कांग्रेस का तंज- 'केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे को बक्सर की जगह भागलपुर की चिंता'

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Published : Aug 21, 2021, 3:45 PM IST

विश्वनाथ राम

कांग्रेस विधायक विश्वनाथ राम (Congress MLA Vishwanath Ram) ने कहा कि बाढ़ के वक्त तो केंद्रीय राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे एक बार भी लोगों को देखने नहीं आए. अब जब हालात सामान्य हो गए हैं तो वे दिल्ली से आकर प्रकट हो गए हैं.

बक्सर: केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार के बाद केंद्रीय राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे (Union Minister Ashwini Choubey) पहली बार अपने संसदीय क्षेत्र आए हैं. उनके इस दौरे को लेकर कांग्रेस ने उन पर निशाना साधा है. कांग्रेस विधायक विश्वनाथ राम (Congress MLA Vishwanath Ram) ने कहा कि अपने क्षेत्र की जनता को राम भरोसे छोड़कर वे तो भागलपुर के लोगों की चिंता में लगे हैं.

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राजपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक विश्वनाथ राम ने कहा कि जब बक्सर की जनता बाढ़ से परेशान थी तो मंत्री दिल्ली में आराम फरमा रहे थे. अब जब बाढ़ खत्म हो गई तो पार्टी कार्यकर्ताओं का मजमा लगाने के लिए पहुंच गए हैं.

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विश्वनाथ राम ने कहा कि सच तो ये हैं कि अश्विनी कुमार को जितनी चिंता भागलपुर की रहती है, उतनी बक्सर की नहीं रहती है. जनता समझ नहीं पा रही है कि वे बक्सर के सांसद हैं या भागलपुर के.

कांग्रेस विधायक ने कहा कि 7 वर्षो में कई बार इटाढ़ी ओवरब्रिज का शिलान्यास केंद्रीय मंत्री ने किया, लेकिन आजतक उस ओवरब्रिज के नाम पर एक ईंट भी सरकार नहीं रखवा पाई है. केवल बयानबाजी कर क्षेत्र की जनता को मूर्ख बनाया जा रहा है.

विश्वनाथ राम ने कहा कि क्षेत्र की जनता मंत्री से परेशान हैं. जो हाल है, उसको देखकर मैं दावा कर रहा हूं कि आने वाले 2024 के लोकसभा चुनाव में बक्सर के लोग मंत्री का भी यहां से शिलान्यास कर भागलपुर भेज देंगे.

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दरअसल केंद्रीय राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे बक्सर दौरे पर हैं. मोदी कैबिनेट के विस्तार होने के बाद पहली बार अपने संसदीय क्षेत्र में पहुंचने के बाद उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद डुमरांव अनुमंडल के पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की. इस दौरान लोगों की समस्याओं को भी सुना. साथ ही बाढ़ से प्रभावित होने वाले लोगों को हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया.

आपको बताएं कि जिले के 6 प्रखण्ड की 18 पंचायत के 38 गांव के लोग बाढ़ का सामना कर रहे थें. लोगों का आरोप है कि उस समय किसी ने उनका सुध नहीं लिया. अब जब बाढ़ खत्म हो गई है, तब अब हर दल के नेता बाढ़ पीड़ितों का मसीहा बनने में लगे हुए हैं.

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