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बोले उपेंद्र कुशवाहा- जातीय जनगणना जरूरी, पिछड़ों को योजनाओं का लाभ दिलाने में होगी मददगार

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Published : Aug 25, 2021, 7:04 PM IST

JDU leader Upendra Kushwaha
JDU leader Upendra Kushwaha

जदयू के विधान पार्षद उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने जातीय जनगणना को देश के लिए जरूरी बताया है. साथ ही उन्होंने कहा कि इससे जातियों की आर्थिक स्थिति का सही सही पता चल पाएगा. पढ़िए पूरी खबर..

पटना: जेडीयू नेता उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने जातीय जनगणना (Caste Census) को देश के लिए जरूरी बताया है. उन्होंने कहा कि इससे पिछड़ों तक योजनाओं का लाभ पहुंचेगा. दरअसल, पटना के कृष्णा स्मारक सभागार में पूर्व मुख्यमंत्री बी पी मंडल (BP Mandal) की जयंती के अवसर पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया जिसमें जदयू के विधान पार्षद उपेंद्र कुशवाहा भी मौजूद रहे. इस दौरान उपेंद्र कुशवाहा ने जातीय जनगणना को जरूरी बताया.

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उपेंद्र कुशवाहा ने बीपी मंडल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. साथ ही उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना देश के लिए बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा कि यही कारण है कि जो असली सरकारी योजनाओं के लाभ के हकदार हैं, उन तक वह लाभ अभी तक नहीं पहुंच पाया है. उन्होंने कहा कि इसको लेकर बिहार सरकार ने पहल की है और जिस तरह से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रतिनिधिमंडल के साथ जाकर प्रधानमंत्री से मुलाकात की है उससे उम्मीद है कि बिहार में जातीय जनगणना होगी. उसके बाद ही जातियों के आर्थिक स्थिति के बारे में पता चलेगा.

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प्रधानमंत्री ने इस बार काफी गौर से बिहार के प्रतिनिधि मंडल की बातों को सुना है और वह भी यह बात जानते हैं कि 1931 से लेकर अभी तक जाति जनगणना नहीं हुई है. जो पिछड़े वर्ग है जो दलित है उन्हें काफी नुकसान हो रहा है. समाज के उस वर्ग को फायदा पहुंचाने के लिए जातीय जनगणना जरूरी है.- उपेंद्र कुशवाहा,जेडीयू नेता

उपेंद्र कुशवाह से जब पूछा गया कि बीजेपी के नेता जातीय जनगणना को लेकर अलग-अलग बयान दे रहे हैं. इस पर उन्होंने साफ-साफ कहा कि वह उनका निजी बयान हो सकता है. लेकिन प्रधानमंत्री से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में बीजेपी के लोग शामिल थे. बीजेपी के अधिकांश लोगों का यह मत है कि बिहार में जातीय जनगणना हो.

बता दें जातीय जनगणना का मुद्दा देश में जोर शोर से उठ रहा है. सोमवार को बिहार के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने पीएम मोदी से मुलाकात कर जातीय जनगणना कराने की मांग की थी. प्रतिनिधि मंडल में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar), नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav), पूर्व सीएम जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi), कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा (Ajit Sharma), वीआईपी प्रमुख एवं मंत्री मुकेश सहनी (Mukesh Sahni) सहित वाम दलों के नेता भी मौजूद थे. कुल 10 दलों के 11 नेता थे.

वहीं, बीजेपी जातीय जनगणना के पक्ष में नहीं है. बीजेपी का कहना है कि केंद्र सरकार हर वर्ग के लोगों का विशेष ख्याल रख रही है. सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में बीजेपी की तरफ से मंत्री जनक राम थे. उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना की मांग की आड़ में वोट बैंक की सियासत हो रही है. जिन लोगों ने हमेशा पिछड़ों, गरीबों को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया, वही जातीय जनगणना कराने की मांग कर रहे हैं. जो लोग इसकी मांग कर रहे हैं, उनकी बिहार से लेकर केंद्र तक में सरकार रह चुकी है. तब उन्होंने जातीय जनगणना क्यों नहीं कराई. जातीय जनगणना पर एक तरफ बीजेपी अकेले और दूसरी तरफ सभी पार्टियां दिख रही हैं.

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