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Caste Census Report: जदयू के सांसद और महासचिव ने जाति गणना के आंकड़ों को बताया गलत, नीतीश के सामने रखी ये मांग

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 5, 2023, 10:22 PM IST

बिहार में जातीय गणना की रिपोर्ट जारी होने के बाद सियासत थम नहीं रहा है. अभी तक जाति आधारित गणना को लेकर बीजेपी और विपक्ष के अन्य दल के नेता ही नीतीश सरकार पर कई तरह के आरोप लगा रहे थे, लेकिन अब खुद नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के सांसद द्वारा ही जातीय गणना के आंकड़ों पर सवाल खड़ा किया गया है. पढ़ें, विस्तार से.

Caste Census Report
Caste Census Report

जदयू के प्रदेश महासचिव प्रगति मेहता.

पटना: जदयू के महासचिव प्रगति मेहता ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर जातीय गणना के आंकड़ों में गड़बड़ी की आशंका जतायी है. प्रगति मेहता ने धानुक समाज की आबादी की सही ढंग से गिनती नहीं किए जाने का आरोप लगाया है और फिर से जातीय गणना करने की मांग की है. जदयू सांसद सुनील कुमार पिंटू ने जातीय जनगणना में तेली समाज की आबादी कम दिखाये जाने पर नाराजगी जताई है. 8 अक्टूबर को पटना में तेली समाज की बैठक बुला ली है.

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'बिहार सरकार ने 2 अक्टूबर को जातीय गणऩा की जो रिपोर्ट जारी की है वह बिल्कुल भी सही नहीं है. तेली समाज का मैं संयोजक हूं और कई जिलों में अपने समाज के लोगों से बात की तो पता चला कि कई जगहों पर तेली समाज के लोगों, टोलों में गिनती नहीं कई गई और आंकड़े फर्जी तरीके से लिख लिए गए हैं.'- सुनील कुमार पिंटू, जदयू सांसद

जदयू सांसद ने तेली समाज की बुलायी बैठकः जेडीयू सांसद सुनील कुमार पिंटू ने कहा कि गणना की रिपोर्ट में तेली समाज की संख्या 2.81 परसेंट बतायी जा रही है जो कि गलत है. इसलिए तेली समाज के लोग इस जातीय गणना को खारिज करते हैं. जेडीयू सांसद ने सीएम नीतीश कुमार से मांग की है कि वो फिर से जातीय गणना करायें. जेडीयू सांसद ने कहा कि जातीय गणना की रिपोर्ट के खिलाफ 8 अक्टूबर को पटना में तेली समाज की बैठक बुलायी है.


प्रगति मेहता ने रिपोर्ट ठीक कराने की मांग कीः जदयू के प्रदेश महासचिव प्रगति मेहता ने जातीय जनगणना की रिपोर्ट को गलत बताते हुए सीएम नीतीश कुमार को पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने लिखा है कि बिहार के आधा दर्जन से ज्यादा जिलों में धानुक जाति की बहुलता है, लेकिन बिहार में इनका प्रतिशत मात्र 2.13 प्रतिशत बताया गया है. जो कि गलत है. प्रगति मेहता ने सीएम को पत्र लिखकर यह मांग की है कि धानुक जाति की आबादी का सही आकलन करने का निर्देश अधिकारियों को दिया जाए. रिपोर्ट को ठीक तरह से प्रकाशित किया जाए.


भाजपा के नेता पहले से लगा रहे आरोप: जातीय गणना रिपोर्ट जारी होने के बाद बीजेपी की तरफ से कई नेताओं ने सवाल खड़ा किया था. पटना के सांसद रवि शंकर प्रसाद ने तो आरोप लगाया कि उनसे कोई मिलने तक नहीं आया. यही आरोप उपेंद्र कुशवाहा ने भी लगाया और रिपोर्ट को गलत तरीके से तैयार करने की बात कही. लेकिन अब जदयू में ही बवाल मच गया है. जदयू के सांसद और संगठन के नेताओं के तरफ से ही रिपोर्ट को खारिज किया जा रहा है और फिर से जातीय गणना करने की मांग मुख्यमंत्री से की जा रही है.

बिहार में जातिगत गणना का आंकड़ा जारीः सोमवार दो अक्टूबर को पटना में प्रभारी मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने जातिगत गणना के आंकड़े को जारी किया था. विभागीय जानकारी के अनुसार 215 जातियों का आंकड़ा जारी कर दी गयी है. सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में 36 फीसदी अत्यंत पिछड़ा, 27 फीसदी पिछड़ा वर्ग, 19 फीसदी से थोड़ी ज्यादा अनुसूचित जाति और 1.68 फीसदी अनुसूचित जनजाति बताई गई है. जातीय गणना में बिहार की कुल आबादी 13, 01725310 है.

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