ETV Bharat / state

Female Electrician Sita Devi : मिलिए गया की महिला Electrician सीता देवी से, संघर्ष और सफलता की दिलचस्प कहानी

author img

By

Published : Nov 15, 2022, 8:02 AM IST

Sita Devi Motivational Story
Motivational Story in Hindi

भारत में कई महिलाएं ऐसी हैं जो विभिन्न क्षेत्रों में उम्दा कार्य कर न केवल अपने परिवार का भरण-पोषण कर रही हैं अपितु अन्य महिलाओं को स्वावलंबन की राह प्रशस्त कर रही हैं. आज ईटीवी भारत बिहार के गया जिले से ऐसी ही एक महिला सीता देवी की कहानी (Sita Devi Motivational Story) लेकर आया है. पढ़ें

गया: अब नारी न तो अबला है और न ही कमजोर. महिलाओं के प्रति समाज की सोच बदलने लगी है. यह बदलाव उन महिलाओं के दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर आया है, जिन्होंने अपने हौसलों के बल पर मुश्किलों से लड़कर अपने रास्ते खुद बनाए हैं. ऐसी ही एक कहानी है बिहार के गया जिले की सीता देवी (47) की. सीता अपने हुनर से दूसरों के घरों को रोशन कर रही हैं. आज घर की जिम्मेदारी उठाने के लिए सीता देवी इलेक्ट्रिशियन बन (Gaya Female Electrician Sita Devi) गईं.

ये भी पढ़ें-यू ट्यूब से सीखकर बिहार के आशीष उगा रहे अमेरिका का ₹400/किलो बिकने वाला 'काला आलू'

मिलिए गया की महिला Electrician सीता देवी से : बिहार के गया जिले में काशीनाथ मोड़ पर सीता देवी की इलेक्ट्रॉनिक की रिपेयरिंग की दुकान है. सीता देवी अपने आप में अनोखी है. यह अक्षर ज्ञान नहीं जानती. आज भी ककहरा तक नहीं जानती है, लेकिन पुरुषों की तरह बिजली से संबंधित उपकरण आसानी से रिपेयर कर लेती हैं. चाहे वो पंखा हो, आयरन, वासिंग मशीन, कूलर या फिर मिक्सी. सीता देवी का गृहिणी से लेकर 'इलेक्ट्रिशियन सीता देवी' तक के सफर की कहानी बहुत ही दिलचस्प है.

25 साल पहले, ऐसे सीखा इलेक्ट्रिशियन का काम : 25 साल पहले एक दिन सीता देवी के पति की तबियत बहुत खराब हो गई. डॉक्टर ने पति को पूरी तरह बेड रेस्ट के लिए बोल दिया. घर में चार बच्चे और खुद की बीमारी के लिए पति दुकान पर बैठने लगे. सीता देवी के पति भी पेशे से इलेक्ट्रीशियन थे. उनकी देखभाल के लिए सीता देवी भी उनके साथ बैठती थीं. इस दौरान उन्होंने उपकरणों की रिपेयरिंग का पूरा काम सीख लिया और खुद दुकान पर बैठनें लगी. धीरे-धीरे वह पति की तरह ही इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स को ठीक करने में माहिर हो गईं.

''पति के बीमार होने के बाद वह अपने 4 छोटे बच्चों को साथ में रखकर फुटपाथ पर रही. बच्चों को दुकान पर लाती थी और उन्हें घोड़े पर बैठाकर या सुलाकर वह अपने काम में लगी रहती थी. मैंने अपने बच्चों को पढ़ा लिखा कर काबिल बनाया है. दो बेटे और एक बेटी की शादी भी कर दी है. एक बेटी की शादी भी धूमधाम से करूंगी. कुछ जमा पूंजी भी है.'' - सीता देवी, इलेक्ट्रिशियन, गया

रिश्तेदारों से मिला ताना, 'महिलाओं वाले काम करो' : सीता देवी का सफर काम ऐसा था कि वो दूसरों के घर जाकर भी रिपेयरिंग का काम करने लगी. लेकिन, कहते है ना, एक महिला जब पुरुषों वाला काम करने लगे तो समाज को ये नहीं भाता. सीता देवी के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. नाते-रिश्तेदारों ने ताना देना शुरू कर दिया. रिश्तेदार कहने लगे काम करना है तो महिलाओं वाला काम करो. लेकिन इन बातों सीता देवी का हौसला नहीं टूटा. वो अपना काम जिम्मेदारी से करने लगी.

‘इलेक्ट्रेशियन सीता देवी’ के नाम से मशहूर हुईं : इलेक्ट्रिशियन सीता देवी कहती है कि वह हर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने की बात कहती है. महिलाएं आत्मनिर्भर रहेंगी तो पूरे परिवार में बड़ी सहायक सिद्ध होंगी. दो पैसे की कमाई कर अपने लिए रखना चाहिए. इस तरह से देखा जाए तो सीता देवी महिला सशक्तिकरण का बड़ा उदाहरण है. सीता देवी आज भी कहती है, उसे कुछ न सही तो कम से कम एक दुकान ही मिल जाए तो फुटपाथ पर बरसात गर्मी ठंढ से निजात मिल जाएगी. फिलहाल, अब सीता देवी को लोग इलेक्ट्रिशियन सीता देवी के नाम से पुकारने लगे हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.