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खगड़िया: 14 साल पहले बना आधुनिक शव गृह, पर अब तक नहीं हुआ एक भी दाह संस्कार

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Published : May 13, 2019, 11:18 AM IST

Updated : May 13, 2019, 12:04 PM IST

खगड़िया के आधुनिक शव गृह की स्थिति बदहाल है. सोलर पैनल की मदद से बना यह शव गृह अब तक शुरू नहीं हो सका है.

खंडहर शव गृह

खगड़िया: सरकार के पैसे की बर्बादी कैसे होती है, इसका जीता जागता उदाहरण जिले में देखने को मिलता है. राज्य सरकार ने जिले के बलुआही घाट स्थित एक आधुनिक शव गृह बनाया था, जो आज तक सरकार की उदासीनता का शिकार है.
दरअसल, साल 2005 में राज्य सरकार ने 50 से 56 लाख की लागत से आधुनिक शव गृह का निर्माण कराया था. इस शव गृह की खासियत है कि इसमें लाए जाने वाले शवों को सोलर पैनल के जरिए उसका दाह संस्कार किया जाता. लेकिन विडंबना ये है कि यह शव गृह अब तक शुरू नहीं हो सका है. जिससे सरकार के खर्च किए पैसे भी बर्बाद हो गए. आज यह शव गृह पूरी तरह से खंडहर में तब्दील हो चुका है.

खंडहर शव गृह


स्थानीय लोगों का आरोप
स्थानीय लोगों ने कहा कि जब से शव गृह का का निर्माण हुआ है, तब से इसका उद्धघाटन नहीं हुआ है. इनका आरोप है कि जिस ठेकेदार ने इस शव गृह को बनवाया था, उसने शव गृह में लगाए गए सभी सोलर पैनल निकाल लिए. जिसके कारण आजतक एक भी दाह संस्कार नहीं पो पाया है.


जिलाधिकारी ने लिया संज्ञान
वहीं, जिलाधिलारी अनिरुद्ध कुमार ने बताया कि थोड़ी तकनीकी खराबी के कारण शव गृह शुरू नहीं हो पाया है. उन्होंने कहा कि शव गृह नगर परिषद के अंतर्गत आता है. मामला हमारे संज्ञान में नहीं था, जल्द ही इस पर कार्रवाई की जाएगी.

Intro:सरकारी पैसे की बर्बादी कैसे होती है और सरकारी पैसों को योजना के नाम पर कैसे घोटाला किया जाता है इसका एक उदहारण ले कर आय है हम खगड़िया जिला से। जिला में साल 2005 के करीब में उस समय के आधुनिक शव गृह बनाना था।शव गृह बना भी लेकिन वो क्यों बना और क्या उसका जीणोद्धार रहा ये विशेष रूप से हम बताते है


Body:सरकारी पैसे की बर्बादी कैसे होती है और सरकारी पैसों को योजना के नाम पर कैसे घोटाला किया जाता है इसका एक उदहारण ले कर आय है हम खगड़िया जिला से। जिला में साल 2005 के करीब में उस समय के आधुनिक शव गृह बनाना था।शव गृह बना भी लेकिन वो क्यों बना और क्या उसका जीणोद्धार रहा ये विशेष रूप से हम बताते है।
जानकारो के अनुसार करीब 50 से 56 लाख की लागत से आधुनिक शव गृह का निर्माण कराया गया इसमें लाखो रुपये की लागत से सोलर प्लेट लगाया गया क्यों कि जो शव जलाना था वो सोलर से निकलने वाले बिजली से जलने वाला था।शव गृह के लिए शहर के बाहर एनएच 31 के ठीक किनारे बलुआही घाट गंडक नदी के पास जिला प्रसाशन ने जमीन भी दी शव गृह बना भी लेकिन विडम्बना देखिए आज 2019 तक इस शव गृह का उद्घाटन नही हो पाया और शव गृह पूरी तरह खंडर में तब्दील हो गया है।

शहर के पूर्व नगर सभापति और वर्तमान सभापति के प्रतिनिधि मनोहर यादव का कहना है कि ये शव गृह बनने के समय से ही विवादों में रहा है । जिस समय और जिस जगह पर बना है शव गृह वहां कभी दाह संस्कार हुआ ही नही है क्यों कि जिस जगह शव गृह बना है ठीक उस से कुछ ही दूरी पर सड़क पर मुक्ति धाम है जंहा शहर के मृत लोगो का दाह संस्कार किया जाता है।नगर सभापति ने बताया कि जो उचित जगह था जिस जगह बनना चाहिए था जंहा शव गृह बनता तो लोगो के प्रयोग में आता वंहा बना ही नही जो इस योजना के ठेकेदार थे वो जान बूझ कर लोगो के नजर से अलग हो कर इसका निर्माण करवाया ताकि आम लोगो की नजर नही पड़े और अपने मनमाने ढंग से काम को जैसे तैसे पूरा कर ले और योजना के पैसे को अपने जेब मे डाल लें।

वहीं जिलाधिलारी अनिरुद्ध कुमार ने कहा कि ये मामला हमारे संज्ञान में नही था आज ये मामला हमारे संज्ञान में आया देखते है इसमें क्या कर सकते है।


Conclusion:
Last Updated :May 13, 2019, 12:04 PM IST
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