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बिहार में तेजी से बदलते मौसम में बढ़ रहा बीमारियों का खतरा, जानिए क्या कहते हैं डॉक्टर

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Published : Feb 19, 2022, 5:21 PM IST

बिहार का मौसम बदल रहा है. ऐसे में डॉक्टरों ने लोगों को सचेत रहने की सलाह दी है. डॉक्टरों का मानना है कि अभी से होली तक लोगों को काफी संभल कर रहने की जरूरत है. पढ़ें रिपोर्ट..

मौसम बदलने से बढ़ा बीमारियों का खतरा
मौसम बदलने से बढ़ा बीमारियों का खतरा

पटना: बिहार का मौसम तेजी से बदल रहा है. अभी के मौसम में दिन के तापमान और रात के तापमान में 15 से 16 डिग्री का फर्क रह रहा है. बिहार मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश का औसत न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस है, वहीं अधिकतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस रह रहा है. बीते 24 घंटे में पटना में ही अधिकतम तापमान 27.3 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 11.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज की गई है. ऐसे में दिन का तापमान गर्म होने और रात का तापमान शुष्क रहने के कारण कई प्रकार की संक्रामक बीमारियों का खतरा अभी के मौसम में बढ़ गया है.

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'शुरुआती ठंड और ठंड के खत्म होने के वक्त लोगों में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ जाती हैं. इस समय न्यूनतम और अधिकतम तापमान में काफी फर्क आ जाता है. ऐसे में कई प्रकार के बैक्टीरियल और वायरल बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ जाता है. इस मौसम में नॉर्मल फ्लू, सर्दी, जुकाम, खांसी, हल्की फीवर, कंजेक्टिवाइटिस, आदि बीमारियों के मामले बढ़ जाते हैं. इस मौसम में मच्छर भी पनपते हैं और ऐसे में मच्छर जनित रोग भी बढ़ जाते हैं.' -डॉ दिवाकर तेजस्वी, वरिष्ठ चिकित्सक

पटना के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि इस मौसम में दिन का तापमान गर्म हो जाता है. ऐसे में लोग शरीर से गर्म कपड़े उतार देते हैं और रात में अचानक ठंड बढ़ जाती है. ऐसी स्थिति में जो कार्डियक और अस्थमा के मरीज होते हैं, उन पर अस्थमेटिक और कार्डियक अटैक का खतरा बढ़ जाता है. इन लोगों को और बुजुर्गों और बच्चों को इस मौसम में विशेष सावधानी रखने की आवश्यकता होती है.

उन्होंने कहा कि इस मौसम में जरूरी है कि जब सूर्यास्त होता है, तो जो लोग भी बुजुर्ग और बच्चे हैं या फिर कार्डियक और अस्थमेटिक बीमारियों से ग्रसित हैं, वे शरीर पर गर्म कपड़े डाल लें. इस मौसम में खानपान पर भी विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है. खानपान में सुपाच्य और सादा भोजन खाएं. खाना हमेशा ताजा खाएं और फ्रिज से कोई सामान निकालकर बिना उसे गर्म किए हुए ना खाएं. अभी के मौसम में हेवी फूड ना लें.

इस मौसम में सीजनल फल का सेवन करें और फल के जूस और सूप का अधिक सेवन करें. तैलीय भोज्य पदार्थों से परहेज रखें. अभी से होली तक 15-20 दिन विशेष सावधानी से रहें. फ्लू के लक्षण शरीर में दिख रहे हैं, तो हल्दी युक्त दूध और तुलसी के काढ़े का सेवन करें. डॉ दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि जब गर्मी का मौसम शुरू होता है, तो मच्छर भी तेजी से पनपते हैं. ऐसे में मच्छर जनित रोग भी बढ़ते हैं. इससे बचाव के लिए जरूरी है कि रात में सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें. मच्छर भगाने के लिए घर और आसपास साफ-सफाई रखें. कम से कम मच्छर मारने वाले लिक्विड का प्रयोग करें, क्योंकि यह सांस संबंधी रोग पैदा कर देता है.

डॉ दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि जब गर्मी का मौसम शुरू हो रहा होता है और ठंड खत्म हो रहा होता है, तो ऐसे में सर्द-गर्म होने की वजह से कंजेक्टिवाइटिस भी बढ़ जाता है. इससे बचाव के लिए जरूरी है कि आंखों की साफ सफाई अच्छी रखें. नियमित अंतराल पर साफ पानी से आंख धोते रहें. कंजेक्टिवाइटिस की शिकायत होती है तो नेत्र चिकित्सक से मिलें और जो दवा प्रिसक्राइब किया जाता है, उसका प्रयोग करें.

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