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याद है... पॉलिटिकल साइंस को 'प्रोडिकल साइंस' बताने वाली रूबी राय, जो 2016 में बनी थी इंटर की 'Topper'

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Published : Mar 16, 2022, 10:19 PM IST

साल 2016 में रूबी राय ने आर्ट्स स्ट्रीम में टॉप किया था, लेकिन जब उससे पूछताछ की गई तो उसे अपने सब्जेक्ट के नाम तक ठीक से याद नहीं थे. रिव्यू टेस्ट में उसने पॉलिटिकल साइंस को ‘प्रोडिकल साइंस’ बोला और कहा कि इसमें खाना बनाना सिखाया जाता है. जांच के क्रम में यह साबित हुआ कि रूबी को फर्जी तरीके से टॉपर बनाया गया. इसके बाद बिहार टॉपर्स घोटाला (Bihar Toppers Scam) में शिक्षा माफियाओं पर कार्रवाई हुई.

2016 की इंटर आर्ट्स टॉपर रूबी राय
2016 की इंटर आर्ट्स टॉपर रूबी राय

पटना: बुधवार को बिहार बोर्ड इंटरमीडिएट परीक्षा के नतीजे (Bihar Board 12th Result 2022) घोषित हो गए हैं. इसके साथ ही एक बार फिर से रूबी राय चर्चा में आ गई है. 2016 की इंटर आर्ट्स टॉपर रूबी राय (Inter Arts Topper Ruby Rai in 2016) जिसकी वजह से देशभर में बिहार की जग हंसाई हुई थी. फर्जी तरीके से इंटर टॉपर का दर्जा हासिल करने वाली रूबी को हालांकि जेल की हवा भी खानी पड़ी थी लेकिन उस प्रकरण के बाद शिक्षा विभाग में माफिया राज का परत दर परत खुलासा होता चला गया.

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फर्जी तरीके से टॉपर बनी थी रूबी: दरअसल वैशाली जिले के सदर अनुमंडल अंतर्गत भगवानपुर के शर्मा अमर गांव की रूबी राय 2016 में इंटर का साइंस टॉपर बना थी लेकिन जब उससे पूछताछ की गई तो उसे अपने सब्जेक्ट के नाम तक ठीक से याद नहीं थे. मामला सामने आने पर बोर्ड ने हर संभव सफाई देने की कोशिश की. रिव्यू टेस्ट में उससे कई सवाल पूछे गए, मगर वो जवाब नहीं दे सकी. जिसके बाद ये साबित हो गया कि उसने खुद अपनी कॉपी नहीं लिखी थी.

पॉलिटिकल साइंस को 'प्रोडिकल साइंस' बताया: तब रूबी राय के एक जवाब के बाद ही सोशल मीडिया में 'प्रोडिकल साइंस' और 'प्रोडिकल साइंस गर्ल' शब्द ट्रेंड करने लगा था. पॉलिटिकल साइंस में 100 में 91 नंबर लाने वाली रूबी से जब पॉलिटिकल साइंस क्या है, पूछा गया था तो वो न केवल उसका जवाब नहीं दे पाई, बल्कि इस विषय का उच्चारण भी सही से नहीं कर सकी. उसने पॉलिटिकल साइंस को ‘प्रोडिकल साइंस’ बोला और कहा, कि इसमे खाना बनाना सिखाया जाता है.

माफिया राज का खुलासा: पॉलिटिकल साइंस को 'प्रोडिकल साइंस' बोलने के कारण बिहार की पूरी शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हुए. मामले की जांच के बाद कई सफेदपोश और बोर्ड के अधिकारियों पर गाज गिरी थी और बिहार इंटर टॉपर्स घोटाला सामने आया था. तब एफएसएल की रिपोर्ट में चौंकान वाले खुलासे हुए थे. जांच के मुताबिक, आर्ट्स टॉपर रूबी राय ने अपनी कॉपी खुद से नहीं लिखी थी और न ही उसे भरोसा था कि वो टॉप करेगी. मामले की जांच तब एसआईटी को दी गई थी और बच्चा राय, लालकेश्वर प्रसाद जैसे किंगपिन के नाम सामने आए थे.

रूबी को जाना पड़ा था हवालात: रूबी ने स्वीकार किया था कि उसने अपनी उत्तर पत्रिका नहीं लिखी थी. उसने यह भी कहा की वह सेकंड डिवीजन में पास होना चाहती थी लेकिन उसके चाचा बच्चा राय जो बिशुनराय कॉलेज के प्राचार्य हैं, उन्होंने टॉप करा दिया. बच्चा राय रूबी के पापा के खास दोस्त हैं. इस मामले के मुख्य आरोपी और शिक्षा माफिया के रूप में चर्चा में आया बच्चा राय समेत कई लोगों को जेल की हवा खानी पड़ी. फर्जी तरीके से इंटर टॉपर का दर्जा हासिल करने वाली रूबी राय भी गिरफ्तार हुई थी. हालांकि जेल की हवा खाने के बाद रूबी फिलहाल अपने गांव में अपने माता-पिता के साथ रहती है. इंटर टॉपर घोटाले के आरोपी रूबी के पिता एक रिटायर फौजी हैं और माता हाउसवाइफ हैं.

2017 में भी हुआ फर्जीवाड़ा: वहीं, साल 2017 में जब 12वीं का रिजल्ट जारी हुआ था, तो पता चला कि आर्ट्स स्ट्रीम में गणेश नाम के शख्स ने टॉप किया है लेकिन रिजल्ट जारी होने के बाद गणेश की उम्र को लेकर संदेश उठने लगे. रिजल्ट निकलने के तुरंत बाद वो लापता हो गया था. 5 दिन की पड़ताल के बाद आखिरकार ये साफ हो गया कि गणेश टॉपर नहीं था, उसने फर्जीवाड़ा किया है. बाद में उसने स्वीकार किया था कि उससे गलती हुई है. नौकरी करने के लिए उम्र छुपाई और दोबारा मैट्रिक और इंटर की परीक्षा दी थी.

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