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अब ये दर्द सहा नहीं जाता... रोजी-रोटी के लिए परदेस जा रहे मजदूरों ने बयां की मजबूरी

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Published : Jun 28, 2021, 10:09 AM IST

मजदूरों का पलायन
मजदूरों का पलायन

कोरोना के खौफ से अपने राज्य बिहार लौटे मजदूरों को सरकार ने रोजगार देने का वादा किया था. लेकिन कई महीने बीत जाने के बाद जब परिवार के सामने रोजी-रोटी का संकट आ गया, तो फिर से काम की तलाश में बड़ी संख्या में मजदूर परदेस पलायन करने को मजबूर हैं. देखें रिपोर्ट...

पटनाः कोविड महामारी (Covid Pandemic) से कारण दूसरे प्रदेशों से बिहार लौटे मजदूरों (Laborers Returned To Bihar) का एक बार फिर बड़े पैमाने पर पलायन (Migration) शुरू हो गया है. बिहार की अर्थव्यवस्था (Economy Of Bihar) ज्यादातर कृषि पर आधारित है. आपदाओं के दंश (Havoc Of Disaster) के कारण किसान और खेतों में काम करने वाले मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट है. लिहाजा बिहार से बड़े पैमाने पर मजदूर कमाने के लिए दूसरे प्रदेशों का रुख कर रहे हैं.

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"कोरोना के डर से घर तो लौट गए, लेकिन काम नहीं मिलने के कारण परिवार चलाना मुश्किल हो गया था. मेरे परिवार में सात लोग हैं. खाने-पीने में काफी दिक्कत हो रही थी. तब जाकर अंत में कमाने के लिए हरियाणा जाने का फैसला किया है."- सुशील कुमार, मजदूर

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सरकार के दावे हुए धराशायी
कोविड संक्रमण के कारण जब दूसरे राज्यों से बड़े पैमाने पर मजदूर अपने राज्य लौट रहे थे, तब राज्य सरकार ने उन्हें रोजगार मुहैया करवाने का दावा किया था. लेकिन हालात सामान्य होने के बाद मजदूरों का कारवां एक बार फिर रोजगार की तलाश में निकल पड़ा है.

यात्री ट्रेनों में ठूंस-ठूंसकर जा रहे मजूदर
यात्री ट्रेनों में ठूंस-ठूंसकर जा रहे मजूदर

"मैं अरवल का रहने वाला हूं. पढ़ाई में काफी मन लग रहा था. मैट्रिक भी पास कर गया लेकिन पैसे के अभाव में आगे की पढ़ाई छूट गई. घर में बूढ़े मां-बाप हैं. उनकी देखभाल और भरण पोषण के लिए कमाने जाने के लिए मजबूर हूं."- अभिषेक, परदेस जा रहा युवक

मजदूर फिर मजबूर...
कोरोना की दूसरी लहर की शुरुआत के दौरान ये मजदूर अपने राज्य लौटे थे. तब पूछे जाने पर उन्होंने कहा था कि अब घर पर ही रहना है. परिवार के साथ रहकर ही कमाना-खाना है. सरकार के दावों से आश्वासन मिला था, लेकिन कई महीने बीत जाने के बाद भी जब रोजगार नहीं मिला तब मजदूर फिर मजबूर हो गया.

काम की तलाश में मजदूर
काम की तलाश में मजदूर

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बिहार सरकार राज्य में उद्योग लगाने और लोगों को रोजगार देने के तमाम दावे तो कर रही है, लेकिन जमीनी हकीकत इससे काफी अलग है. अब महत्वपूर्ण सवाल ये कि तमाम प्रयासों और कोशिशों के बाद भी मजदूरों की आज ये दशा क्यों है?

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