ETV Bharat / state

कोरोना के कारण मुहर्रम का रंग फीका, इस बार भी नहीं निकलेगा ताजिया का जुलूस

author img

By

Published : Aug 20, 2021, 2:30 PM IST

ताजिया जुलूस
ताजिया जुलूस

कोरोना के कारण इस बार भी मुहर्रम पर ताजिया का जुलूस नहीं निकाला जा रहा है. कोविड प्रोटोकॉल के तहत लोग अपने घरों पर ही मातम मना रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर...

भोजपुरः कोरोना संक्रमण (Covid Pandemic) के रोकथाम को लेकर लागू गाइडलाइन की वजह से इस साल भी मोहर्रम पर ताजिया के साथ किसी भी प्रकार का जुलूस नहीं निकाला जाएगा. पिछले दो सालों से मुहर्रम (Muharram) के मौके पर भोजपुर में ताजिया जुलूस (Tazia Procession) नहीं निकाला जा रहा है. मुस्लिम समुदाय में इसे लेकर निराशा जरूर है, बावजूद वे रिस्क मोल लेना नहीं चाहते हैं.

इसे भी पढ़ें- गोपालगंज: ताजिया जुलूस के दौरान हथियार लहराने का वीडियो वायरल, पुलिस बोली- नकली है पिस्टल

पिछले साल की तरह इस साल भी मुसलिम समुदाय मुहर्रम के अवसर पर अपने घर ही मातम मना रहे हैं. बता दें कि मुहर्रम शब्द का अर्थ निषिद्ध होता है. मुहर्रम सुन्नी और शिया दोनों ही मुस्लिम समुदाय मनाते हैं लेकिन दोनों ही इसे अलग-अलग तरीके से मनाते हैं.

देखें वीडियो

मुहर्रम इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना होता है. मुसलमानों के लिए यह महीना बेहद ही पाक होता है और इसे गम के महीने के तौर पर मनाया जाता है. शिया मुसलमानों के लिए यह महीना खास महत्व रखता है.

इसे भी पढ़ें- सारण: ताजिया जुलूस के दौरान बिजली विभाग की लापरवाही से दो युवक झुलसे, एक की हालत गंभीर

वैसे तो इस पूरे महीने को ही खास माना जाता है, लेकिन इस महीने का 10वां दिन सबसे अधिक खास होता है, जिसे रोज-ए-अशुरा कहते हैं. इस दिन को मुस्लिम समुदाय मोहम्मद हुसैन के नाती हुसैन की शहादत के तौर पर मनाता है.

इस महीने के 10वें दिन को रोज-ए-अशुरा कहा जाता है. इस साल अशूरा का यह दिन 29 या 30 अगस्त को होगा. यह इसलिए कि इस्लामिक और ग्रेगोरियन कैलेंडर की तारीखें आपस में मेल नहीं खाती हैं. एक ओर जहां इस्लामिक कैलेंडर चंद्रमा पर आधारित है तो वहीं दूसरी ओर ग्रैगोरियन कैलेंडर में तारीखें सूर्य के उदय और अस्त होने के आधार पर तय की जाती है.

इसे भी पढ़ें- कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर लापरवाह दिख रहा प्रशासन, भूला सतर्कता और जागरुकता का 'मंत्र'

ईटीवी भारत से बात करते हुए आरा की स्थानीय महिला नसरीन फातिमा ने बताया कि 'वैसे तो इस त्योहार को धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण लागू प्रोटोकॉल की वजह से हम सब ने इसे घर पर ही मनाने का फैसला लिया है. आरा में भी मुस्लिम समुदाय ने ताजिया जुलूस नहीं निलाकने का फैसला लिया है.' नसरीन ने आम लोगों से भी इसे कोविड महामारी के मद्देनजर अन्य लोगों से भी इसे सतर्कता के साथ मनाने की अपील की है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.