गोपालगंज: बिहार विधानसभा उपचुनाव (Bihar assembly by election 2022) के लिए गोपालगंज 101 विधानसभा सीट से बसपा प्रत्यासी इंदिरा यादव (BSP candidate Indira Yadav) ने आज सदर एसडीएम सह आरओ प्रदीप कुमार के समक्ष अपना नामांकन का पर्चा दाखिल किया. इस दौरान साधु यादव के समर्थकों की हुजुम उमड़ पड़ी. बसपा प्रत्यासी ने जनता से एक बार फिर मौका मांगा है. इंदिरा यादव ने जनता से वोट देने और अधूरे कामों को पूरा करने का अवसर मांगा है.
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गोपालगंज में त्रिकोणीय मुकाबला: गोपालगंज विधानसभा उपचुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला होता नजर आ रहा है. गोपालगंज विधानसभा 101 सीट से जहां भाजपा और महागठबंधन उम्मीदवारों के बीच मुकाबला होना था, लेकिन अब डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की मामी इंदिरा यादव की इंट्री हो गई है. इंदिरा यादव गोपालगंज के पूर्व सांसद अनिरुद्ध प्रसाद उर्फ साधु यादव की पत्नी हैं. जो उपमुख्यमंत्री तेजश्वी यादव की मामी भी हैं.
भाजपा से असली लड़ाई: पत्रकारों से बातचीत करते हुए इंदिरा यादव ने कहा कि उनकी लड़ाई भाजपा है और जीत सुनिश्चित मिलेगी. बता दें कि गोपालगंज विधानसभा से इंदिरा यादव दूसरी बार चुनाव लड़ रहीं हैं, इसके पहले 2005 में वो निर्दलीय चुनाव लड़ चुकी हैं. इंदिरा यादव का ससुराल फुलवरिया विधानसभा के सेलार कला है और मायका गोपालगंज विधानसभा के अरार मोहल्ले में है.
बता दें कि इसके पहले 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में साधु यादव ने बसपा से चुनाव लड़ा था और भाजपा के दिवंगत विधायक सुभाष सिंह को कड़ी टक्कर दी थी. भाजपा के प्रत्यासी रहे स्व सुभाष सिंह को 77791 वोट मिले थे, जबकि बसपा के प्रत्याशी रहे साधु यादव को 41039 वोट मिले थे. वहीं, महागठबंधन से कांग्रेस के उम्मीदवार रहे बिहार के पूर्व सीएम अब्दुल गफूर के पोता आसिफ गफूर को महज 36460 वोट मिले थे. इस तरह से महागठबंधन के उम्मीदवार तीसरे नंबर के प्रत्याशी बने थे.
इस बार गोपालगंज शहर के बड़े व्यवसायी मोहन प्रसाद गुप्ता को राजद ने उम्मीदवार बनाया है. भाजपा से दिवंगत विधायक की पत्नी कुसुम देवी भाजपा के टिकट पर किस्मत आजमा रही है. इन दो प्रत्याशियों के बीच तीसरे प्रत्याशी के रूप में दमदार उम्मीदवारी के साथ इंदिरा यादव उतरीं हैं और बुधवार 12 अक्टूबर को अपना नामांकन पर्चा दाखिल किया. इंदिरा यादव के आने के बाद गोपालगंज विधानसभा उपचुनाव में अब त्रिकोणीय लड़ाई होने की संभावना जताई जा रही है.
गौरतलब है कि उपचुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने 14 अक्टूबर तक ही नामांकन कराने के लिए प्रत्याशियों को मौका दिया है. 3 नवंबर को वोटिंग होना है और 6 नवंबर को मतगणना के बाद रिजल्ट जारी हो जाएगा. जिसके बाद यह स्पष्ट होगा कि किसके सिर पर ताज होगा और किसे हार का सामना करना पड़ेगा.