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Bihar Politics: RCP सिंह के आवास पर हलचल, क्या कुछ बड़ा होने वाला है?

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Published : May 27, 2022, 1:22 PM IST

Updated : May 27, 2022, 2:03 PM IST

बिहार की राजनीति में आरसीपी सिंह की राज्यसभा उम्मीदवारी (Rajya Sabha Elections 2022) का मुद्दा छाया हुआ है. जब से केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह मुख्यमंत्री आवास में नीतीश से मिलकर लौटे हैं उनसे मिलने वालों का तांता लगा हुआ है. चर्चा है कि सीएम नीतीश की ओर से ऐसा क्या संकेत मिला है कि सभी नेता आरसीपी के आवास की ओर दौड़े जा रहे हैं.. ? पढ़ें पूरी खबर-

Bihar Politics
RCP Singh Rajya Sabha Candidate

पटना : मुख्यमंत्री आवास में गुरुवार की देर शाम का नजारा देखकर सभी को लगा कि जेडीयू में आरसीपी संकट (RCP Singh Rajya Sabha Candidate) खत्म हो गया है. लेकिन, आज सुबह जब सीएम नीतीश पंडित जवाहर लाल नेहरू की पुण्यतिथि पर नमन कर लौट रहे थे तो पत्रकारों ने फिर इसी मुद्दे को उठाया. सवाल पूछे जाने पर सीएम ने कहा कि जल्द ही आपको उम्मीदवारों के नाम पता चल जाएंगे. सवाल इस बात का है कि क्या सीएम हाउस में आरसीपी के उम्मीदवारी को लेकर बात बन गई? नहीं बनी तो फिर क्यों बीजेपी आरसीपी की राज्यसभा उम्मीदवारी के मुद्दे पर नीतीश के फैसले को बिहार के हित में लेने वाला फैसला घोषित कर रही है. कयास तमाम हैं लेकिन सभी वक्त की परत के नीचे दबे हुए हैं. जिस तरीके से आरसीपी के आवास पर नेताओं के आने का तांता लगा हआ है उसे देखकर यही लगता है कि 'दाल गल' चुकी है.

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मुख्यमंत्री से मिलने के आरसीपी सिंह अपने सरकारी आवास पर पहुंचे थे. उसी आवास पर अब समर्थकों का लगातार आना जारी है. हर कोई ये जानना चाहता है कि 1 घंटे चली मीटिंग में राज्यसभा उम्मीदवारी को लेकर क्या हुआ? अभी भी सस्पेंस बरकरार है. समर्थक डायरेक्ट आरसीपी सिंह से ही जान लेना चाहते हैं. लेकिन जिस तरीके से आरसीपी के समर्थक बाहर निकल रहे हैं उनके बॉडी लेंग्वेज से नहीं लगता कि आरसीपी सिंह ने अदंर हुई बातचीत को इन लोगों के सामने जाहिर किया होगा.

अभी अंदर की बात को आरसीपी भी बाहर नहीं आने देना चाह रहे हैं. इसके दो ही मायने हैं. पहला ये कि अभी सीएम नीतीश की ओर से राज्यसभा उम्मीदवारी को लेकर कोई संकेत नहीं मिले हैं. दूसरा ये कि इस मामले में नीतीश अति पिछड़ा कार्ड को चलना चाहते हैं. फिर भी सीएम नीतीश ने खुलकर कह दिया है कि जल्द ही उम्मीदवारों का नाम आप सभी के सामने होगा. यानी बिहार में जल्द ही कुछ बड़ा होने के संकेत मिल चुके हैं.

आरसीपी सिंह के सरकारी आवास पर पहुंचे विधायक रत्नेश सदा ने कहा कि वो निजी कार्य से मिलने पहुंचे हुए हैं. शादी का कार्ड देने पहुंचे थे. उन्होंने बताया कि राज्यसभा उम्मीदवारी के मुद्दे पर उनकी पार्टी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अधिकृत किया हुआ है. नीतीश कुमार ही उम्मीदवार का ऐलान करेंगे. तो वहीं जेडीयू के सवर्ण प्रकोष्ठ के पूर्व अध्यक्ष नीतीश टनटन ने मुलाकत कर मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि.-'हम पार्टी लोग पार्टी के कार्यकर्ता हैं. आरसीपी बाबू हम लोगों के नेता हैं तो हम लोग चाहेंगे कि राज्यसभा का टिकट उन्हे ही मिले. यह सीट भी उनकी थी इसलिए कोई दिक्कत नहीं है.'

बता दें कि केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह के राजनीतिक भविष्य पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. आरसीपी सिंह (RCP Singh Rajya Sabha Candidate) के राज्यसभा (Rajya Sabha Elections 2022) टिकट पर फैसला नहीं लिया जा सका है. आरसीपी सिंह और उनके समर्थकों की निगाहें अब नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) पर टिकी हैं. आरसीपी सिंह की बीजेपी से बढ़ती नजदीकियों ने भी सीएम नीतीश कुमार के लिए मुश्किलें बढ़ाने का काम किया है. इस बीच दिल्ली से पटना लौटे सिंह ने साफ-साफ शब्दों में कहा है कि राज्यसभा भेजना सीएम के हाथ में है.

''मैंने जदयू में आरंभ से संगठन के विस्तार के लिए काम किया. हर समय कार्यकर्ताओं के सम्मान के लिए प्रयास किए. पार्टी को कैसे बूथ स्तर पर पुहंचाया जाय इसके लिए पूरी लगन से काम किया. अब पार्टी को फैसला करना है कि उन्होंने जदयू के लिए क्या किया. पार्टी के संगठन महासचिव व राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में बिहार का दौरा कर कार्यकर्ताओं के सुख दुख में शामिल हुआ. अब जदयू कैडर बेस पार्टी बनकर अन्य दलों से मजबूत स्थिति में है.''- रामचन्द्र प्रसाद सिंह, केन्द्रीय इस्पात मंत्री

विधायकों को गोलबंद करने में जुटे हैं आरसीपी : नीतीश कुमार के लिए भी केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह और राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के झगड़े को सुलझाना आसान नहीं है. ललन सिंह जहां जिद पर अड़े हैं. वहीं आरसीपी सिंह अपने पक्ष के विधायकों की गोलबंदी में जुटे हैं. मिल रही जानकारी के मुताबिक आरसीपी सिंह 17 विधायकों का समर्थन जुटा रखा है. यह बात दीगर है कि आरसीपी सिंह के दावत-ए-इफ्तार कार्यक्रम में तीन विधायक पहुंचे थे.

10 जून को मतदान: बिहार समेत पंद्रह राज्यों की 57 राज्यसभा सीटों (5 सीट बिहार की) के लिए 10 जून को चुनाव होंगे. जून और अगस्त महीने के बीच इन सीटों का प्रतिनिधित्व कर रहे सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है. इन चुनावों के नतीजे आने के बाद उच्च सदन में जहां अकाली दल का प्रतिनिधित्व समाप्त हो जाने के आसार हैं, वहीं हाल ही में राज्यसभा में 100 सदस्यों का आंकड़ा पार करने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की संख्या कम होने की संभावना है.

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Last Updated :May 27, 2022, 2:03 PM IST
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