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प्रशासन के लिए सिर दर्द: रेलवे स्टेशन से 'कोरोना लेकर' भागे प्रवासी!

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Published : Apr 19, 2021, 2:35 PM IST

Buxar Railway Station
Buxar Railway Station

महाराष्ट्र से बक्सर पहुंचे प्रवासी श्रमिक, स्टेशन पहुंचते ही अपना सामान लेकर तेजी से भागते नजर आए. कोविड 19 की जांच से बचने के लिए ट्रेन से उतरने के साथ ही इन लोगों ने दौड़ लगा दी. बिना कोरोना जांच कराए भाग निकले सैकड़ो प्रवासी श्रमिकों को अब स्वास्थ्य विभाग के कर्मी तलाश रहे हैं.

बक्सर: कोरोना संकट से देश- दुनिया सभी त्रस्त है. गाइडलाइन का सख्ती से पालन करने के लिए बार-बार लोगों को कहा जा रहा है. इसके लिए जागरुगता अभियान तक चलाया जाता रहा है. लेकिन इन तमाम चीजों को धत्ता बताने वाली एक दुखद तस्वीर सामने आई है. जिसके बाद प्रशासन से लेकर जनता तक के बीच हड़कंप मचा हुआ है.

लॉकडाउन की आशंका के बीच प्रवासी मजदूर किसी तरह से जल्दी-जल्दी अपने घर पहुंचना चाहते हैं. महाराष्ट्र से जब ट्रेन बक्सर पहुंची तो प्रवासी श्रमिक बिना कोरोना जांच कराए अपना सामान लेकर भागने लगे. इन लोगों को ये डर सता रहा था कि अगर पॉजिटिव आए तो क्या होगा. प्रवासी श्रमिकों का कहना था कि अस्पताल में इंतजाम नहीं है. ऐसे में सभी लोग बस किसी भी हाल में अपने घर पहुंचना चाहते हैं. अब जरा सोचिए बिना जांच कराए सैकड़ों प्रवासी श्रमिक जो भाग खड़े हुए हैं, अगर उनमें से कुछ लोग भी संक्रमित हुए तो क्या होगा?

देखें रिपोर्ट

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टेस्ट बिना कराए भाग निकले प्रवासी श्रमिक
बिहार में पिछले 17 दिनों में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में 23 गुणा वृद्धि हुई है. वहीं रिकवरी रेट में भी 13% की गिरावट आयी है. पिछले 1 अप्रैल तक रिकवरी रेट 98.69% थी. वहीं अब रिकवरी रेट 85.67% पर आ गई है. उसके बाद भी लोग संक्रमण की भयावह स्थिति से बचने के बजाय ,लापरवाही करते दिखाई दे रहे हैं. बक्सर रेलवे स्टेशन पर प्रवासी मजदूरों के पहुंचते ही भगदड़ मच गई. सभी बिना कोरोना टेस्ट कराए भाग खड़े हुए, इस दौरान ड्यूटी पर तैनात मजिस्ट्रेट और स्वास्थ्यकर्मी देखते रह गए.

Buxar Railway Station
बक्सर रेलवे स्टेशन

'2020 के भयानक मंजर को हम आज तक नहीं भूले हैं. और ना ही दिल पर लगे जख्म मिट पाये हैं. लॉकडाउन न लग जाये इस डर से जहां थे, वही से पत्नी,बच्चों के साथ निकल पड़े. तीन दिन बाद जब ट्रेन, स्थानीय रेलवे स्टेशन पर पहुंची तो, यहां 1 ग्लास पानी की भी व्यवस्था नहीं है. बच्चे भूख से तड़प रहे थे. ऐसे में भागे नहीं तो क्या करें. आपदा के नाम पर करोड़ों रूपये खर्च करने का दावा सरकार करर ही है, लेकिन व्यवस्था के नाम पर कुछ नहीं है.'- विजय गोंड, प्रवासी श्रमिक

Buxar Railway Station
स्टेशन पहुंचते ही बिना कोविड टेस्ट कराय भाग खड़े हुए प्रवासी मजदूर
'सरकारी सिस्टम और स्वास्थ्यकर्मियों पर लोगों को अब भरोसा ही नहीं है. 15 दिनों तक आइसोलेशन सेंटर में रहने के दौरान, 15 जन्म याद आ जाता है. ऐसा लगता है कि मर जाये लेकिन आइसोलेशन सेंटर न जाएं. पहले जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और सरकार लोगों को यह भरोसा दिलाये कि लोगों की देखभाल ठीक से की जाएगी. तभी लोग सरकारी सिस्टम और अधिकारियों पर भरोसा करेंगे.'- अजीत कुमार सिंह, भाकपा माले विधायक
Buxar Railway Station
अजीत कुमार सिंह, विधायक, भाकपा माले

प्रशासन कर रहा तलाश
ट्रेन रात में जब बक्सर पहुंची तो स्टेशन में काफी कम सुरक्षाकर्मी मौजूद थे. हालांकि ट्रेन में कुछ समझदार मुसाफिर भी थे, जिन्होंने भीड़ के साथ भागने की बजाय वहां रुक कर अपनी कोरोना जांच कराना जरूरी समझा. इस बीच जांच कराए बिना यात्रियों के भागने की घटना को प्रशासन ने गंभीरता से लिया है और अब प्रशासन बिना जांच कराये भागे गए प्रवासी मजदूरों की पहचान करने में जुटा हुआ है.

गौरतलब है कि पूरे देश में कोरोना संक्रमण की भयावह स्थिति है. उसके बाद भी लोगों में संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए जागरुकता का अभाव साफ नजर आ रहा है.

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