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Nitish Kumar: '100 साल नहीं लगेगा और धरती खत्म हो जाएगी, हम तो अब जाने ही वाले हैं..'

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Published : Aug 7, 2023, 10:54 PM IST

क्या सच में 100 साल में धरती खत्म हो जाएगी? ये सवाल इसलिए, क्योंकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोगों को आगाह किया है कि अगर इसी तरह सब लोग नई तकनीक पर डिपेंडेंट हो जाएंगे तो 100 साल नहीं लगेगा और सब कुछ खत्म हो जाएगा. इस दौरान उन्होंने ये भी कहा कि उनको अब क्या करना है, वो तो 73 साल के हो गए हैं.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

देखें रिपोर्ट

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने युवा पीढ़ी से अपील की है कि नई टेक्नोलॉजी पर निर्भरता कम कर दें, अन्यथा वह दिन दूर नहीं जब सब कुछ तबाह हो जाएगा. बिहार संग्रहालय स्थापना दिवस पर सीएम ने अपने संबोधन में कहा कि मैं हमेशा लोगों से अपील करता हूं कि हर कोई अपने साथ कागज रखें. कुछ ना कुछ लिखते रहें, क्योंकि नई तकनीक पर ही जरूरत से ज्यादा निर्भरता बेहद खतरनाक साबित हो सकती है.

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100 साल में धरती खत्म हो जाएगी: सीएम नीतीश कुमार ने जिस लहजे में अपनी बात रखी, उसको लेकर सोशल मीडिया पर भी चर्चा शुरू हो गई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि कागज नहीं रखेंगे और सब कुछ एक ही तकनीक पर निर्भर हो जाएंगे तो जिस दिन धरती खत्म होगी, सब कुछ मिट जाएगा. यदि नई तकनीक पर अधिक डिपेंडेंट हो गए तो धरती खत्म होने में 100 साल भी नहीं लगेगा. मेरी उम्र 73 साल की हो गई है और हम तो जाने वाले ही हैं. हमको क्या है लेकिन चाहते हैं कि आने वाली पीढ़ी को सब चीज की जानकारी रहे.

बिहार संग्रहालय स्थापना दिवस
बिहार संग्रहालय स्थापना दिवस समारोह का शुभारंभ करते सीएम

"जब सब लोग डिपेंडेंट हो रहेंगे. ना कुछ लिखेंगे ना कागज रखेंगे. 100 साल नहीं लगेगा, धरती खत्म हो जाएगी. उस समय तो एक ही बार में खत्म हो जाएगा, किसी को कुछ याद नहीं रहेगा. खैर जो रहे, हम क्या बोलें. हम तो 73वें साल में हैं, हमको क्या. हम तो जाने ही वाले हैं, अब हमको क्या करना है लेकिन हम तो कह रहे हैं कि बाकी आने वाली पीढ़ी के लिए ये सुरक्षित रहना चाहिए"- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार

अंग्रेजी के साथ हिंदी में भी लिखें: वहीं, बिहार संग्रहालय स्थापना दिवस पर अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि 2009 में अंतरराष्ट्रीय स्तर के म्यूजियम बनाने की परिकल्पना उन्होंने की थी. बचपन में जब वह पटना म्यूजियम जाते थे तो ऐसा लगता था कि म्यूजियम में बहुत कुछ है लेकिन प्रदर्शनी को दिखाने के लिए जगह की कमी है. सरकार में आने के बाद उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर का म्यूजियम बनाने का निर्णय लिया और म्यूजियम बन गया तो बिहार म्यूजियम नाम दिया गया. नीतीश कुमार ने कहा कि हमने सभी को शुरू से स्पष्ट निर्देश दिया है कि किसी चीज के बारे में बताना है तो एक तरफ हिंदी में लिखिए और दूसरी तरफ अंग्रेजी में. ऐसा इसलिए कि बिहार की ग्रामीण क्षेत्र के जो लोग हैं, वह हिंदी समझ जाएंगे और बाहर के आए हुए लोग अंग्रेजी पढ़कर उसे चीज के बारे में जानेंगे.

म्यूजियम में नीतीश कुमार
म्यूजियम में नीतीश कुमार

अंडरग्राउंड जुड़ेंगे पटना और बिहार म्यूजियम: नीतीश कुमार ने कहा कि पटना म्यूजियम को बिहार म्यूजियम से अंडरग्राउंड जोड़ने का सब काम हो गया है. उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि एक ही म्यूजियम के टिकट में दोनों म्यूजियम को लोग घूम सके. सीएम ने कहा कि डेढ़ किलोमीटर लंबा अंडरग्राउंड टनल शायद ही कहीं होगा. उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि यह काम जल्द से जल्द हो और अधिकारियों की तरफ इंगित करते हुए कहा कि हम अधिकारियों को हाथ जोड़ते हैं कि काम को जल्दी कीजिए और अब क्या पैर पकड़ लें. इस कार्य को करने में यदि 500 करोड़ भी खर्च होगा तो कोई फिक्र नहीं है.

म्यूजियम में नीतीश कुमार
मंत्री विजय चौधरी के साथ मुख्यमंत्री

तेजस्वी ने क्या कहा?: वहीं, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि बिहार म्यूजियम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सोच की परिकल्पना है और यह बिल्डिंग जैपनीज आर्किटेक्ट का नायाब नमूना है. यहां सभी प्रकार की इंटरनेशनल फैसिलिटी मौजूद है. यह म्यूजियम पूरी तरीके से अत्याधुनिक तकनीक से लैस होने के साथ-साथ यहां पुरानी चीजों को बेहतर तरीके से संभाल कर रखा गया है. उन्होंने कहा कि म्यूजियम बनाया जाता है इतिहास को बचाने के लिए लेकिन आज के दौर में कुछ लोग इतिहास को खत्म करना चाह रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम सभी अपने इतिहास को जरूर बचाएंगे और अपनी संस्कृति, लोकतंत्र, विविधता को बचाने के लिए संकल्पित हैं.

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