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Bihar politics : नीतीश को सत्ता के शिखर तक पहुंचाने वाले लव-कुश समीकरण में सेंधमारी की तैयारी

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Published : Feb 6, 2023, 7:18 PM IST

जदयू में इन दिनों घमासान मचा हुआ है. जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा अपने बयानों के कारण इन दिनों चर्चा में हैं. उपेंद्र कुशवाहा (Politics of Upendra Kushwaha) ने 19 और 20 फरवरी को एक बैठक बुलाई है. कार्यकर्ताओं को खुला पत्र के माध्यम से आमंत्रित किया है. इसके कारण जदयू की बेचैनी बढ़ गई है.

Bihar politics
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जदयू में रार.

पटना: बिहार की राजनीति में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जो मुकाम हासिल किया है, उसमें लव कुश समीकरण का बहुत बड़ा योगदान है. नीतीश ने लव-कुश समीकरण बनाकर ही लालू प्रसाद को पटखनी दी थी. समय-समय पर नीतीश कुमार के पास से कुशवाहा नेता दूर होते गये. उपेंद्र कुशवाहा ने (Upendra Kushwaha angry with the party) पार्टी छोड़ दी थी, फिर सम्राट चौधरी भी चले गये. इसका असर 2020 के विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिला. इसके बाद नीतीश कुमार ने बड़ी जोर शोर से उपेंद्र कुशवाहा की वापसी करायी. अब उसी उपेंद्र कुशवाहा ने पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

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लव कुश समीकरण बिखरने का डरः उपेंद्र कुशवाहा का कहना है कि पार्टी में जो संशय की स्थिति है उससे उबारने के लिए कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई है. उपेंद्र कुशवाहा की बैठक को लेकर जदयू के अंदर मंथन भी शुरू हो गया है. लेकिन पार्टी उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ लव कुश समीकरण बिखर ना जाए इस डर से कार्रवाई करने से बच रही है. डर इस बात का भी है कि कहीं पार्टी दो फाड़ में ना हो जाए. प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा का कहना है कि कार्यकर्ता नीतीश कुमार के साथ हैं. उपेंद्र कुशवाहा अवसरवादी नेता हैं, कार्यकर्ता उनके बहकावे में आने वाले नहीं है.

उमेश कुशवाहा.
उमेश कुशवाहा.

कहां से गाइड हो रहे हैं कुशवाहा: जदयू प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि उपेंद्र कुशवाहा को पार्टी में बहुत सम्मान दिया गया. जदयू नीतीश कुमार के संघर्षों से बनी पार्टी है. एक भी कार्यकर्ता इधर उधर जाने वाले नहीं है. उपेंद्र कुशवाहा के कहने से जदयू का ईंट हिलने वाला नहीं है. उन्होंने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा कहां से गाइड हो रहे हैं सबको पता है. उपेंद्र कुशवाहा कहते हैं कि आरजेडी के साथ विलय हो रहा है, जबकि हमारे नेता कह रहे हैं कि जदयू को राष्ट्रीय पार्टी बनाना है. तो कहां से डील हो रहे है समझने की जरूरत है. उपेंद्र कुशवाहा की बैठक में यदि जदयू के कार्यकर्ता जाते हैं तो क्या कार्रवाई होगी, इस पर उमेश कुशवाहा का कहना था कि कोई जाएगा ही नहीं.

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बीजेपी डील में विश्वास नहीं करतीः बिहार के लव कुश समीकरण पर भाजपा की भी नजर है. बीजेपी प्रवक्ता संजय टाइगर का कहना है उपेंद्र कुशवाहा के मन में आरजेडी के साथ डील को लेकर कोई शंका है तो मुख्यमंत्री को इसे दूर करना चाहिए. लेकिन शंका को दूर किए बिना मुख्यमंत्री समाधान यात्रा कर रहे हैं. जहां तक बीजेपी की बात है तो हम लोगों ने पहले ही साफ कर दिया है कि अब नीतीश कुमार के साथ कोई नाता नहीं रहेगा. उपेंद्र कुशवाहा के साथ बीजेपी के डील पर जदयू की तरफ से पूछे जा रहे सवाल पर संजय टाइगर का कहना था कि बीजेपी डील में विश्वास नहीं करती है.

उपेंद्र ने क्यों बुलाई बैठक: उपेंद्र कुशवाहा ने पटना के सिन्हा लाइब्रेरी में 19 और 20 फरवरी को बैठक बुलाई है. पार्टी के कार्यकर्ताओं, पूर्व की पार्टी राष्ट्रीय लोक समता के कार्यकर्ताओं और महात्मा फुले समता परिषद से जुड़े साथियों को आमंत्रित किया है. उपेंद्र कुशवाहा का कहना है कि जो बात हम कहना चाहते हैं पत्र में साफ साफ में लिख दिये हैं. पार्टी की मजबूती के लिए हम लगातार काम कर रहे हैं, लेकिन हमारी बातों पर मुख्यमंत्री की ओर से बिल्कुल ध्यान नहीं दिया जा रहा है. आरजेडी के तरफ से जिस प्रकार से डील को लेकर बातें कहीं जा रही है उससे कंफ्यूजन हो रहा है. यदि कोई डील नहीं हुआ है तो मुख्यमंत्री इसका खंडन करें. हाल के दिनों में चुनाव में जो हार हुई है, उससे साफ लगता है कि पार्टी लगातार कमजोर हो रही है. पार्टी को इन्हीं सब चीजों से उबारने के लिए बैठक बुलाई है.

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शक्ति प्रदर्शन की तैयारीः उपेंद्र कुशवाहा की बैठक को लेकर जदयू के अंदर वरिष्ठ नेताओं के बीच मंथन हो रहा है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने इस पर चर्चा की है. संभव है कि जदयू की तरफ से पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को दिशानिर्देश भी जारी किया जाए. ऐसे में उपेंद्र कुशवाहा की बैठक में भले ही जदयू के बड़े नेता शामिल नहीं हो, लेकिन कार्यकर्ता बड़ी संख्या में पहुंच सकते हैं. जदयू के बड़े नेताओं को डर है कि उपेंद्र कुशवाहा इस बैठक के माध्यम से अपनी शक्ति दिखाने की भी कोशिश करेंगे.

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