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NEET में OBC आरक्षण खत्म करने के खिलाफ AISA का प्रदर्शन, केंद्रीय शिक्षा मंत्री का फूंका पुतला

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Published : Jul 15, 2021, 10:47 AM IST

नीट (NEET) एग्जाम के जरिये मेडिकल संस्थानों में होने वाले एडमिशन में ओबीसी छात्रों को आरक्षण की सुविधा नहीं मिल पा रही है. जिसे लेकर पटना (Patna) में आइसा संगठन के छात्रों ने प्रदर्शन किया है. साथ ही शिक्षा मंत्री का पुतला भी फूंका है.

प्रदर्शन
प्रदर्शन

पटना: केंद्र सरकार ने 11 सितंबर को नीट परीक्षा (Neet Exam Date 2021) के आयोजन की घोषणा की है. वहीं दूसरी और बिहार के पटना (Patna) जिले में नीट परीक्षा से ओबीसी आरक्षण खत्म करने के विरोध में आइसा संगठन (AISA Organization) के छात्रों ने प्रदर्शन किया है. आरक्षण के फैसले को वापस लेने के लिए छात्र संगठन ने पटना विश्वविद्यालय (Patna University) से कारगिल चौक तक आक्रोश मार्च निकाला. साथ ही जमकर नारेबाजी करते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का पुतला भी फूंका.

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प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने कहा कि सरकार लगातार छात्रों के अधिकार का हनन कर रही है. अब नीट परीक्षा में ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) को खत्म कर दिया गया, जो सरासर गलत है. इस बार केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार में भी काफी संख्या में ऐसे मंत्री हैं, जो ओबीसी से आते हैं. लेकिन इसके बावजूद भी ओबीसी के अधिकारों का हनन किया जा रहा है. उनके हक को खत्म किया जा रहा है. इसके खिलाफ पूरे देश में जोरदार आंदोलन किए जाने का फैसला लिया गया है.

देखें रिपोर्ट.

'नीट परीक्षा से धीरे-धीरे आरक्षण की कटौती करके आज आरक्षण पूरी तरीके से खत्म कर दिया गया है. 2014 के बाद से तमाम शैक्षणिक संस्थान को बर्बाद किया जा रहा है. जितने भी समावेसी चीजें है उन सभी को भाजपा सरकार खत्म कर रही है. इसके साथ ही स्पष्ट तह दिया गया है कि आने वाले दिन में जो भी नीट के एग्माम में ओबीसी को आरक्षण नहीं मिलेगा.' -विकास, राज्य सचिव, आइसा

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बता दें कि नीट एग्जाम से ओबीसी आरक्षण खत्म किए जाने मामले को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने भी केंद्र सरकार पर हमला बोला है. तेजस्वी यादव ने मेडिकल परीक्षा के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटा खत्म करने के लिए केंद्र की आलोचना की है.

तेजस्वी ने ट्वीट कर लिखा है कि मोदी सरकार ने मेडिकल एंट्रेंस #NEET के अखिल भारतीय कोटा में पिछड़ों का आरक्षण लागू किए बिना ही प्रवेश परीक्षा की घोषणा कर हजारों पिछड़े/अतिपिछड़े वर्गों की पीठ में खंजर घोंपने का काम किया है. BJP, RSS और केंद्र सरकार, पिछड़े वर्गों के सभी हकों को छिन उन्हें हलाल कर रही है.

एक और ट्वीट में तेजस्वी ने लिखा है मोदी सरकार क्यों नहीं चाहती कि पिछड़े वर्गों के छात्र डॉक्टर बने? आखिर भाजपा को देश के 60% फीसदी से अधिक आबादी वाले पिछड़े/अतिपिछड़ों से नफरत क्यों है?

आंकड़ों के अनुसार, पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल छात्रों के लिए 27,062 सीटें आवंटित की गईं, जिसमें सामान्य वर्ग को 21,092, एससी को 4,017 और एसटी उम्मीदवारों के लिए 1,953 सीटें दी गईं. पहले के मानदंडों के अनुसार, ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत सीटें आरक्षित थीं, जो इस खंड में 7,307 सीटें आती हैं, जिसे अब हटा दिया गया है.

इसी तरह, पीजी डेंटल में अखिल भारतीय स्तर पर 970 सीटें हैं, जिसमें सामान्य के लिए 756, एससी के लिए 141 और एसटी के लिए 73 शामिल हैं. ओबीसी की सीटें शून्य हैं. सामान्य कोटे में 9,208 सहित अंडर ग्रेजुएट मेडिकल उम्मीदवारों के लिए कुल 11,879 सीटों में से 1,787 सीटें एससी के लिए और 884 एसटी के लिए हैं. ओबीसी कोटा फिर से शून्य है. डेंटल छात्रों के लिए स्नातक की कुल 931 सीटों में से 724 सीटें सामान्य वर्ग के लिए, 140 एससी और 67 एसटी के लिए हैं, लेकिन ओबीसी फिर से शून्य है.

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