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बिहार के अब हर जिले में खोले जाएंगे भूकंप क्लीनिक, जानिए क्या है इसकी विशेषता और लक्ष्य

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Published : Nov 16, 2022, 10:34 PM IST

बिहार के हर जिले में खोले जाएंगे भूकंप क्लीनिक
बिहार के हर जिले में खोले जाएंगे भूकंप क्लीनिक

बिहार में भूकंप से बचाव के लिए यूनिक पहल शुरू होने जा रहा है. राज्य सरकार ने राज्य के हर जिले में एक भूकंप क्लीनिक (Earthquake clinic in every district) खोलने का फैसला किया है. तीन साल पहले भागलपुर और मुजफ्फरपुर में ऐसे क्लीनिक को खोला जा चुका है.

पटना: भूकंप का डर हर किसी को होता है, भूकंप के नाम से ही शरीर में सिहरन हो जाती है. देश के अलग-अलग हिस्सों में भूकंप के हल्के फुल्के झटके भी आते रहते हैं. केंद्र सरकार की तरफ से भूकंप से ज्यादा नुकसान न पहुंचे इसके लिए कई तरह की पहल भी की जाती रही है. ऐसी ही एक यूनिक पहल बिहार में शुरू हुई है. राज्य सरकार ने राज्य के हर जिले में एक भूकंप क्लीनिक खोलने (Earthquake clinic will be open in every district) का फैसला किया है. ज्ञात हो कि राजधानी पटना के अलावा मुजफ्फरपुर, भागलपुर में भूकंप क्लीनिक खोले जा चुके हैं.

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एनडीआरएफ की टीम कर रही लोगों को जागरूक: दरअसल इस भूकंप क्लीनिक में एनडीआरएफ की टीम (Team Of NDRF) भूकंप की मॉक ड्रिल दिखा कर लोगों को इसके खतरे के बारे में आगाह कर रही है. साथ ही यह भी जानकारी दे रही है कि भूकंप से कैसे बचा जा सकता है. इस क्लीनिक में यह भी जानकारी दे रही है कि मकान को कैसे बनवाएं. भूकंप में क्षतिग्रस्त हो चुके मकानों को दोबारा कैसे बनवाएं और भूकंप के आने पर खुद की जान कैसे बचाएं, इसकी जानकारी दी जा रही है.


राज्य के तीन जिलों में खोला जा चुका है भूकंप क्लीनिक: इस पूरी पहल पर बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (Bihar State Disaster Management Authority) की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार इसका उद्देश्य लोगों में जागरूकता बढ़ाने के साथ ही भूकंप से बचाव के तौर तरीकों के बारे में जानकारी देने की है. पटना में यह भूकंप क्लीनिक पहले ही खुल चुका था. करीब तीन साल पहले भागलपुर और मुजफ्फरपुर में ऐसे क्लीनिक को खोला जा चुका है. अब इसे राज्य के बाकी बच गए जिलों में खोला जाएगा. जिसके लिए बड़े स्तर पर पहल की जा रही है.


बिहार को रखा गया है सिस्मिक जोन 4 के तहत: जानकारी के अनुसार इन भूकंप क्लीनिक में मकान का निर्माण किया गया है. इसमें दो तरह के मकान बनाए गए हैं. जिसमें से एक ईट और सीमेंट जबकि दूसरा बांस और उसके साथ ही स्टील के चादरों से बनाया गया है. इन दोनों मकान को एक ही परिसर में बनाया गया है तथा दोनों के अंदर यह लिखा गया है कि आप अपना मकान कैसे बनाएं कि भूकंप का कोई असर नहीं हो. ज्ञात हो कि भूकंप की तीव्रता और भयावहता को लेकर उसे सीस्मिक जोन में बांटा जाता है. बिहार को सिस्मिक जोन 4 के तहत रखा गया है. अगर यहां 7.5 की तीव्रता का भूकंप आ जाए तो भारी तबाही हो सकती है. ऐसे में मकान बनाते समय कई बातों का ख्याल रखना पड़ता है और इस परिस्थिति में भूकंप क्लीनिक की महत्ता बढ़ जाती है.

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