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पारस गुट को पसंद है शराबबंदी, समर्थन में श्रवण अग्रवाल- 'बंद हो अनर्गल बयानबाजी'

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Published : Dec 10, 2021, 8:50 PM IST

Updated : Dec 10, 2021, 8:58 PM IST

लोजपा रामविलास के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल
लोजपा रामविलास के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल

बिहार में शराबबंदी को पांच साल हो गए हैं. लेकिन अभी भी इसके कानून को लेकर बहस छिड़ी हुई है. जीतन राम मांझी के सीमित शराबबंदी की मांग के बाद राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी ने शराबबंदी कानून का समर्थन किया है. पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने सीएम नीतीश कुमार के फैसले का साथ दिया है. पढ़ें रिपोर्ट...

पटनाः बिहार में शराबबंदी (Liquor Ban in Bihar) को लेकर बहस छिड़ी हुई है. गुरुवार को हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने बिहार में शराबबंदी (Jitan Ram Manjhi On Liquor Ban) कानून की समीक्षा करने की बातें कही थी. शुक्रवार को आरएलजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल ने शराबबंदी को बिहार के लिए जरूरी बताया है. उन्होंने कहा कि जीतन राम मांझी ने क्या कहा हमने उस बयान को नहीं सुना है, लेकिन जिस तरह से राज्य में शराबबंदी के बाद माहौल बदला है, निश्चित तौर पर बिहार जैसे राज्यों में शराबबंदी जरूरी है.

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'जीतन राम मांझी ने क्या कहा मुझे नहीं पता. लेकिन शराबबंदी के बाद राज्य का माहौल बदला है. बिहार जैसे राज्यों में शराबबंदी जरूरी है. महिलाओं की मांग पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में शराबबंदी की थी. उससे माहौल काफी सुधरा है. शराबबंदी लागू करना एक सामाजिक कार्य है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सामाजिक कार्य के लिए जाने भी जाते हैं.' -श्रवण अग्रवाल, राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता, राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी

आरएलजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल ने शराबबंदी कानून का किया समर्थन

श्रवण अग्रवाल ने साफ-साफ कहा कि बिहार विधानसभा और विधान परिषद में जब हमारी पार्टी के सदस्य थे, उसी समय में शराबबंदी लागू हुई थी. सभी सदस्यों ने शराबबंदी को लेकर शपथ लिया था. हमारी पार्टी बिहार में शराबबंदी कानून का समर्थन करती है. जो फैसला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लिया है, वह बहुत अच्छा फैसला है.

इसके साथ ही श्रवण अग्रवाल ने वैसे पार्टी के नेताओं पर भी तंज कसा और कहा जो शराबबंदी की समीक्षा की बात करते हैं, शराबबंदी पर जो लोग अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं, वह गलत है. इसका मतलब है कि शराब तस्कर से कहीं ना कहीं उनका तार जुड़ा हुआ है. इस बार सख्ती के बाद इस तरह का बयान दे रहे हैं, जो ठीक नहीं है.

बता दें कि हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने कहा था कि बिहार में शराबबंदी कानून अधिकारियों के रवैए के चलते मुकाम को हासिल नहीं कर सका है. इसलिए नए सिरे से पूर्ण शराबबंदी पर विचार करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि शराबबंदी कानून में सिर्फ गरीब ही पकड़े जा रहे हैं और बड़ी संख्या में वह जेल में भी बंद हैं. मांझी ने कहा कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बजाय बिहार में सीमित शराबबंदी होनी चाहिए. शराबबंदी का ऐसा मॉडल होना चाहिए, जिससे कि जिसे जरूरी हो उसे शराब मिल जाए. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को शराबबंदी के गुजरात मॉडल पर विचार करना चाहिए.

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Last Updated :Dec 10, 2021, 8:58 PM IST
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