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Nitish Vs Kushwaha : बोले उपेन्द्र कुशवाहा- नीतीश के 'अगल-बगल' वाले लोग.. और पार्टी खत्म'

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Published : Feb 2, 2023, 6:08 PM IST

Updated : Feb 2, 2023, 6:17 PM IST

उपेन्द्र कुशवाहा इतनी आसानी से जेडीयू से इस्तीफा नहीं देने वाले. उन्होंने इस बार सीएम नीतीश कुमार को नसीहत देते हुए अगल-बगल वालों से अलर्ट रहने को कहा है. उपेन्द्र कुशवाहा ने माना कि वो कमजोर हुए हैं. लेकिन इसलिए नहीं कि वो खुद कमजोर हैं, बल्कि इसलिए क्योंकि अगल-बगल वालों से पार्टी कमजोर हुई है, नीतीश कुमार भी कमजोर हुए हैं. उन्होंने एक बार फिर अपनी बात रखने के लिए राष्ट्रीय कार्यकारिणी बुलाने की मांग की है.

जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा
Nitish Vs Kushwaha

उपेन्द्र कुशवाहा, जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष

पटना : जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा को लेकर पार्टी में उहापोह की स्थिति बनी हुई है. उपेन्द्र कुशवाहा शीर्ष नेतृत्व पर उंगली उठाने के बावजूद भी अभी तक पार्टी में बने हुए हैं और जेडीयू को पटरी पर लाने की जुगत में लगे हुए हैं. हर प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुशवाहा खुद को विक्टिम बताकर नीतीश को 'साजिशकर्ता' से सावधान कर रहे हैं. उपेन्द्र कुशवाहा के मुताबिक नीतीश उन लोगों को समझ नहीं पा रहे हैं. यही नहीं, उपेन्द्र कुशवाहा 'डील का मुद्दा' उछालकर भी खुद को सेफ जोन में मान रहे हैं. वो जेडीयू के अंदर 'फ्रंटफुट' पर खेल रहे हैं. इस बार भी उनके निशाने पर सीएम नीतीश कम लेकिन 'अगल-बगल' वाले ज्यादा हैं.

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''आज की तारीख में नीतीश अपनी इच्छा से कोई फैसला नहीं ले रहे हैं. उनके अगल बगल वाले जिस तरह से कोशिश कर रहे हैं और वो अगल-बगल वाले लोग सफल भी हो रहे हैं. पूरे बिहार से जेडीयू का सीन खत्म हो रहा है. उपेन्द्र कुशवाहा कमजोर हो रहे हैं. नीतीश कुमार भी कमजोर हो रहे हैं. हम पार्टी को मजबूत करना चाहते हैं और पार्टी को पटरी पर लाना चाहते हैं.''- उपेन्द्र कुशवाहा, जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष

जेडीयू को 'अगल बगल' वाले से दिक्कत? : उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि जनता नहीं चाहती है कि इसतरह की डील अंदरखाने में हो, हमें नीतीश और तेजस्वी की डील के बारे में कोई जानकारी नहीं है. हमको जानकारी रहती तो हम क्यों पूछते? उनके अगल बगल वाले लोग जिस तरह से कोशिश कर रहे हैं वो सफल भी हो रहे हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज की तारीख में अपनी इच्छा से कोई निर्णय नहीं ले रहे हैं. ये हम नहीं, सभी कार्यकर्ता कह रहे हैं. राज्य में किसी भी जेडीयू दफ्तर के बाहर चले जाइए. ऑफ द कैमरा आपको कार्यकर्ता बता देंगे कि मामला क्या है? पूरे बिहार में पार्टी ही सीन से खत्म होती जा रही है. इसमें उपेन्द्र कुशवाहा कैसे दिखेंगे?

'पार्टी को पटरी पर लाना चाहते हैं' : हमारी कोई नाराजगी नहीं है. हम पार्टी को पटरी पर लाना चाहते हैं. हम पार्टी की मजबूती के लिए अपनी बात कह रहे हैं. पार्टी मीटिंग में हमें बुलाए तो हम वहां भी जाकर अपनी बात कहेंगे. हमें जब सीएम बुलाएंगे तो हम जाएंगे. गौरतलब है कि उपेन्द्र कुशवाहा अपनी हर प्रेस कॉन्फ्रेंस में राष्ट्रीय कार्यकारिणी बुलाने की भी मांग करते रहे हैं.

75 लाख कार्यकर्ताओं का सच क्या? : जेडीयू और नीतीश कुमार जी दावा कर रहे हैं कि 75 लाख कार्यकर्ता हो गया है. ये ठीक वैसे ही जैसे 2020 के विधानसभा चुनाव में जब रैली हो रही थी तब जेडीयू ने रैली बुलाई जिसमें गांधी मैदान में 5 हजार लोग भी नहीं आए. उस वक्त खुद सीएम नीतीश भी मौजूद थे. तब तो डेढ़ लाख लोगों के आने के दावे किए जा रहे थे.

जेडीयू का जनाधार कमजोर हुआ : महात्मा फूले की जयंती मनाने के लिए कोई इजाजत कोई दे न दे फिर भी उपेन्द्र कुशवाहा उनकी जयंती मनाएगा. जेडीयू का जनाधार जो ढीला पड़ रहा है वो फिर से इकट्ठा हो. रामेश्वर महतो जी ने जिनका नाम लिया है वो बिल्कुल दोषी नहीं है. वो लोग मोहरा बनाए जा रहे हैं. उसके पर्दे के पीछे कोई और है. ये लोग बेचारे हैं. जेडीयू का जनाधार कमजोर क्यों हो रहा है वो पार्टी की बैठक में बताएंगे. जो लोग इसतरह की फालतू बात कह रहे हैं. वो लोग मुद्दे को भटका रहे हैं.

Last Updated :Feb 2, 2023, 6:17 PM IST
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