ETV Bharat / state

गया का विष्णुपद मंदिर बंद, दरवाजे पर ही पिंड अर्पित कर लौटे श्रद्धालु

author img

By

Published : Apr 10, 2021, 8:02 PM IST

गया
गया

देश-विदेश से पिंडदान करने आये लोगों से पिंड अर्पित करवाकर दोपहर के बाद मंदिर का कपाट 30 अप्रैल तक के लिए बंद कर दिया गया. मंदिर के कपाट बंद होने के बाद भी पिंडदान करने वालों का तांता लगा रहा. अंत में लोगों ने मायूस होकर मुख्य दरवाजे पर पिंडदान कर दिया.

गया: बिहार सरकार ने कोविड-19 के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए शनिवार से सभी धार्मिक संस्थानों को बंद करने का आदेश दिया गया था. उसी आदेश का अनुपालन करते हुए आज दोपहर के बाद विश्व प्रसिद्ध विष्णुपद मंदिर को बंद कर दिया गया. विष्णुपद मंदिर को बंद करने से देश-विदेश से आए पिंडदान करने वालों में मायूसी छा गयी. ऐसे में पिंडदानी मंदिर के मुख्य दरवाजे पर ही पिंड अर्पित कर वापस लौट गए.

ये भी पढ़ेंः गयाः सरकार के निर्देश के बाद महाबोधि मंदिर बंद, दूर-दराज से आए बौद्ध भिक्षु नहीं कर पा रहे दर्शन

30 अप्रैल तक बंद रहेगा मंदिर
देश-विदेश से आए पिंडदान करने वाले का पिंड अर्पित करवाकर दोपहर के बाद मंदिर का कपाट 30 अप्रैल तक के लिए बंद कर दिया गया. मंदिर के कपाट बंद होने के बाद भी पिंडदान करने वालों का तांता लगा रहा. अंत में लोगों ने मायूस होकर मुख्य दरवाजे पर पिंडदान कर दिया.

'सरकार के निर्देशानुसार शनिवार से मंदिर को बंद कर दिया गया है. मंदिर में हर दिन सुबह, दोपहर व शाम पंडा पूजा-अर्चना करेंगे. सनातन परंपरा के अनुसार अभी चैत खरमास चल रहा है. खरमास में पश्चिम बंगाल से सबसे ज्यादा पिंडदानी आते हैं. आज लगभग 10,000 पिंडदानी आए थे. सभी का पिंडदान विष्णुपद में अर्पित करवाकर मंदिर को बंद किया गया है' - गजाधर लाल पाठक, सचिव, विष्णुपद प्रबंधकारिणी समिति

देखें वीडियो

पिछले साल ना के बराबर हुआ था पिंडदान
विष्णुपद मंदिर बंद होने से हजारों लोगों के रोजगार पर ग्रहण लग गया है. चैत खरमास में देश-विदेश से श्रद्धालु अपने पितरों के मोक्ष के लिए गयाजी में पिंडदान करने आते हैं. पिछले साल लॉकडाउन के कारण पिंडदानी ना के बराबर आए थे.

इस साल चैत खरमास में पिंडदानी के लिए अपार भीड़ देखने को मिल रही थी. इससे लग रहा था कि पिछले साल के आर्थिक नुकसान की भरपाई इस खरमास में होगी. लेकिन कोरोना के कारण मंदिर बंद कराना पड़ा और उम्मीदों पर पानी फिर गया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.