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'जली रोटियों' पर मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान, पूछा- कैदियों के साथ ये कैसा व्यवहार

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Published : Jul 26, 2022, 3:16 PM IST

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission) ने बिहार के जेलों में खाने की गुणवत्ता को लेकर रिपोर्ट मांगा है. बेगूसराय जेल के कैदी की ओर से की गयी शिकायत पर आयोग ने स्वत: संज्ञान लिया है. पढ़ें पूरी खबर...

Food  In Bihar Jail
Food In Bihar Jail

बेगूसराय : बिहार के बेगूसराय जेल में कैदियों को खराब खाना (Bad food given to prisoners in Begusarai Jail) का मामला अब तूल पकड़ने लगा है. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआसी) ने मामले में स्वत: संज्ञान लिया है. बिहार के कारागार महानिदेशक (Director General of Jail) को नोटिस जारी कर दिया है. मीडिया रिपोर्ट के आधार पर जेलों में खराब गुणवत्ता वाले भोजन परोसे जाने की सूचना पर यह नोटिस जारी किया गया है.

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6 सप्ताह के भीतर मांगी गयी रिपोर्ट : राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने 6 सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगा है. इसके साथ ही राज्य के अन्य जेलों में बंद कैदियों को बुनियादी सुविधाओं को शामिल करने के लिए कहा गया है. अब ऐसे में डीजी की तरफ से क्या जवाब दिया जाता है यह देखने वाली बात होगी.

कोर्ट में रोटियां लेकर पहुंचा कैदी : दरअसल, कुछ दिनों पहले बिहार के बेगूसराय कोर्ट में उस समय अजीबो-गरीब स्थिति उत्पन्न हो गई थी. जब कोर्ट में कैदी चंदन कुमार रोटी लेकर (Prisoner Reached Court With Burnt Bread In Begusarai) पहुंच गया था. कैदी ने अदालत में जेल प्रशासन द्वारा घटिया खाना देने की शिकायत की थी. जिसके बाद कोर्ट परिसर में इस मामले को लेकर करीब आधे घंटे तक आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहा. उसके बाद कैदी को उचित कार्रवाई का आश्वासन देकर दोबारा जेल भेज दिया गया था.

कागज में लपेट कर थैले में छुपाकर लाई रोटी: कैदी द्वारा लाई गई रोटी को कोर्ट हाजत में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव सतीश झा ने देखी और फिर कैदी से पूरी जानकारी ली. इस दौरान कैदी ने भोजन व्यवस्था में गड़बड़ी सहित अन्य चीजों की ओर भी ध्यान दिलाया. मौके पर मौजूद जेलकर्मियों से जब रोटी जेल से बाहर आने के संबंध में पूछा गया तो पुलिसकर्मियों ने कोई भी सामान बाहर आने से इनकार किया. जबकि रोटी लेकर पहुंचे कैदी का कहना था कि वह कागज में रोटी लपेट कर थैले में रखकर जेल से निकला था.

"सर, ये वही रोटी है जो मुझे खाने के लिए मिलती है. ये रोटी जानवर भी नहीं खा पाएगा. जेल में कैदियों को जानवरों से भी बदतर खाना खिलाया जा रहा है. जेल प्रशासन कैदी को कच्ची रोटी देता है या फिर जली हुई" जेल की अन्य व्यवस्था भी बदतर है, बीमार पड़ने पर इलाज भी सही ढग से नहीं होता" - चंदन कुमार , कैदी

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