ETV Bharat / state

नीतीश सरकार का पलायन रोकने का दावा फेल, बिहार छोड़कर बाहर जा रहे मजदूर

author img

By

Published : Jul 16, 2021, 8:17 AM IST

कोरोना काल (Corona Pandemic) के दौरान बिहार सरकार ने पलायन रोकने को लेकर योजना बनाई थी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) ने दावा किया था कि अब राज्य के मजूदरों को अन्य प्रदेश में रोजगार के लिए भटकना नहीं पड़ेगा. लोगों का स्किल मैपिंग कराकर मनरेगा समेत अन्य योजना में काम दिये जाएंगे लेकिन आपदा में अवसर बदलने की सरकार नीति पूरी तरह फेल हो गई. पढ़ें पूरी खबर...

नीतीश सरकार का पलायन रोकने का दावा फेल
नीतीश सरकार का पलायन रोकने का दावा फेल

पटना : कोरोना (Corona Pandemic) की पहली लहर के दौरान बिहार सरकार (Bihar Government) ने आपदा को अवसर में बदलने का निर्णय लिया था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) ने प्रवासी मजदूरों को बड़े सपने दिखाए थे. उन्होंने दावा किया गया था कि अब प्रवासी मजदूरों के स्किल का उपयोग कर राज्य में ही उन्हें रोजगार दिया जाएगा. जिससे राज्य के मजूदरों का पलायन नहीं होगा. लेकिन सरकार के दावे की हवा निकल चुकी है. राज्य से मजदूरों का पलायन लगातार जारी है.

ये भी पढ़ें : CM नीतीश की 'हर घर नल का जल योजना' ने पटना में ही तोड़ा दम, लेटलतीफी की हुई शिकार

बिहार से सबसे ज्यादा मजदूर रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में पलायन करते हैं. जब कोरोना की पहली लहर आई, तब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आंखें खुलीं. सरकार ने आपदा को अवसर में बदलने के लिए प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने का रोडमैप तैयार किया. अन्य प्रदेशों से लौटे 12 लाख से अधिक मजदूरों की स्किल मैपिंग कराई गई. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उद्योग विभाग को इसका जिम्मा सौंपा. सरकार ने कहा था कि सभी मजदूरों को बिहार में ही रोजगार मिलेगा. उन्हें रोजगार के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

बता दें कि कोरोना के पहले लहर के दौरान जब लॉकडाउन (Lockdown) हुआ था तब बड़ी संख्या में बिहारी मजदूर घर लौटे थे. आंकड़ों के मुताबिक उनकी तादाद लगभग 40 लाख थी. कोरोना की दूसरी लहर आते-आते सरकार के दावों की पोल खुल गई. दूसरे लहर के दौरान फिर मजदूरों की वापसी हुई. लहर थमते ही उसी रफ्तार से मजदूर फिर रोजगार के लिए पलायन करने लगे हैं. कंपनी मालिक मजदूरों को एसी बस, ट्रेनों और हवाई जहाजों से वापस बुलाने लगे.

ये भी पढ़ें- सुशासन बाबू के ड्रीम प्रोजेक्ट हर घर नल-जल योजना की सच्चाई, नदी और जोरिया से प्यास बुझाने को मजबूर हैं ग्रामीण

'सरकार को संकट के दौरान पता चला कि राज्य से भी बड़ी संख्या में मजदूरों का पलायन होता है. पहले लहर के दौरान मजदूरों की स्किल मैपिंग कराई गई. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मजदूरों को राज्य में ही रोजगार का अवसर मिलेगा. बिहार की तरक्की के लिए योगदान देंगे लेकिन अब तक योजना का धरातल पर कुछ अता पता नहीं है.' :- संजय कुमार, सामजसेवी

वहीं, उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा है कि जो मजदूर संकट काल में आए थे. वे ज्यादातर टेक्सटाइल उद्योग से जुड़े थे. मजदूरों को रोजगार देने के लिए सरकार बृहद रूप में योजना बना रही है. वहीं, अर्थशास्त्री डॉ. अमित बक्सी का कहना है कि बिहार में 40% से ज्यादा लोग रोजगार के दायरे में आते हैं. कोरोना काल के दौरान बिहार में बेरोजगारी बढ़ी है. कृषि क्षेत्र में भी बेरोजगारी है. मजदूरों के स्किल का उपयोग कर बिहार को तरक्की के पथ पर लाया जा सकता है.

ये भी पढ़ें- पानी के लिए मचा हाहाकार: महियामा पंचायत के लोगों को कब मिलेगा नल जल योजना का लाभ?

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.