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इलेक्ट्रिक वाहन खरीदिए बिहार सरकार सब्सिडी दे रही है, बकायदा कैबिनेट बैठक में मुहर भी लगी

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 5, 2023, 5:55 PM IST

Updated : Dec 5, 2023, 8:24 PM IST

इलेक्ट्रिक कार
इलेक्ट्रिक कार

बिहार में वायु प्रदूषण और वाहन प्रदूषण रोकने के लिए सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी देगी. साथ ही विज्ञापन नीति भी सरकार ने बदल दी है. इस तरह कुल 23 एजेंडों पर कैबिनेट में मुहर लगी है. कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने बैठक में लिये गए फैसलों की विस्तृत जानकारी दी. पढ़ें पूरी खबर..

एस सिद्धार्थ का बयान

पटना : बिहार सरकार ने वायु प्रदूषण और वाहन जनित प्रदूषण को रोकने के लिए इलेक्ट्रिक वाहन को लेकर बड़ा फैसला लिया है. नीतीश सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों पर कैबिनेट में सब्सिडी देने को लेकर मुहर लगाई है. दो पहिया वाहन खरीदने पर सब्सिडी ₹5000 सामान्य वर्ग के लोगों के लिए और 7500 हजार एससी-एसटी को देने का फैसला लिया है. पहले 10000 वाहन पर यह सब्सिडी दी जाएगी.

मोटर वाहन टैक्स में 75% की छूट : अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने बताया कि मोटर वाहन टैक्स में 75% छूट मिलेगी. इसी प्रकार तीन पहिया पर टैक्स में 50% की छूट दी जाएगी. वहीं चार पहिया वाहन पर भी डेढ़ लाख खरीदने पर छूट दी जाएगी और 75% टैक्स में भी छूट मिलेगी. इसके अलावा चार्जिंग स्टेशन को लेकर भी बिहार सरकार सब्सिडी देगी.

"पीएमआई बस सेवा योजना के अंतर्गत बिहार के 6 प्रमुख शहर पटना, मुजफ्फरपुर, गया भागलपुर दरभंगा और पूर्णिया में 400 इलेक्ट्रिक बस की व्यवस्था सार्वजनिक परिवहन योजना के अंतर्गत करने की स्वीकृति कैबिनेट में दी गई है. इसमें 60% राशि केंद्र सरकार और 40% बिहार सरकार देगी. इससे भी वाहन प्रदूषण रोकने में मदद मिलेगी."- एस सिद्धार्थ, अपर मुख्य सचिव, कैबिनेट विभाग

प्रसार संख्या कम होने से अंग्रेजी अखबारों नहीं मिल पाता विज्ञापन : कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव ने बताया कि ऐसे तो कल 23 एजेंडों पर मुहर लगी है. सरकार ने विज्ञापन नीति में भी बदलाव किया है. सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के प्रस्ताव में कहा गया है कि कोरोना के बाद अंग्रेजी भाषा के अखबारों की प्रसार संख्या में कमी आई है. नेशनल अखबारों के पटना संस्करण का कोई भी अंग्रेजी समाचार पत्र की संख्या 40 हजार को पूरा नहीं कर पा रही है. इस वजह से कोई भी अंग्रेजी समाचार पत्र का पटना संस्करण सूचना जनसंपर्क विभाग से सूचीबद्ध नहीं है.

विज्ञापन नीति में किया बदलाव : एस सिद्धार्थ ने कहा कि इस वजह से अंग्रेजी संस्करणों में विज्ञापन का प्रकाशन नहीं हो पा रहा. सूचना जनसंपर्क विभाग के अंतर्गत विज्ञापन पॉलिसी में यह वर्णन है कि हिंदी समाचार पत्रों की छपाई संख्या कम से कम 60 हजार, अंग्रेजी समाचार पत्रों के लिए 40 हजार, उर्दू समाचार पत्रों के लिए कम से कम 25000 और पत्रिकाओं के लिए भी कम से कम 25000 की संख्या होनी चाहिए.

अंग्रेजी अखबारों को भी मिलेगा विज्ञापन : बिहार विज्ञापन नियमावली में राष्ट्रीय समाचार पत्र की परिभाषा जोड़ते हुए कि, राष्ट्रीय समाचार पत्रों के पटना संस्करण पर यह संख्या की सीमा लागू नहीं होगी, यानि किसी अंग्रेजी अखबार की संख्या 40 हजार तक नहीं पहुंच पा रही, तब भी उस राष्ट्रीय अखबार में विज्ञापन दिया जा सकेगा. इस संशोधन के बाद अंग्रेजी एवं हिंदी तथा उर्दू भाषा के राष्ट्रीय समाचार पत्रों का पटना संस्करण सूचीबद्ध हो सकेगा. राष्ट्रीय स्तर पर नीतीश कुमार इसके माध्यम से अब अपना चेहरा चमका सकेंगे.

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Last Updated :Dec 5, 2023, 8:24 PM IST
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