चमकी बुखार से निपटने के लिए IGIMS में विशेष तैयारी, कंट्रोल रूम से रखी जा रही हालातों पर नजर

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Published : May 4, 2022, 6:12 PM IST

IGIMS patna ready to deal with Chamki Fever

चमकी बुखार (Chamki Bukhar in Muzaffarpur) से निपटने के लिए मुजफ्फरपुर के साथ साथ पटना में भी स्वास्थ्य विभाग मुस्तैद है. आईजीआईएमएस में इस बार विशेष व्यवस्था की गई है.

पटना: लीची का मौसम आते ही मुजफ्फरपुर सहित उत्तर बिहार के कई जिलों में बच्चों में चमकी बुखार (Chamki Bukhar in bihar) का प्रभाव देखने को मिलता है. पिछले साल भी इस बुखार से कई बच्चों की मौत हुई थी. अब राज्य सरकार ने इसके इलाज की व्यवस्था आईजीआईएमएस में भी की है. आईजीआईएमएस में इसके लिए कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है और इसका नंबर भी जारी किया है.

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IGIMS में विशेष तैयारी: आईजीआईएमएस (IGIMS patna) के अधीक्षक मनीष मंडल (IGIMS Superintendent Manish Mandal) का कहना है कि इस मौसम में चमकी बुखार के मरीज मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर जिलों में मिलते हैं. ज्यादा बच्चे इससे प्रभावित होते हैं. वैसे सरकार ने कई अस्पताल में इसके इलाज की व्यवस्था की है लेकिन आईजीआईएमएस में इस बार विशेष व्यवस्था की गई है. मुख्य रूप से इस बुखार से पीड़ित बच्चे को सही दवा देने की जरूरत होती है. साथ ही ऐसे बच्चों को तमाम मेडिकल सुविधा तुरंत देने की जरूरत होती है इसलिए संस्थान में तमाम व्यवस्था कर ली गई है.

कंट्रोल रूम स्थापित: मनीष मंडल ने कहा कि वैसे बच्चे जो ज्यादा गंभीर रहेंगे निश्चित तौर पर आईजीआईएमएस में उसको भर्ती किया जाएगा और उसका इलाज भी करने के लिए डॉक्टरों की टीम तैयार कर ली गई है. यह एक ऐसी बीमारी है जिसका अभी तक सही से इलाज का पता नहीं चला है. लेकिन हम मानते हैं कि अगर सही समय पर चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों का इलाज हो जाए तो वह निश्चित तौर पर ठीक हो जाएंगे. वैसे मुजफ्फरपुर सीतामढ़ी, शिवहर सहित कई अस्पतालों में इसके इलाज की व्यवस्था पहले से ही सरकार ने कर रखी है. लेकिन विशेष परिस्थिति में आईजीआईएमएस भी कोई मरीज को लेकर आता है कि इसका इलाज यहां पर किया जाएगा. इसको लेकर कंट्रोल रूम भी हम लोगों ने स्थापित किया है. आईजीआईएमएस के साइट पर नंबर भी लगातार डिस्प्ले किया जा रहा है.

चमकी बुखार के लक्षण : इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम को आम भाषा में दिमागी बुखार कहा जाता है. इसकी वजह वायरस को माना जाता है. इस वायरस का नाम इंसेफेलाइटिस वाइरस है. इसे अक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (Acute Encephalitis Syndrome) यानी एईएस (AES) भी कहा जाता है. एईएस पीड़ित बच्चे की अचानक तबीयत बिगड़ जाती है. अचानक बच्चा कोमा में चला जाता है. इस बीमारी के सामान्य लक्षण होते हैं. गर्मी के दौरान इन लक्षणों को काफी गंभीरता से लेने की आवश्यकता है. तेज बुखार, सिर दर्द, गर्दन में अकड़न, उल्टी होना, सुस्ती, भूख कम लगना इत्यादि इसके लक्षण होते हैं. साथ ही बच्चे के मुंह में झाग निकलना और उसको झटका लगना. अगर बच्चों को सास लेने में दिक्कत हो या दांत बंद हो जाए. तो तुरंत उसे अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए.

इन बातों का रखें ध्यान : बच्चों को गंदे पानी के संपर्क में न आने दें. मच्छरों से बचाव के लिए घर के आसपास पानी न जमा होने दें. तेज धूप में बच्चों को बाहर नहीं निकलने दें. बच्चे में चमकी व तेज बुखार होते ही नजदीकी पीएचसी लेकर पहुंचे. अपने मन से और गांव के कथित डॉक्टरों से इलाज नहीं कराएं. पीएचसी, आशा, सेविका को जानकारी देने पर एम्बुलेंस की सुविधा मिलेगी. एम्बुलेंस से बच्चे को एसकेएमीएच में इलाज के लिए लाने में कोई परेशानी नहीं होगी. चमकी व तेज बुखार बीमारी है यह देवता व भूत प्रेत का लक्षण नहीं है. ओझा से झाड़फूंक करवाने की जगह सरकारी अस्पताल लेकर बच्चे को जाएं. स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं कि पीड़ित इंसान के शरीर में पानी की कमी न होने दें. बच्चों को सिर्फ हेल्दी फूड ही दें. रात को खाना खाने के बाद मीठा जरूर दें. बच्चों को थोड़ी-थोड़ी देर बार तरल पदार्थ देते रहें, ताकि उनके शरीर में पानी की कमी न हो.


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