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40वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला में बिहार को मिला गोल्ड, 24 राज्यों को पछाड़कर बना नंबर वन

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Published : Nov 27, 2021, 3:49 PM IST

Updated : Nov 27, 2021, 3:58 PM IST

दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला में बिहार को गोल्ड पुरस्कार मिला है. 40वें आईआईएफटी में बिहार नंबर वन बनकर उभरा है. 24 राज्यों की प्रदर्शनी दिल्ली के प्रगति मैदान में 14 नवंबर से 27 नवबंर तक लगी थी, जिसमें बिहार की हस्तशिल्प कला और बुनकरों ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है. पढ़ें पूरी खबर-

भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला
भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला

नई दिल्ली: भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला (Indian International Trade Fair) यानी आईआईएफटी में बिहार नंबर वन स्थान पर आया है. दिल्ली के प्रगति मैदान में मेला का आयोजन हुआ था. जिसमें आयोजित आईआईएफटी में 'बिहार पवेलियन' को गोल्ड पुरस्कार हासिल हुआ. बिहार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने इस पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि बिहार हर मोर्चे पर आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि बिहार के हस्तशिल्पियों और बुनकरों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ये बहुत बड़ा सम्मान मिला है.

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बिहार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य के पारंपरिक उद्योगों से लेकर हर तरह के उद्योगों का सर्वांगीण विकास हो रहा है. देश के कई राज्यों और दूसरे देशों की भी प्रदर्शनी के बीच गोल्ड हासिल कर नंबर 1 बनना बिहार के लिए बड़ी बात है. ये सभी राज्यवासियों के लिए गौरव का विषय है. उन्होंने कहा कि बिहार में डबल इंजन की सरकार है और जिद है कि हर मोर्चे पर सफलता हासिल करनी है. बिहार उद्योग में भी नंबर वन बनेगा.

40वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला (Indian International Trade Fair) में 24 राज्यों की प्रदर्शनी लगी थी. साथ ही कुछ प्रदर्शनी विदेशों से भी थी. इन सभी प्रदर्शनियों में बिहार नंबर 1 बना है. बिहार की तरफ से ये पुरस्कार रेजिडेंट कमिश्नर पलका साहनी और उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान के निदेशक अशोक सिन्हा ने प्राप्त किया.

बिहार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा कि बिहार के हस्तशिल्पियों और बुनकरों द्वारा बनाई गई चीजें, कारीगरी, सौंदर्य और गुणवत्ता अंतर्राष्ट्रीय स्तर की हैं. इसीलिए देश विदेश के लोंगों को खूब पसंद आईं. बिहार पवेलियन में दर्शकों की जबरदस्त आवाजाही रही. उन्होंने कहा कि बिहार पवेलियन को गोल्ड पुरस्कार मिलने पर न सिर्फ बिहार का सम्मान हुआ है बल्कि इससे बिहार के ग्रामीण इलाकों में पूरी निष्ठा से, मेहनत और लगन से पारंपरिक हुनर, लोक कला संस्कृति को आगे बढ़ाने में जुटे हस्तशिल्पियों और बुनकरों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रोत्साहन मिला और वो अब और तेजी से आगे बढ़ेंगे.

दिल्ली में 14 नंवबर से 27 नंवबर तक चलने वाले 40वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में बिहार ने अपने पवेलियन को 41 स्टॉल्स से सजाए थे. इन सभी स्टॉल्स में बिहार की पारंपरिक लोक कला संस्कृति की झलक पेश करने वाले बेहतरीन उत्पाद देखने को मिले. बिहार पेवैलियन में सुप्रसिद्ध लोक कलाकार पद्मश्री दुलारी देवी की मधुबनी पेंटिंग और उनके द्वारा दी जाने वाली मधुबनी पेंटिग की जीवंत प्रदर्शनी आकर्षण का केंद्र रहीं, तो बिहार के अन्य हिस्सों में बनने वाली लोक कलाकृतियां और बिहार के पारंपरिक उद्योगों द्वारा निर्मित चीजें लोगों को खूब पंसद आईं.


बिहार पवेलियन की सबसे बड़ी खासियत रही कि यहां पर्यावरण अनुकूल चीज़ों का इस्तेमाल किया गया. यही कारण था कि इसे बिहार का पवेलियन अन्य राज्यों के पवेलियन से अलग और क्रिएटिव नजर आया. इसके अलावा बिहार पवेलियन में आने वाले हर दर्शक को ऐसा महसूस हुआ कि वो वाकई में बिहार के किसी मेले में पहुंच गए हैं. एक ओर मधुबनी पेंटिंग, मंजुषा पेंटिंग देखने और खरीदने का मौका मिला तो दूसरी ओर बिहार की पहचान भागलपुरी सिल्क की साड़ी व सूट, मटका सिल्क साड़ी व सूट, भागलपुरी चादर, एप्लिक वर्क समेत हैंडीक्राफ्ट और हैंडलूम के बेहतरीन उत्पाद देखने को मिले.



बिहार पवेलियन में हैंडीक्राफ्ट और आर्टिफिशियल ज्वैलरी देखने मिली तो राज्य पुरस्कार से सम्मानित विक्रम चक्रवर्ती सिल्क का शॉल लेकर आये और उन्हें इस शॉल के लिए ही राज्य पुरस्कार मिला है. संगीता देवी मधुबनी पेंटिंग, कमला देवी एप्लिक वर्क, राजकुमार लाल मधुबनी पेंटिंग, माला गुप्ता सिल्क प्रोडक्ट, रंजीत हैंडलूम उत्पाद, वैष्णवी मंजुषा समूह हैंडलूम पर मंजुषा कला से बने उत्पाद बिहार पवेलियन में लेकर आये.


बिहार पवेलियन में पटना के 'जूटेक' द्वारा निर्मित जूट के बने उत्पाद दिखे तो मोहम्मद जाहिद लेदर के समान लेकर आये. यही नहीं, दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित 40वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में बिहार के लोगों की आस्था से जुड़ी चीजें और विशिष्ट खान पान की भी झलक दिखीं. संजय गुप्ता ठेकुआ, गुड़ के लड्डू, कचरी-तिलौरी आदि लेकर आये.



कुल मिलाकर पूरे बिहार को एक छत के नीचे देखना और उनके उत्पादों को खरीदना दर्शकों को एक अलग अनुभव देने में सफल रहा. बिहार पवेलियन ने युवाओं को भी अपनी तरफ खूब आकर्षित किया जिन्होंने मिथिला पेंटिंग के सामने जमकर सेल्फी ली.



बिहार पवेलियन में बिहार की कला संस्कृति की झलक देखने को मिली तो यहां के युवाओं द्वारा शुरू किए गए स्टार्टअप के तहत तैयार किये गए उत्पादों को भी जगह मिली. ये युवा कल को देश में ही नहीं विदेशों में भी अपना परचम लहरायेंगे. इस पवेलियन में इस बार बिहार के 6 स्टार्टअप को जगह मिली जो राज्य के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर तरह की सहायता प्रदान करने की राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दिखाता है.

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Last Updated :Nov 27, 2021, 3:58 PM IST
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