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मोतिहारी: मुखिया संघ ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, मनरेगा MMS के विरोध का लिया निर्णय

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Published : Dec 17, 2022, 7:47 PM IST

पूर्वी चंपारण जिला मुखिया संघ की बैठक
पूर्वी चंपारण जिला मुखिया संघ की बैठक

पूर्वी चंपारण जिला मुखिया संघ (East Champaran District Mukhiya Association) सरकार के साथ दो-दो हाथ करने को तैयार है. मनरेगा में सरकार द्वारा लागू किए गए एमएमएस व्यवस्था से नाराज जिला मुखिया संघ ने इस योजना का विरोध करने का निर्णय लिया है. इसको लेकर पूर्वी चंपारण जिला मुखिया संघ की बैठक हुई है. पढ़ें पूरी खबर...

पूर्वी चंपारण जिला के मुखिया संघ की बैठक

मोतिहारी: बिहार के मोतिहारी में पूर्वी चंपारण जिला मुखिया संघ की बैठक हुई. पंचायती राज व्यवस्था (Bihar Panchayati Raj System) में नए नियमों लागू किए जाने से नाराज पूर्वी चंपारण जिला के मुखिया संघ की बैठक हुई. जिसमें मनरेगा में सरकार द्वारा लागू किए गए मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम (Mobile Monitoring System) व्यवस्था से नाराज जिला मुखिया संघ ने इस योजना का विरोध करने का निर्णय लिया है. एक होटल में जिला मुखिया संघ के अध्यक्ष शशि भूषण सिंह की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई. जिसमें प्रस्ताव पारित कर मनरेगा एमएमएस का विरोध करने से संबंधित प्रस्ताव पारित किया गया.

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पूर्वी चंपारण जिला के मुखिया संघ की बैठक : बैठक के बाद मुखिया संघ के जिला सचिव राजू बैठा ने कहा कि पंचायती राज अधिनियम में पंचायत को विकसित करने का पूर्ण अधिकार पंचायत को दिया गया है. जिसमें पंचायत ग्राम सभा, पंचायत के विकास के लिए कोई भी योजना को लेकर उसे क्रियान्वित कर सकती है. लेकिन सरकार पंचायत के प्रतिनिधियों के साथ दोहरी नीति अपना रही है. पंचायत को अपने चंगुल में करना चाह रही है. जिस कारण पंचायत का विकास नही हो पा रहा है. सरकार मुखिया को ग्राम सभा के अनुसार काम करने की स्वतंत्रता दे और टाइड-अनटाइड का पेंच न फंसाए.

पंचायती राज अधिनियम की धारा 170 के तहत मुखिया लोकसेवक है तो मुखिया को लोकसेवक को मिलनेवाली सारी सुविधाएं भी उपलब्ध कराए और ग्राम सभा को समाप्त कर दे. मुखिया से कोई एक ही कार्य कराया जाए. अन्यथा बिहार के मुखिया सरकार का पूरा विरोध करेंगे.' - राजू बैठा, जिला सचिव, मुखिया संघ, पूर्वी चंपारण

सरकार के खिलाफ मुखिया संघ : बता दें कि सरकार ने एक आदेश जारी कर मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूरों का एमएमएस से 11 बजे तक हाजरी बनाना अनिवार्य कर दिया है. जबकि एक रोजगार सेवक कई पंचायतों के प्रभार में हैं. साथ हीं कई जगह नेटवर्क की समस्या है. जिस कारण मनरेगा के तहत हो रहे कार्य में मजदूरी कर रहे कई मजदूरों की हाजिरी नहीं बन पा रही है और लेबर मुखिया को इसके लिए जिम्मेदार बता रहे हैं. इसी कारण जिला के विभिन्न पंचायतों के मुखिया की परेशानी बढ़ गई है और मुखिया मनरेगा एमएमएस का विरोध कर रहे हैं. गौरतलब है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (मनरेगा) के मजदूरों की अब मौके पर ही मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम (एमएमएस एप) से हाजिरी होगी. इससे मनरेगा के कामकाज में पारदर्शिता आएगी और मजदूरों को भुगतान भी शीघ्र मिलेगा.

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