उपचुनाव में जीत के बाद 'मिशन नीतीश' में जुटा JDU, अगले साल 5 राज्यों के चुनाव पर नजर

author img

By

Published : Nov 3, 2021, 8:18 PM IST

mission of making JDU a national party

बिहार विधानसभा की दो सीटों पर जीत के बाद अब जनता दल यूनाइटेड आगे की रणनीति बनाने में जुटा है. अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों के चुनाव पर जदयू की नजर तो है ही साथ ही राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त करने की कोशिश में भी पार्टी लगी है. पढ़िए पूरी खबर..

पटना: बिहार विधानसभा के 2 सीटों तारापुर और कुशेश्वरस्थान (Tarapur And Kusheshwarsthan Assembly By-Election) में मिली जीत से जदयू (JDU) का उत्साह सातवें आसमान पर है. जदयू ने पूरी ताकत लगाई थी और एनडीए के अन्य घटक दलों के नेताओं ने भी प्रचार किया था. जीत से उत्साहित जदयू की नजर अब अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों के चुनाव (Election In Five States 2022) पर लगी है.

यह भी पढ़ें- नीतीश कैबिनेट की बैठक में 23 एजेंडों पर लगी मुहर

तारापुर और कुशेश्वरस्थान दोनों सीटें जदयू की ही थी. कुशेश्वरस्थान और तारापुर दोनों सीटों पर 2020 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू (JDU) के प्रत्याशियों की जीत हुई थी. तारापुर सीट जेडीयू नेता और पूर्व मंत्री मेवालाल चौधरी के निधन से खाली हुई थी. वहीं कुशेश्वरस्थान सीट जेडीयू के शशिभूषण हजारी के निधन के चलते खाली हुई थी. इन दोनों सीटों खासकर तारापुर में जदयू को आरजेडी (RJD) ने कड़ी टक्कर दी थी. उसके बावजूद दोनों सीट पर जदयू ने आखिरकार जीत हासिल कर ली है. अब जदयू की नजर अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों के चुनाव पर लगी है. पार्टी, राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त करने की कोशिश में लगी है और इसे नीतीश मिशन का नाम दिया गया है. पार्टी अब नीतीश मिशन पर पूरी ताकत लगाने वाली है.

देखें वीडियो

यह भी पढ़ें- CM नीतीश से मिले तारापुर और कुशेश्वरस्थान के नवनिर्वाचित MLA

अगले साल होने वाले पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा के चुनाव में भी जदयू पूरी ताकत लगाएगी. विधानसभा के 2 सीटों पर मिली जीत से पार्टी के नेता उत्साहित हैं. नीतीश कुमार के न्याय के साथ विकास और शराबबंदी जैसे बड़े मुद्दों को लेकर पार्टी अन्य राज्यों में किस्मत आजमाने वाली है.

यह भी पढ़ें- बिहार उपचुनावः जनता ने जदयू को दिया दिवाली का तोहफा, तारापुर और कुशेश्वरस्थान सीट पर मिली जीत

पहले भी जदयू कई राज्यों में चुनाव लड़ लड़ चुका है, लेकिन अधिकांश में उसे मुंह की खानी पड़ी थी. अब नीतीश कुमार ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को बड़ी जिम्मेदारी दी है. उसके बाद से ही पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी बनाने की दिशा में काम चल रहा है. ऐसे ललन सिंह का कहना है कि पांच राज्यों में चुनाव को लेकर बातचीत चल रही है. ललन सिंह ने हाल ही में मणिपुर का दौरा किया था. वहीं गोवा में तो आरजेडी की पूरी यूनिट ही जदयू में शामिल हो चुका है. वहीं उत्तर प्रदेश में बीजेपी से गठबंधन को लेकर लगातार बातचीत हो रही है.

कुशेश्वरस्थान और तारापुर में मिली जीत के बाद पार्टी प्रवक्ता अरविंद निषाद का कहना है कि पांच राज्यों के चुनाव में भी पूरे दमखम के साथ हम उतरेंगे. उन राज्यों के पदाधिकारियों से लगातार बातचीत हो रही है.

"पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कई राज्यों का दौरा भी किया है और स्थानीय पार्टी नेताओं के रिपोर्ट के आधार पर पार्टी उन क्षेत्रों का चयन करेगी जिसमें चुनाव लड़ेगी."- अरविंद निषाद, जदयू प्रवक्ता

ये भी पढ़ें: उपचुनाव में हार पर तेजप्रताप का बयान, 'RJD को बर्बाद करने पर तुले हैं जगदानंद सिंह जैसे लोग'

वहीं जदयू के प्रवक्ता निखिल मंडल का भी कहना है कि जीत सुखद है. ऐसे तो कोई भी इलेक्शन हो जीत सुखद होता है. तमाम लोगों ने मेहनत की जिसका फल सुखद आया है.

"जीत कोई भी हो सुखद होता है. आगे बहुत से राज्य में चुनाव होने वाले हैं. शीर्ष नेतृत्व तय करेंगे की हम कहां चुनाव लड़ने वाले हैं. यूपी चुनाव को लेकर बातचीत चल रही है कि एलाइंस में लड़ेंगे तो कितनी सीटों पर लड़ेंगे, तमाम चीजें अभी बातचीत तक ही सीमित है. जो भी निर्णय होगा आपलोगों को बता दिया जाएगा." निखिल मंडल प्रवक्ता जदयू

जदयू का अगला मिशन पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिलाने का है और नीतीश कुमार ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को इस काम में लगाया है. फिलहाल जदयू को केवल 2 राज्यों में ही राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा प्राप्त है.

बता दें कि भारत निर्वाचन आयोग ने तीन अहर्ता रखी है और तीनों में से यदि कोई पार्टी एक भी अहर्ता को पूरा करती है, तो उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा आयोग देता है.

  • 3 राज्यों के लोकसभा चुनाव में 2 फ़ीसदी सीटें जीतना.
  • 4 लोकसभा सीटों के अलावे किसी लोकसभा या विधानसभा चुनाव में 6 फ़ीसदी वोट प्राप्त करना.
  • 4 या अधिक राज्यों में क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त करना.

फिलहाल जदयू इन तीनों अहर्ता में से किसी भी अहर्ता को पूरा नहीं कर रहा है. जदयू को अभी केवल 2 राज्यों में ही राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा मिला हुआ है एक बिहार और दूसरा अरुणाचल प्रदेश में. ऐसे में पार्टी को कम से कम दो और राज्यों में राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा प्राप्त करना होगा.

देश में फिलहाल 7 पार्टियों को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला हुआ है. हालांकि बिहार की किसी भी प्रमुख राज्य स्तरीय और क्षेत्रीय पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा अभी प्राप्त नहीं हुआ है, ना तो जदयू को और ना ही आरजेडी को . इसके अलावा राज्य स्तरीय पार्टियों की संख्या 35 है तो वहीं क्षेत्रीय पार्टियों की संख्या 329 है.

राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलने के बाद भारत निर्वाचन आयोग से कई तरह की सुविधा मिलती है. एक तो चुनाव चिन्ह मिल जाता है जो पूरे देश में मान्य होता है, दूसरा निर्वाचन सूची भी मिलती है और रेडियो टीवी पर प्रसारण करने की भी सुविधा मिलती है. पिछले दो दशक से भी लगातार नीतीश कुमार प्रयास कर रहे हैं, लेकिन अब तक सफलता नहीं मिली है. जदयू को राष्ट्रीय पार्टी बनाने में अब अगले साल होने वाले चुनाव के माध्यम से पार्टी इस लक्ष्य को प्राप्त करने की कोशिश में लगी है. ऐसे जदयू की नजर छोटे राज्यों पर है, जहां भी चुनाव होगा वहां पार्टी मजबूती से अपनी ताकत दिखाएगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.