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पूर्व सांसद लवली आनंद की गिरफ्तारी के आदेश, 15 नवंबर को गोपालगंज कोर्ट में होना होगा पेश

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Published : Oct 23, 2022, 8:37 AM IST

गोपालगंज में विशेष न्यायाधीश की अदालत (Special Judge court in Gopalganj) ने पूर्व सांसद आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद समेत तीन लोगों की गिरफ्तारी के लिए एसपी को आदेश दिया है. 15 नवंबर को आरोपितों को न्यायालय में उपस्थित करने की तिथि मुकर्रर की गई है. आगे पढ़ें पूरी खबर...

विशेष न्यायाधीश की अदालत
विशेष न्यायाधीश की अदालत

गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज में विशेष न्यायाधीश की अदालत ने पूर्व सांसद आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद (Former MP Lovely Anand) समेत तीन लोगों को आदर्श आचार संहिता मामले में गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने के लिए एसपी आनंद कुमार को आदेश दिया गया है. साथ ही 15 नवंबर को आरोपितों को न्यायालय में उपस्थित करने की तिथि मुकर्रर की गई है.

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आदालत ने कड़ा रुख किया अख्तियार: मामले की जानकारी देते हुए अभियोजन पदाधिकारी आनंद शर्मा ने कहा की कारण-पृच्छा निर्गत करने के बावजूद पिछली चार तिथियों से तामिला नहीं किया गया और ना ही कोर्ट में कोई जवाब दाखिल किया गया है. जिसको लेकर पूर्व सांसद लवली आनंद समेत तीन के खिलाफ जारी गैर जमानतीय वारंट पर आदालत ने कड़ा रुख अख्तियार किया है. विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) मानवेंद्र मिश्रा की अदालत ने पुलिस अधीक्षक आनंद कुमार को आदेश दिया है कि तीनों को गिरफ्तार कर कोर्ट में प्रस्तुत किया जाए.

"पूर्व सांसद लवली आनंद ने कारण-पृच्छा निर्गत करने के बावजूद पिछली चार तिथियों से तामिला नहीं किया और ना ही कोर्ट में कोई जवाब दाखिल किया है. जिसको लेकर लवली आनंद समेत तीन के खिलाफ जारी गैर जमानतीय वारंट पर आदालत ने कड़ा रुख अख्तियार किया है."-आनंद शर्मा, अभियोजन पदाधिकारी

अंचल पदाधिकारी ने दिया था लिखित आवेदन: बता दें कि कुचायकोट अंचल के तत्कालीन अंचल पदाधिकारी, प्रियरंजन सिन्हा के लिखित आवेदन पर तत्कालीन सांसद लवली आनंद के अलावा चंद्रहास राय, प्रमोद सिंह, सुबास सिंह के विरुद्ध प्राथमिकी कराई गई थी. 17 अप्रैल 1995 को आरोपितों लवली आनंद, प्रमोद सिंह और चंद्रहास राय के विरुद्ध जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 126 के अंतर्गत न्यायालय द्वारा संज्ञान लिया गया और आरोपितों की उपस्थिति के लिए सम्मन निर्गत किया गया. दिनांक एक जुलाई 2019 को सुबास सिंह, चंद्रहास सिंह, प्रमोद सिंह का केस पृथक कर दिया गया. यह केस पूर्व सांसद लवली आनंद की उपस्थिति के लिए लंबित चला आ रहा है. 20 मार्च 1996 को तत्कालीन सांसद लवली आनंद पर लोकसभा अध्यक्ष के माध्यम से सम्मन रजिस्ट्री द्वारा तामिला करने का आदेश हुआ.

लवली आनंद ने कारण-पृच्छा का नहीं दिया जवाब: मामले में 5 जुलाई 1997 को जमानतीय वारंट निर्गत किया गया. इसके बाद 10 जून 1999 को गैरजमानतीय वारंट निर्गत किया गया. 17 जनवरी 2006 को तामिला रिपोर्ट की मांग की गई थी जिसके बाद 12 जुलाई 2022 को पुलिस अधीक्षक, आनंद कुमार के माध्यम से तीनों आरोपितों लवली आनंद, प्रमोद सिंह और चंद्रहास राय के विरुद्ध गैरजमानतीय वारंट निर्गत किया गया. 14 सितंबर को तामिला रिपोर्ट के संबंध में कारण-पृच्छा निर्गत किया गया। कारण-पृच्छा निर्गत करने के बावजूद संबंधित पुलिस पदाधिकारी द्वारा चार निर्धारित तिथि बीतने के बावजूद उनका तामिला नहीं किया गया और कारण-पृच्छा का जवाब भी समर्पित नहीं दिया गया.

अदालत ने पुलिस को ठहराया जिम्मेदार: विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) मानवेंद्र मिश्रा की अदालत ने माना कि इस केस में विलंब का मुख्य वजह पुलिस द्वारा न्यायालय से निर्गत आदेशों का ससमय अनुपालन नहीं करना है. पुलिस अधीक्षक, आनंद कुमार को आदेश दिया गया कि अपने स्तर से संबंधित पुलिस पदाधिकारी से पूर्व सांसद लवली आनंद, प्रमोद सिंह और चंद्रहास राय को न्यायालय द्वारा निर्गत गैरजमानतीय वारंट के अनुपालन में गिरफ्तार कर इस न्यायालय में प्रस्तुत करें. न्यायालय द्वारा निर्गत कारण-पृच्छा और आदेशों का ससमय पालन नहीं करने वाले संबंधित पुलिस पदाधिकारी के विरुद्ध विधि सम्मत कार्रवाई करते हुए इस न्यायालय को सूचित करें.

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