्राटे और आलस से परेशान थी. उनका वजन 96 किलो था. उन्हें पता चला की IGIMS में मोटापे की सर्जरी (बेरिएट्रिक सर्जरी) की सुविधा उपलब्ध है. जिसके बाद उन्होंने गैस्ट्रोसर्जरी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ साकेत कुमार से सलाह ली.

96 किलो से 79 किलो हुआ वजन: जांच पर पाया गया की मरीज के मोटापे के लिए सर्जरी ही बेहतर विकल्प है. जिसके बाद पिछले 13 दिसंबर को IGIMS में उनका ऑपरेशन लप्रोस्कोपिक विधि से किया गया. बिहार में पहली बार मिनी-गैस्ट्रिक बाईपास विधि की सर्जरी की गयी. ऑपरेशन के बाद मरीज का वजन 79 Kg हो गया है और वो बहुत अच्छा महसूस कर रही हैं.

पटना की बबिता शुक्ला की कहानी: वहीं पटना निवासी 50 वर्षीय बबिता शुक्ला भी मोटापे, गैस और गॉलब्लैडर में पथरी के रोग से ग्रसित थी. उनका वजन 92 किलो हो गया था और वो घुटने के दर्द से भी परेशान थी. इन्होंने IGIMS में डॉ मनीष मंडल से अपने बीमारी के संबंध में सलाह ली.

20 दिनों में 12 किलो घटा वजन: प्रारंभिक जांच के बाद इनको भी बेरिएट्रिक और गॉलब्लेडर की सर्जरी एक साथ करने की सलाह दी गयी. विगत 20 दिसंबर को इनका भी ऑपरेशन मिनी-गैस्ट्रिक बाईपास विधि से किया गया. ऑपरेशन के 20 दिनों में ही मरीज़ का वजन 12 किलो कम हो गया है और वो भी काफी चुस्त-दुरुस्त महसूस कर रही हैं.

बेरिएट्रिक सर्जरी से फायदा: IGIMS के सर्जिकल गैस्ट्रोलॉजी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ साकेत कुमार ने बताया कि "बेरिएट्रिक सर्जरी कई प्रकार की होती है. अब तक IGIMS में स्लीव गैस्ट्रेक्टमी विधि से ऑपरेशन किया जा रहा था. मगर अत्यधिक एसिडिटी वाले मरीजों में ये सर्जरी कारगर नहीं हैं. इसीलिए मिनी-गैस्ट्रिक बाईपास विधि से सर्जरी की गयी. ऑपरेशन के बाद दोनों का वजन अपेक्षा अनुसार कम हुआ हैं. ऑपरेशन से उनके अन्य मोटापा-संबंधित रोगों में भी लाभ मिलेगा."

ऑपरेशन के तीन दिन बाद छुट्टी: IGIMS के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट और गैस्ट्रो सर्जरी विभाग के विभाग अध्यक्ष डॉ मनीष मंडल ने बताया कि ऑपरेशन के बाद दोनों मरीज स्वस्थ हो रहे हैं. IGIMS में मोटापे के इलाज के लिए नूट्रिशनिस्ट, एंडोक्रिनोलोजिस्ट, श्वास-रोग विशेषज्ञ, हृदय-रोग विशेषज्ञ की टीम उपलब्ध हैं. ऑपरेशन के 3 दिनों के बाद मरीज़ों को हॉस्पिटल से छुट्टी मिल गयी थी. संस्थान में ये सुविधा बहुत ही कम खर्चे में उपलब्ध है.

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Last Updated :Jan 11, 2024, 7:13 PM IST
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