मुजफ्फरपुर: जिले में आने वाले मानसून और नदियों से आने वाली बाढ़ से गांवों को बचाने के लिए सांसद वीणा देवी ने जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह से मुलाकात की. साथ ही उन्होंने डीएम को आने वाली समस्याओं से अवगत करवाई. वहीं, डीएम ने भी मामले की गंभीरता को समझते हुए कटाव स्थल का निरीक्षण करने का आश्वासन दिया.
डीएम से मिलने के बाद सांसद वीणा देवी ने बताया कि नदी में डेढ़ सौ से 200 फीट के कटाव के बाद बने मिनी धार को बाढ़ से पहले बांध दिया जाए तो जिले के 3 पंचायत की करीब 30 हजार की आबादी को बाढ़ से बचाया जा सकता है. अभी पानी नहीं है और उसको बांधा जा सकता है.
बांध बनाने से लोगों को नहीं होगी परेशानी
इसके अलावे सांसद ने बताया कि ग्रामीणों से मिला जानकारी के अनुसार, पिछले साल आई बाढ़ से राहत और बचाव कार्य पर लगभग 22 लाख रुपये सरकार की ओर से खर्च किए गए. वहीं, 3 लोगों की जान भी गई थी. लेकिन अभी के समय में हल्का खर्च करके बांध बांध दिया जाए तो सरकार के लाखों रुपए बचेंगे. ग्रामीणों को भी भी बरसात के दिनों में परेशानी नहीं होगी. इसके साथ ही उन्होंने पूर्व जिला पार्षद नीरा देवी को बधाई दिया कि वो कटाव की इतनी बड़ी जनसमस्या को लेकर ग्रामीणों के साथ आगे आई है.
'सरकार की मदद और श्रमदान से बांध बांधने का निर्णय'
कोल्लुआ, पैगंबरपुर, मिठनसराय और माधोपुर विकास समिति के संयोजक अधिवक्ता अरुण पांडे ने बताया कि बाढ़ से गांवों को बचाने के लिए सदातपुर के मुखिया अनिल चौबे की देखरेख में महापंचायत का आयोजन किया गया था. जिसमें विषहर स्थान के पास टेनी बांध की मिनी धारा को श्रम दान और सरकार के सहयोग से बांध बांधने का निर्णय लिया गया. साथ ही उन्हों ने बताया कि बूढ़ी गंडक नदी किनारे बसे लस्करीपुर, सदातपुर, पैगम्बरपुर कोल्हुआ पंचायतों की करीब तीस हजार की आबादी बाढ़ से हर साल प्रभावित होती है.