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नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के खिलाफ दर्ज हो आचार संहिता का मामला: संजय जायसवाल

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Published : Dec 1, 2022, 6:48 PM IST

बिहार में नगर निकाय चुनाव को लेकर आचार संहिता लागू (Code of conduct implemented in Bihar) है. भाजपा ने आरोप लगाया कि आचार संहिता के दौरान कई कार्यक्रमों का उद्घाटन और शिलान्यास किया गया. भाजपा ने चुनाव आयोग से आचार संहिता उल्लंघन मामले में नीतीश कुमार और तेजस्वी समेत अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की है.

संजय जायसवाल
संजय जायसवाल

पटना:बिहार में नगर निकाय चुनाव को लेकर आचार संहिता लागू है. आचार संहिता के दौरान कई कार्यक्रमों का उद्घाटन और शिलान्यास किया गया. ये आरोप भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने (Sanjay Jaiswal allegation on Nitish) लगाये हैं. भाजपा ने चुनाव आयोग से आचार संहिता उल्लंघन मामले में नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव और संबंधित विभाग के सचिव और प्रधान सचिव के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की है.

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आचार संहिता उल्लंघन मामले में नीतीश और तेजस्वी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग.

'आचार संहिता के दौरान ही नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने राजगीर और फिर गया में उद्घाटन शिलान्यास किए जो खुल्लम-खुल्ला आचार संहिता का उल्लंघन है. उन्होंने कहा कि आचार संहिता उल्लंघन मामले में नीतीश कुमार, तेजस्वी समेत तमाम संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए'-संजय जायसवाल, प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा

आचार संहिता का उल्लंघनः भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि आचार संहिता के दौरान ही नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने राजगीर और फिर गया में उद्घाटन शिलान्यास किए जो खुल्लम-खुल्ला आचार संहिता का उल्लंघन है. उन्होंने कहा कि आचार संहिता उल्लंघन मामले में नीतीश कुमार, तेजस्वी समेत तमाम संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, नहीं तो हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि हमारे विधायकों को शहर में या नगर में उद्घाटन और शिलान्यास को लेकर रोका जाता है. आचार संहिता का हवाला दिया जाता है.

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सरकार की मंशा पर सवाल: भाजपा नेता ने आरोप लगाये कि नगर निकाय चुनाव को लेकर बिहार सरकार जल्दबाजी में है. आनन-फानन में चुनाव की तारीखों का ऐलान भी कर दिया गया. भाजपा ने सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं. पार्टी की ओर से कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट तथा हाईकोर्ट के ट्रिपल टेस्ट संबंधी दिशानिर्देशों के अनुरूप कार्रवाई नहीं की गई है जिसके कारण चुनाव तथा चुनाव में ईबीसी आरक्षण के बारे में अभी भी संशय की स्थिति बनी हुई है.

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चुनाव आयोग पर सवालः सरकार ने खाना पूर्ति तथा लीपापोती के उद्देश्य से एक पुराने संकल्प के आधार पर अति पिछड़ा वर्गों के लिए राज्य आयोग का गठन तो कर दिया, लेकिन यह आयोग ना डेडीकेटेड है और ना ही इंडिपेंडेंट है यह पूर्णता दस्त खतिया आयोग है. संजय जायसवाल ने राज्य चुनाव आयोग के निष्पक्ष होने पर सवाल उठाये.

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