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SLBC की बैठक में CM नीतीश का छलका दर्द, कहा- बैंकों का नहीं मिल रहा साथ

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Published : Aug 22, 2019, 7:36 PM IST

बैठक के बाद सुशील मोदी ने कहा कि बैंकों को इस वित्तीय वर्ष में बिहार में 1,45,000 करोड़ वितरित करना है. जिसमें 60,000 करोड़ केवल कृषि क्षेत्र में है.

एसएलबीसी की बैठक

पटना: राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति यानी एसएलबीसी की इस साल दूसरी बैठक हुई. बैठक में बैंकों के रवैये पर सुशील मोदी ने जमकर अधिकारियों को फटकार लगाई. वहीं, अगली बैठक के लिए बैंकों को टॉस्क भी दिया गया है. बैठक में साइबर फ्रॉड की बढ़ती घटनाओं पर भी सुमो ने चिंता जाहिर की. उपमुख्यमंत्री ने अगली बैठक में पूरी कार्य योजना बनाकर आने का निर्देश दिया है.

वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार का डबल डिजिट ग्रोथ होने के बावजूद सीडी रेशियो राष्ट्रीय औसत से कम है. राज्य में उद्योग नहीं लग रहे हैं. इसलिए हम लोग विशेष राज्य के दर्जे की मांग 2006 से ही करते रहे हैं. बैठक में शामिल आरबीआई के डिप्टी गवर्नर ने बैंकों को अपनी सोच बदलने की सलाह दी.

एसएलबीसी की बैठक

पहली बैठक में शामिल नहीं हो सके थे नीतीश कुमार
गौरतलब है कि हर 3 महीने पर होने वाली है. एसएलबीसी की बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा होती है. विशेषकर सीडी रेशियो को लेकर एकबार फिर से सरकार की ओर से चिंता जाहिर की गई. एसएलबीसी की पहली बैठक में मुख्यमंत्री खुद भाग लेते हैं. लेकिन, इस बार नीति आयोग की पहली बैठक के दिन ही एसएलबीसी की पहली बैठक हुई. जिस कारण पहली बैठक में नीतीश शामिल नहीं हो सके थे. लेकिन, आज दूसरी बैठक में मुख्यमंत्री भी पहुंचे.

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सीएम ने जताई चिंता

ऑनलाइन सुविधा नहीं होने पर लगाई फटकार
मौके पर सीएम ने बैंकों से बिहार जैसे पिछड़े राज्यों को मदद करने का आग्रह किया. वहीं, उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री सुशील मोदी ने बैंकों के रवैये पर एकबार फिर जमकर डांट लगाई. किसान क्रेडिट कार्ड में ऑनलाइन व्यवस्था नहीं होने पर सुमो ने कहा कि इससे अधिक आश्चर्य क्या हो सकता है.

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सुमो ने लगाई फटकार

2019 वित्तीय वर्ष में वितरित होगा 1,45,000 करोड़
बैठक के बाद सुशील मोदी ने कहा कि बैंकों को इस वित्तीय वर्ष में बिहार में 1,45,000 करोड़ वितरित करना है. जिसमें 60,000 करोड़ केवल कृषि क्षेत्र में है. अब वैसे किसानों को भी बैंक किसान क्रेडिट कार्ड के तहत लोन देगा, जो पशुपालन से जुड़े हुए हैं. उन्हें केवल 4% इंटरेस्ट लगेगा. वहीं, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की अनिवार्यता भी किसान क्रेडिट कार्ड लोन देने में समाप्त कर दी गई है.

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मौजूद रहे सीएम

किसानों को लोन देगी सरकार
सुशील मोदी ने कहा कि 10 लाख किसान क्रेडिट कार्ड के तहत लोन देने का लक्ष्य रखा गया है. बैठक में सुशील मोदी ने बैंकों को बाढ़ प्रभावित 13 जिलों के पीड़ितों को ओवरड्राफ्ट की सुविधा देने और कर्ज का रिस्ट्रक्चरिंग करने का भी निर्देश दिया. साथ ही नियोजित शिक्षकों को भी बैंक लोन मुहैया कराने का निर्देश दिया.

बैंकों को सोच बदलनी होगी- डिप्टी गर्वनर
एसएलबीसी की बैठक में मौजूद डिप्टी गवर्नर महेश जैन ने कहा कि बैंकों को अपनी सोच बदलना चाहिए. उन्हें प्रशिक्षित लोगों को लोन देने में आगे आना चाहिए. कई राज्यों में सीडी रेशियो 100% और उससे अधिक है तो वहीं बिहार जैसे पिछड़े राज्यों का सीडी रेशियो 45% के आसपास है. पिछले 10 सालों से एसएलबीसी की बैठक हो रही है. हर बार बिहार सरकार की ओर से इस पर चिंता जाहिर की जाती रही है. लेकिन, बैंकों का रवैया अभी तक बिहार में लोन बांटने में बदला नहीं है.

Intro:पटना-- state level bankers committee यानी एसएलबीसी की इस साल दूसरी बैठक हुई । बैठक में बैंकों के रवैया पर सुशील मोदी ने जमकर क्लास लगाया और अगली बैठक के लिए बैंकों को टास्क भी दिया। बैठक में साइबर फ्रॉड की बढ़ती घटनाओं पर भी मोदी ने चिंता जताई और बैंकों से रोकथाम के लिए अगली बैठक में पूरी कार्य योजना बना कर आने का निर्देश दिया। वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार का डबल डिजिट ग्रोथ होने के बावजूद सीडी रेशियो राष्ट्रीय औसत से कम है और उद्योग यहां नहीं लग रहे हैं। इसलिए हम लोग विशेष राज्य के दर्जे की मांग 2006 से ही करते रहे हैं। बैठक में शामिल आरबीआई के डिप्टी गवर्नर ने बैंकों को अपनी सोच बदलने का सलाह दिया। पेश है रिपोर्ट---


Body:हर 3 महीने पर होने वाली है एसएलबीसी की बैठक में कई मुद्दे पर चर्चा हुई विशेषकर सीडी रेशियो को लेकर एक बार फिर से सरकार की ओर से चिंता जाहिर की गई एसएलबीसी की पहली बैठक में मुख्यमंत्री खुद भाग लेते हैं लेकिन इस बार नीति आयोग की जिस दिन बैठक थी उसी दिन पहली बैठक हुई थी और इसी कारण पहली बैठक में नीतीश शामिल नहीं हो सके थे लेकिन आज दूसरी बैठक में मुख्यमंत्री भी पहुंचे और बैंकों से बिहार जैसे पिछड़े राज्यों को मदद करने का आग्रह किया। वही उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री सुशील मोदी ने बैंकों के रवैए पर एक बार फिर जमकर क्लास लगाई। किसान क्रेडिट कार्ड मैं ऑनलाइन व्यवस्था नहीं होने पर मोदी ने कहा कि इससे अधिक आश्चर्य क्या हो सकता है। बैठक के बाद सुशील मोदी ने कहा कि बैंकों को इस वित्तीय वर्ष में बिहार में 145000 करोड़ वितरित करना है जिसमें 60000 करोड केवल कृषि क्षेत्र में है अब वैसे किसानों को भी बैंक किसान क्रेडिट कार्ड के तहत लोन देगा जो पशुपालन से जुड़े हुए हैं उन्हें केवल 4% इंटरेस्ट लगेगा वहीं प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की अनिवार्यता भी किसान क्रेडिट कार्ड लोन देने में समाप्त कर दी गई है। सुशील मोदी ने कहा कि 10 लाख किसान क्रेडिट कार्ड के तहत लोन देने का लक्ष्य रखा गया है। सुशील मोदी ने बिहार में कॉइन की समस्या का समाधान नहीं होने पर भी बैंकों के रवैया पर नाराजगी जताई । बैठक में सुशील मोदी ने बैंकों को बाढ़ प्रभावित 13 जिलों में बाढ़ पीड़ितों को ओवरड्राफ्ट की सुविधा देने और कर्ज का रिस्ट्रक्चरिंग करने का भी निर्देश दिया तू ही नियोजित शिक्षकों को भी बैंक लोन मुहैया कराने का निर्देश दिया। एसएलबीसी की बैठक में मौजूद डिप्टी गवर्नर महेश जैन ने कहा कि बैंकों को अपना सोच बदलना चाहिए और प्रशिक्षित लोगों को लोन देने में आगे आना चाहिए। bytes सुशील कुमार मोदी उपमुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुख्यमंत्री महेश जैन डिप्टी गवर्नर आरबीआई


Conclusion:कई राज्यों में सीडी रेशियो 100% और उससे अधिक है तो वहीं बिहार जैसे पिछड़े राज्यों का सीडी रेशियो 45% के आसपास है पिछले 10 सालों से एसएलबीसी की बैठक हो रही है और हर बार बिहार सरकार की ओर से इस पर चिंता जाहिर की जाती रही है लेकिन बैंकों का रवैया अभी तक बिहार में लोन बांटने में बदला नहीं है बैंक अधिकारी एनपीए का बहाना बनाकर हर बार बचने की कोशिश करते हैं। अविनाश, पटना।
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