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Chhath Puja 2022: छठ में चढ़ने वाले इन प्रसादों का है खास महत्व, छठी मईया होती हैं प्रसन्न

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Published : Oct 27, 2022, 12:06 PM IST

नहाय खाय के साथ शुरू होने वाला महापर्व छठ (chhath puja 2022) का पहला दिन 28 अक्टूबर को है. छठी मईया को जो प्रसाद चढ़ाया जाता है उसकी कई विशेषताएं होती हैं. सुप में चढ़ने वाले प्रसाद का हमारे सेहत से भी संबंध होता है. आइए जानते हैं कि छठी मईया को चढ़ने वाले प्रसाद क्यों है खास.

छठ का प्रसाद
छठ का प्रसाद

पटना: चार दिनों तक चलने वाले छठ महापर्व की महिमा से सभी वाकिफ है. व्रतधारी लगातार 36 घंटे का व्रत रखते हैं. व्रत के दौरान वह पानी भी ग्रहण नहीं करते हैं. छठ में जितने भी चीजों का प्रयोग छठी मईया को प्रसाद (Prasad Of Chhath Puja) स्वरुप चढ़ाने के लिए किया जाता है, वे सभी छठी मईया को तो अतिप्रिय होते ही साथ ही हमारे स्वास्थ्य के लिए भी ये तमाम चीजें फायदेमंद होती हैं.

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छठ का महाप्रसाद: छठ के प्रसाद में सबसे महत्वपूर्ण ठेकुआ को माना जाता है. व्रती बताते हैं कि इस पर्व में शुद्धता का काफी महत्व होता है. इसलिए ठेकुए को मिट्टी के चूल्हे पर आम की लकड़ी की लौ जलाकर बनाया जाता है. इसे गुड़ और आटे से बनाया जाता है. छठ के साथ सर्दी की शुरुआत हो जाती है और ऐसे में ठंड से बचने और सेहत को ठीक रखने के लिए गुड़ बेहद फायदेमंद होता है. इसके साथ ही कई तरह के फल सूर्य देव को अर्पण किए जाते हैं. केला, पांच गन्ने जिसमें पत्ते लगे हों, नारियल, नींबू ये सब छठी मईया को प्रिय माने जाते हैं. इसके अलावा हल्दी, मूली और अदरक का हरा पौधा, बड़ा वाला मीठा नींबू, शरीफा,और नाशपाती भी छठ पूजा के दौरान सूर्य देवता को अर्पण किया जाता है. इसके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है.

नई फसल का प्रसाद अर्पण करें: सूर्य की कृपा से ही फसल उत्पन्न होती है और इसलिए छठ में सूर्य को सबसे पहले नई फसल का प्रसाद चढ़ाया जाता है. साथ ही छठ की पूजा में चावल के लड्डू भी चढ़ाए जाते हैं. इन लड्डुओं को विशेष चावल से बनाया जाता है. इसमें इस्तेमाल होने वाले चावल धान की कई परतों से तैयार होते हैं. आपको बता दें कि इस दौरान चावलों की भी नई फसल होती है और इसलिए जैसा माना जाता है कि छठ में सूर्य को सबसे पहले नई फसल का प्रसाद अर्पण किया जाना चाहिए. इसलिए चावल के लड्डू को भोग में चढ़ाने की परंपरा है. इसलिए इन तमाम चीजों का छठ में खासा महत्व होता है. वहीं हिंदू धर्म की किसी भी पूजा में सुपारी का खास महत्व है. किसी भी पूजा का संकल्प बिना पान सुपारी नहीं होता है. सुपारी पर देवी लक्ष्मी का प्रभाव माना जाता है.

भोग लगाने से प्रसन्न होती हैं मईया: छठी मईया को सिंघाड़ा फल या पानी फल भी चढ़ाया जाता है. पानी में रहने के कारण जल सिंघाड़ा सख्त हो जाता है, इसलिए पशु-पक्षी इसे झूठा नहीं कर पाते है. यह लक्ष्मी का प्रिय फल माना जाता है. साथ ही इस फल में बहुत से औषधीय गुण मौजूद होते हैं. माना जाता है कि छठी मईया को या सारी चीजें बहुत पसंद होती है इसलिए इनका भोग लगाने से मईया प्रसन्न होती है और मनवांछित मनोकामना पूर्ण होती है.

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