पितृपक्ष 2022: गया में देश का सबसे बड़ा रबर डैम, कल CM नीतीश करेंगे उद्घाटन

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Published : Sep 7, 2022, 6:16 PM IST

Updated : Sep 7, 2022, 6:28 PM IST

CM Nitish will Inaugurate Rubber Dam In Gaya

गया के फल्गु में बने रबर डैम का 8 सितंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar ) लोकार्पण करेंगे. इस दौरान उनके साथ डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी मौजूद रहेंगे. पढ़ें.

गया: देश का सबसे बड़ा और बिहार का पहला रबर डैम (CM Nitish will Inaugurate Rubber Dam In Gaya ) गया में बनकर तैयार है. फल्गु में यह रबर डैम (Bihar first rubber dam) बनाया गया है. 8 सितंबर को गया पहुंचकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रबर डैम का लोकार्पण करेंगे. उनके साथ उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Deputy CM Tejashwi Yadav) भी होंगे. इसे गया जी रबर डैम का नाम दिया गया है.

पढ़ें- गया में विष्णुपद मंदिर में सीएम नीतीश ने की पूजा अर्चना, रबर डैम के काम से हुए खुश

रबर डैम का कल सीएम नीतीश करेंगे उद्घाटन: 261 करोड़ की लागत से बनाए गए इस रबर डैम (Country largest rubber dam in Gaya) में अब पानी ही पानी है. जानकारी के अनुसार इसमें 3 फीट पानी रखने की योजना थी, लेकिन यहां पानी लबालब भरा हुआ है. यहां करीब पांच फीट से ऊपर पानी हो गया है. इसकी लागत 261 करोड़ रुपये है. विष्णुपद मंदिर के पास रबर डैम से फल्गु नदी में पूरे साल 2 फीट पानी उपलब्ध रहेगा, जिससे तीर्थयात्री तर्पण का विधि विधान कर पाएंगे. डैम के शिलान्यास से पंडा समुदाय के साथ स्थानीय लोग काफी खुश हैं.

तेजस्वी भी सीएम नीतीश के साथ रहेंगे मौजूद: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सीताकुण्ड जाने के लिए पुल का लोकार्पण भी करेंगे. उक्त कार्यक्रम कल दोपहर लगभग एक बजे के आस-पास किया जाएगा. इस दौरान विष्णुपद मंदिर के समीप पितृपक्ष मेला 2022 का उद्घाटन भी किया जाएगा. कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव शामिल होंगे. इसे लेकर भव्य मंच का निर्माण कराया गया है.

दो साल बाद पितृपक्ष मेले का आयोजन: इस मौके पर जिला पदाधिकारी डॉ. त्यागराजन एस.एम. ने कहा कि यह पितृपक्ष मेला विगत 2 वर्षों के बाद मनाया जा रहा है. इस वर्ष पितृपक्ष मेला में पूर्व वर्षो की अपेक्षा में अधिक संख्या में तीर्थयात्री के आने का अनुमान है. इसे ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन द्वारा सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.

तीर्थ यात्रियों के बेहतर सुविधा के लिए गांधी मैदान में तीन टेंट सिटी का भी निर्माण कराया गया है. टेंट सिटी का निर्माण पितृपक्ष मेला के दौरान पहली बार किया गया है. पहले के वर्षों में फल्गु नदी में पानी नहीं रहने के कारण पिंडदानियों को तर्पण देने में काफी कठिनाइयां होती थी. फल्गु नदी के तट पर विष्णुपद मंदिर के नजदीक सालों भर जल उपलब्ध कराने के लिए गयाजी डैम का निर्माण करवाया गया.- डॉ. त्यागराजन एसएम,जिला पदाधिकारी

रबर डैम की ये है विशेषता: विष्णुपद मंदिर के निकट फल्गु नदी के सतही प्रवाह को रोकने के लिए 3 मीटर ऊंचा और 411 मीटर की लंबाई में भारत का सबसे लंबा रबर डैम का निर्माण करवाया गया है. जिसमें 65- 65 मीटर लंबाई के 06 span हैं. इसके रबर ट्यूब में आधुनिक स्वचालित विधि से हवा भरी एवं निकाली जा सकती है, जिसके कारण फल्गु नदी के जल के प्रवाह एवं भंडारण को प्रभावी रूप से संचालित किया जा सकेगा. इसके साथ ही श्रद्धालुओं के विष्णुपद घाट से सीताकुंड तक पिंडदान के लिए जाने के लिए रबडर डैम के ऊपर 411 मीटर लंबा स्टील पैदल पुल का भी निर्माण किया गया है. इसके साथ ही पैदल पुल से उतरकर सीताकुंड तक पहुंचने के लिए पैदल पथ भी तैयार किया गया है. श्रद्धालुओं द्वारा पिंडदान के समय उपयोग किए जा रहे नदी के पानी की स्वच्छता बनाए रखने के लिए बाएं तट पर 752 मीटर की लंबाई में भूमिगत मनसरवा नाला का भी निर्माण किया गया है.

क्यों करते हैं पितृ पक्ष?: हिंदू धर्म में व्यक्ति के मृत्यु के पश्चात उसे पितृ की संज्ञा दी जाती है. मान्यता अनुसार मृतक का श्राद्ध या तर्पण न करने से पितरों की आत्मा को शांति नहीं मिलती है, जिससे घर में पितृ दोष लगता है और घर पर कई तरह की समस्याएं उत्पन्न होती हैं. वहीं जिनके घर के पितृ प्रसन्न रहते हैं उनके घर कभी कोई मुसीबत नहीं आती है. ऐसे में पूर्वजों को प्रसन्न करने के लिए आश्विन माह में 15 दिन का पितृ पक्ष समर्पित होता है, इस बीच पितरों को प्रसन्न करने के लिए श्राद्ध किया जाता है.


तीर्थयात्रियों को मिलेगी बड़ी राहत: पंडा समुदाय मोक्षदायिनी फल्गु नदी में सालों भर तर्पण करने के लिए पानी रहने की मांग काफी समय से कर रहे थे. विष्णुपद मन्दिर प्रबन्धकारिणी समिति के सदस्य महेश लाल गुपुत ने कहा कि फल्गु नदी का पानी पितरों के लिए अमृत के सामान है. इसकी एक-एक बूंद का बड़ा महत्व है. उन्होंने कहा कि देवघाट के पास सालों भर पानी रहने से तीर्थयात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी. महेश लाल गुपुत ने कहा कि फल्गु नदी में कहीं दूसरी जगह का पानी नहीं मिलाया जाएगा.

Last Updated :Sep 7, 2022, 6:28 PM IST
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