ETV Bharat / state

बैंकों के निजीकरण के खिलाफ सड़क पर उतरे बैंककर्मी

author img

By

Published : Mar 15, 2021, 3:32 PM IST

बैंकों के निजीकरण के खिलाफ दो दिवसीय बैंक हड़ताल का पहला दिन काफी असरदार रहा. पटना में विभिन्न बैंकों के कर्मी अपने-अपने बैंक के सामने हड़ताल पर रहे. इस दौरान बैंक के निजीकरण का फैसला वापस लेने की मांग की गई और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई.

पटना
पटना

पटना: बैंकों के निजीकरण के खिलाफ यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आह्वान पर बैंककर्मियों ने 15 और 16 मार्च को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आयोजन किया गया है. इसी कड़ी में राजधानी पटना में भी सभी बैंककर्मी अपने-अपने बैंक के सामने हड़ताल पर बैठे हैं और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबारी कर रहे हैं.

बता दें कि 1 फरवरी 2021 को पेश हुए आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की थी कि सावर्जनिक क्षेत्र के बैंकों का निजीकरण किया जाएगा. हालांकि उन्होंने बैंकों का नाम नहीं बताया था. ऐसे में ग्राहक और बैंकों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि कौन-कौन से बैंकों का आने वाले दिनों में निजीकरण होने जा रहा है.

बिहार बैंक यूनियन के नेता ने बताया कि बैंकों के निजीकरण को लेकर बाजार और निवेशकों का मूड भांपने के लिए निजीकरण के पहले दौर में सरकार मंझोले और छोटे बैंकों का सिलेक्शन कर रही है. उनके मुताबिक अगर निवेशकों का रुझान सही रहता है तो आने वाले समय में सरकार अपेक्षाकृत कुछ बड़े बैंकों का निजीकरण पर भी विचार कर सकती है. जिसका बैंक इंप्लाइज फेडरेशन विरोध कर रही है.

ये भी पढ़ेंः बंगाल चुनाव पर ईटीवी भारत से बोले गडकरी, जनता चाहती है 'परिवर्तन', हम बदलेंगे तस्वीर

केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीयकृत बैंकों के निजीकरण की नीति का विरोध किया जा रहा है. इसी कड़ी में यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन द्वारा निजीकरण के विरोध में 15 और 16 मार्च को बैंक के हड़ताल का समर्थन भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी भी कर रही है. माले नेता महबूब आलम ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान आरोप लगाया कि देश का हर तबका केंद्र सरकार की कॉर्पोरेट परस्त नीतियों से तबाह है. अपने-अपने ढंग से उसका प्रतिरोध भी किया जा रहा है. संगठित और एकजुट संघर्ष से ही खेती से लेकर बैंक तक को निजी हाथों में बेचने से बचाया जा सकता है. अगर ऐसा नहीं हुआ तो बैंक कर्मचारी और किसानों की स्थिति दयनीय हो जाएगी और महंगाई अपने चरम पर पहुंच जाएगी.

देखें वीडियो

ये भी पढ़ेंः निजीकरण के खिलाफ बैंक कर्मियों के हड़ताल से 70 हजार करोड़ का टर्न ओवर रुकने का अनुमान

उन्होंने कहा कि 2 या 4 बैंकों के निजीकरण का मसला नहीं है. बैंकों के निजीकरण से हो रहे समस्या को लेकर चिंतित हैं. 9 फरवरी को हैदराबाद में यूनाइटेड फोरम के सेंट्रल यूनिट के बैठक में निर्णय लिया गया था कि आगामी 15 और 16 मार्च को देशव्यापी आंदोलन किया जाएगा. इसके बावजूद भी सरकार हमारी मांगों को अगर नहीं मानती है तो अनिश्चितकालीन हड़ताल किया जाएगा.

ये भी जानेंः

  • देशभर में सभी बैंकों को मिलाकर लगभग 13 लाख कर्मचारी काम कर रहे है.
  • सरकारी सूत्रों के मुताबिक निजी करण की प्रक्रिया में 6 माह का समय लग सकता है.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.