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यह है पोल खोल रिपोर्ट: जानिए CM नीतीश का ड्रीम प्रोजेक्ट कहां पास कहां फेल

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Published : Sep 26, 2019, 3:34 PM IST

शौचालय निर्माण योजना में सीएम का गृह जिला नालंदा दूसरे जिलों के मुकाबले बहुत पीछे है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट सात निश्चय योजना का क्रियान्वयन कई जिलों में बेहद खराब है.

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पटना: 2015 के विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार ने सात निश्चय योजना की घोषणा की थी. इस योजना की शुरुआत के 4 साल बीतने के बावजूद खुद नीतीश कुमार के जिले नालंदा का हाल कई योजनाओं में फिसड्डी है. खास बात यह है कि शौचालय निर्माण योजना में नालंदा दूसरे जिलों के मुकाबले बहुत पीछे है.

दरसअल, राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजना और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट सात निश्चय योजना का क्रियान्वयन कई जिलों में बेहद खराब है. हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई बिहार विकास मिशन की शासी निकाय की बैठक के अंतर्गत चलने वाली सभी सात योजनाओं की मौजूदा स्थिति पर समीक्षा की गई.

पटना से अभिषेक कुमार की रिपोर्ट

अंतिम पायदान पर अररिया
मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना में शामिल सभी योजनाओं के क्रियान्वयन या कार्य की रफ्तार में सभी 38 जिलों में नालंदा जिला 17.8 अंक के साथ टॉप पर है. वहीं अररिया जिला महज 1 अंक के साथ सबसे अंतिम पायदान पर है.

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यह है सात निश्चय योजना

कई जिलों में नहीं शुरू हुई नल का जल योजना
बेहतर प्रदर्शन करने वाले जिलों में नालंदा के बाद सीतामढ़ी, कैमूर, सीवान और सारण हैं. वहीं खराब प्रदर्शन करने वाले जिलों में अररिया के बाद पूर्णिया, सुपौल, कटिहार और मधेपुरा शामिल है. इन जिलों के खराब प्रदर्शन की मुख्य वजह हर घर नल का जल योजना का काम ठीक से नहीं होना है. खराब रैंकिंग वाले कई जिलों में तो यह योजना अभी तक शुरू भी नहीं हो पाई है.

धरातल पर नहीं उतर पाई ये योजना
हर घर नल का जल योजना का काम जिन जिलों में नहीं हुआ है. उनमें ज्यादातर जिले गुणवत्ता प्रभावित वाले हैं. इनमें पीएचईडी को वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाना है, लेकिन अभी तक विभागीय स्तर पर कोई पहल नहीं होने से यह योजना कई स्थानों पर धरातल पर नहीं उतर पाई है.

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बंद पड़ी बोरिंग

खराब प्रदर्शन करने वाले जिले होंगे चिन्हित
इसके अलावा सात निश्चय योजनाओं में शामिल अन्य योजनाओं में बेहतरीन और खराब प्रदर्शन करने वाले जिले भी चिन्हित किए गए हैं. जिन जिलों में इस योजना की स्थिति खराब है, उसके कारणों की समीक्षा करने की पहल की गई है.

तकरार से बढ़ा पेंच
सूत्रों की मानें तो सात निश्चय योजना को लागू करने में कई तकनीकी पेंच हैं. खासतौर पर अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के बीच तकरार इस योजना को धरातल पर उतारने में परेशानी खड़ा कर रही है. समय-समय पर सात निश्चय योजना के तहत कई तरह की गड़बड़ियों का आरोप सरकार के ऊपर विपक्ष के साथ-साथ आम जनता भी लगाती रही है आगामी विधानसभा चुनाव 1 वर्ष में होने वाला है. बिहार सरकार और खासकर नीतीश कुमार के लिए यह योजना बड़ी चुनौती के रूप में दिख रही है.

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खराब हालत में गांव की सड़क

योजनाओं में सबसे अच्छा और सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले जिले

योजना टॉप जिले फिसड्डी जिले
स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड पूर्णिया मधेपुरा
स्वयं सहायता भत्ता शिवहर कैमूर, पटना
कुशल युवा कार्यक्रम बेगूसराय किशनगंज
हर घर नल का जल नालंदा सुपौल
हर घर नली गली बेतिया शिवहर
शौचालय योजना मुंगेर और सीतामढ़ी नालंदा, मुजफ्फरपुर, लखीसराय
Intro:2015 के विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार ने सात निश्चय योजना की घोषणा की थी। इस योजना की शुरुआत की है 4 साल बीतने के बावजूद खुद नीतीश कुमार के जिले नालंदा का हाल कई योजनाओं में फिसड्डी है। बहुचर्चित शौचालय निर्माण योजना में नालंदा फिसड्डी जिलों में शामिल है।
दरसअल राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजना और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट सात निश्चय योजना का क्रियान्वयन कई जिलों में बेहद खराब है। हाल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई बिहार विकास मिशन की शासी निकाय की बैठक के अंतर्गत चलने वाली सभी सात योजनाओ की मौजूदा स्थिति पर समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सात निश्चय योजना में शामिल सभी योजनाओं के क्रियान्वयन या कार की रफ्तार में सभी 38 जिलों में नालंदा जिला 17.8 अंक के साथ टॉप पर है।


Body:तो वहीं अररिया जिला महज 1 अंक के साथ सबसे अंतिम पायदान पर है। बेहतर प्रदर्शन करने वाले जिलों में नालंदा के बाद सीतामढ़ी, कैमूर, सिवान और सारण है। वही खराब प्रदर्शन करने वाले जिलों में अररिया के बाद पूर्णिया, सुपौल, कटिहार और मधेपुरा शामिल है।
इन जिलों के खराब प्रदर्शन करने कि मुख्य वजह " हर घर नल का जल" योजना का काम ठीक से नहीं होना है। खराब रैंकिंग वाले कई जिलों में तो यह योजना अभी तक शुरू भी नहीं हुई है।
हर घर नल का जल योजना का काम जिन जिलों में नहीं हुआ है उनमें अधिकांश जिले गुणवत्ता प्रभावित वाले हैं । इनमें पीएचईडी को वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाना है। परंतु अभी तक विभागीय स्तर पर कोई पहल नहीं होने से यह योजना कई स्थानों पर धरातल पर उतर नहीं पाई है। इसके अलावा सात निश्चय योजनाओं में शामिल अन्य योजनाओं में बेहतरीन और खड़ा प्रदर्शन करने वाले जिले जिले भी चिन्हित किए गए हैं। जिन जिलों में इस योजना की स्थिति खराब है, उसके कारण की समीक्षा करने की पहल की गई है।
सूत्रों की माने तो सात निश्चय योजना को लागू करने में कई तकनीकी पेचीदगियां है। खासतौर पर अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों हो के बीच तकरार इस योजना को धरातल पर उतरने में परेशानी खड़ा कर रहा है। समय-समय पर सात निश्चय योजना के तहत कई तरह की गड़बड़ियों का आरोप सरकार के ऊपर विपक्ष के साथ-साथ आम जनता भी लगाते रही है। आगामी विधानसभा चुनाव 1 वर्ष में होने वाला है। बिहार सरकार और खासकर नीतीश कुमार के लिए यह योजना बड़ी चुनौती के रूप में दिख रहा है।


Conclusion:योजनाओं में सबसे अच्छा और सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले जिले।

योजना - टॉप जिले - फिसड्डी जिले

1. स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड - पूर्णिया - मधेपुरा

2. स्वयं सहायता भत्ता - शिवहर - कैमूर एंव पटना

3. कुशल युवा कार्यक्रम - बेगूसराय - किशनगंज

4.हर घर नल का जल - नालंदा - सुपौल

5. हर घर नली गली - बेतिया - शिवहर

6. शौचालय योजना - मुंगेर एवं सीतामढ़ी - नालंदा, मुज़्ज़फरपुर और लखीसराय
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