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गोपालगंज में दो महीने से बंद है वैक्सीनेशन, ऐसे में कैसे होगी कोरोना से लड़ाई

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Published : Dec 24, 2022, 6:43 PM IST

गोपालगंज में दो महीने से बंद है वैक्सीनेशन
गोपालगंज में दो महीने से बंद है वैक्सीनेशन

गोपालगंज में कोविड के नये वेरिएंट को लेकर स्वास्थ्य विभाग तैयारियों में जुटा है, लेकिन दो माह से यहां वैक्सीनेशन नहीं (Corona vaccination closed in Gopalganj) हो रहा है. ऐसे में यहां किस हद तक कोरोना से लड़ाई में विभाग सफल होगी यह देखने वाली बात है. कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर जिले में तैयारी पर पड़ताल की गई. पढ़ें पूरी रिपोर्ट..

गोपालगंज में कोरोना से लड़ाई की तैयारी

गोपालगंजः बिहार के गोपालगंज में कोरोना के नए वैरिएंट के (New Variants of Corona) संभावित खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है. यहां स्वास्थ्य विभाग ने नए वेरिएंट को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर लेने का दावा किया जा रहा है. सिविल सर्जन वैक्सीनेशन का दावा कर रहे हैं, लेकिन तैयारियों की पड़ताल में पता चला कि जिले में टीकाकरण का काम दो महीने से बंद पड़ा है.

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टीकाकरण और जांच बढ़ाने का निर्देश: दरअसल, पिछले दिनों स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने वीसी कर कोरोना के नए वेरिएंट के संभावित खतरे को लेकर सदर अस्पतालों की वस्तुस्थिति की जानकारी ली थी. साथ ही जांच व टीकाकरण की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया गया था. हालांकि, सदर अस्पताल में पूर्व से ही इमरजेंसी, लेबर रूम, महिला व पुरुष वार्ड, ओटी, पीसीयू, आईसीयू सहित सभी जगहों को मिलाकर कुल 105 बेड ऑक्सीजनयुक्त रखे गए है. लेकिन अभी तक पाइप लाइन के सहारे ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं हो रही है.

प्रतिदिन 2000 जांच का दावाः मरीजों को कांस्ट्रेटर से ऑक्सीजन मुहैया कराई जा रही है. वहीं जांच की बात 2000 तक प्रतिदिन किये जाने का दावा किया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग सभी प्रखंडों के पीएचसी और सीएचसी में कोविड की जांच करा रही है. सिविल सर्जन डॉ बीरेंद्र प्रसाद ने बताया कि जिले के सभी प्रखंडों में प्रतिदिन एंटीजन 100 व आरटीपीसीआर 50 से 60 जांच कराई जा रही है. इसका लक्ष्य लगभग 2 हजार प्रतिदिन है.

सभी प्रखंडों में हो रही कोरोना जांचः सीएस ने बताया कि पत्र जारी कर सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों व स्वास्थ्य प्रबंधकों को निर्देश दिया जा रहा है कि कोरोना की जांच को तत्परता से जारी रखे. उन्होंने बताया कि अभी भी टेस्टिंग व सैंपल कलेक्शन का कार्य चल रहा है. बाहर या अन्य प्रदेशों से आने वाले परदेशियों पर भी नजर रखी जाएगी. जिले में कोविड से निपटने के लिए पूर्व में की गयी तैयारी अभी भी उसी तरह है.

ऑक्सीजनयुक्त बेडों की पर्याप्त व्यवस्थाः सदर अस्पताल में 40, हथुआ में 40, थावे सीएचसी में 40 तथा झझवा सीएचसी में 30 सेंट्रलाइज्ड ऑक्सीजन युक्त बेड उपलब्ध है. इसके अलावा पीआईसीयू में 10, नीकू व पीकू वार्ड में ऑक्सीजन युक्त 10-10 बेड चालू हालत में है. सभी जगह पीसीए मशीन भी चालू हालात में है. जबकि गोदाम में रखे ऑक्सीजन सिलेंडर तथा पोर्टबल ऑक्सीजन मशीन आदि की भी जांच की जाएगी.

ऑक्सीजन संयंत्रों को किया गया दुरुस्तः पीएम केयर के तहत बने ऑक्सीजन प्लांट पिछले कई दिनों से टेक्निकल फॉल्ट के कारण बन्द पड़े थे. उसे दुरुस्त किया जा रहा है. इस सन्दर्भ में प्लांट टेक्नीशियन वकील प्रसाद ने बताया कि प्लांट से एक हजार लीटर ऑक्सीजन प्रतिदिन उत्पादित किया जाता है. पिछले कुछ दिनों से यह बंद था. अब इसे दुरस्त किया जा रहा है.

दो माह से टीकाकरण बंदः इसके अलावा पड़ताल में पिछले दो माह से वैक्सिनेशन बन्द होने की बात सामने आई है, लेकिन सिविल सर्जन ने बताया कि लागतार वैक्सिनेशन का कार्य चल रहा है. साथ ही उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि ओमिक्रोन के एक्स बीबी वैरिएंट दशहरा में गुजरात में मिलने की पुष्टि हुई थी, लेकिन उससे ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है. उन्होंने बताया कि हमारे यहां सभी व्यवस्था उपलब्ध है. अब तक फर्स्ट डोज 17 52 159, दूसरा डोज 1643275 और प्रीकॉशन डोज 3 22 298 हुआ है.

"लागतार वैक्सिनेशन का कार्य चल रहा है. जिले के सभी प्रखंडों में प्रतिदिन एंटीजन 100 व आरटीपीसीआर 50 से 60 जांच कराई जा रही है. इसका लक्ष्य लगभग 2 हजार प्रतिदिन है. पत्र जारी कर सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों व स्वास्थ्य प्रबंधकों को निर्देश दिया जा रहा है कि कोरोना की जांच को तत्परता से जारी रखे" - डॉ वीरेंद्र प्रसाद, सिविल सर्जन

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