एक्सपर्ट का दावा: बिहार की 80 फीसदी आबादी हो सकती है कोरोना से संक्रमित, जनवरी अंत तक पीक

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Published : Jan 4, 2022, 6:11 PM IST

तीसरी लहर की चेतावनी

प्रदेश में कोरोना के मामले में बेतहाशा वृद्धि को देखते हुए एक्सपर्ट ने चेतावनी दी है. एक्सपर्ट का दावा है कि कोविड की तीसरी लहर की शुरुआत (Beginning of third wave of covid) हो चुकी है. इस लहर में सूबे की करीब 80 फीसदी आबादी संक्रमित हो सकती है. पढ़ें पूरी खबर...

पटनाः बिहार में कोरोना संक्रमण के मामले बीते 10 दिनों में काफी तेजी से फैले हैं. गुणा-गणित की बात करें तो विगत 5 दिनों में नए केस में 260 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है. वहीं, बीते 7 दिनों में संक्रमण की रफ्तार 13 गुणा अधिक रहा है. मंगलवार को केवल राजधानी पटना में कोरोना के 522 संक्रमित मिलने से हड़कंप मच गई. ऐसे में अब एक्सपर्ट भी (Covid Third Wave Expert Opinion) मानने लगे हैं कि कोविड संक्रमण की तीसरी लहर बिहार में शुरू हो गई है.

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पटना के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ मनोज कुमार सिन्हा बताते हैं कि बिहार में संक्रमण की तीसरी लहर आ चुकी है. जिस तेजी से प्रतिदिन नए संक्रमितों की संख्या में इजाफा हो रहा है, उम्मीद जताई जा रही है कि 20 से 25 दिनों यानी कि जनवरी अंत तक संक्रमण पीक पर होगा.

कोरोना की तीसरी लहर को एक्सपर्ट क्या कहते हैं

डॉ मनोज कुमार ने आगे बताया कि प्रदेश में ओमीक्रोन की पहचान को लेकर जिनोम सीक्वेंसिंग की प्रक्रिया भी ठीक नहीं हुई है. ऐसे में रोज मिलने वाले मरीजों की संख्या को देखते हुए यह माना जा रहा है कि यह ओमीक्रॉन वेरिएंट का ही असर है. वे मानते हैं कि जिस तरह से कोरोना फैल रहा है 15 जनवरी तक रोज मिलने वाले मरीजों की संख्या 3000 से भी ऊपर जा सकती है.

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उन्होंने बताया कि इतनी अधिक संक्रामकता ओमीक्रोन की ही हो सकती है. फायदा या नुकसान जो कहें, इसकी संक्रामकता तो अधिक है लेकिन सीवियरिटी काफी कम है. उन्होंने कहा कि बिहार की बात करें तो यहां वैक्सीनेशन का रेट बहुत अच्छा रहा है. ऐसे में वैक्सीन लेने के बाद कोरोना पेशेंट में सीवियरिटी आए इसकी संभावना बहुत कम है.

डॉ मनोज कुमार सिन्हा ने कहा कि ओमीक्रोन के कारण संक्रमण के पीक के समय एक्टिव मामलों की संख्या काफी बढ़ जाएगी. इसके के कारण प्रदेश में कुल जनसंख्या के 80 से 90 फीसदी आबादी संक्रमित हो सकती है. इस स्थिति में कोरोना गाइडलाइंस का पालन करना बेहद जरुरी है.

एक्सपर्ट बताते हैं कि अगर हल्के लक्षण से अधिक आबादी इनफेक्टेड होती है तो इसका बहुत बड़ा फायदा होगा. इनमें एक अच्छी हर्ड इम्यूनिटी बनेगी और नेचुरल एंटीबॉडी के कारण यह वायरस के खिलाफ लड़ने में मदद करेगा. फिर धीरे-धीरे वायरस भी कमजोर पड़ेगा.

इस लहर में जो लोग वैक्सीनेटेड नहीं हैं उनमें संक्रमण के गंभीर लक्षण दिखने की संभावना है. इस स्थिति में यह जरुरी है कि बचे हुए लोग कोरोना का टीका जरुर लगवा लें. जिससे कि संक्रमण का खतरा कम हो सके.

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