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Bihar Terror Module: फुलवारीशरीफ से जुड़ा है ISI का तार, दानिश से पूछताछ में किया खुलासा

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Published : Jul 17, 2022, 10:57 PM IST

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फुलवारीशरीफ प्रकरण में गिरफ्तार दानिश से पूछताछ में पता चला कि वह ISI के लिए भी काम करता था. फुलवारी शरीफ से पहले भी आतंकी गतिविधियों, फर्जी पासपोर्ट सहित कई अन्य राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में सुर्खियों में रहा है. पढ़ें पूरी खबर..

पटनाः राजधानी पटना के फुलवारी शरीफ प्रकरण में स्लीपर सेल (Sleeper Cell in Phulwari Sharif) के रूप में रहने वाले मरगूब अहमद दानिश उर्फ ताहिर के गिरफ्तारी के बाद पूछताछ के दौरान एटीएस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. पूछताछ के दौरान जाने से पता चला है कि वह गजवा ए हिंद के साथ-साथ आईएसआई (ISI Connection In Bihar Terror Module) के लिए भी काम कर रहा था. लगातार जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है. मिल रही जानकारी के अनुसार अब इस मामले में एनआईए और आईबी भी जांच (NIA and IB will investigate) करेगी. मामले में टेरर फंडिंग में की जांच के लिए प्रवर्तन निदेशालय की भी मदद ली जाएगी. मिल रही जानकारी के अनुसार ताहिर द्वारा अपने व्हाट्सएप के पर्सनल चैट में पाकिस्तानी नंबर जो कि मारखोर नाम से सेव है, पर आपस में चैटिंग के दौरान इसके द्वारा रोमन हिंदी में लिखा गया है कि मैं ISI से हूं. 5 साल से आईएसआई के लिए काम कर रहा हूं तथा Ghazwa-e-hind को प्रमोट कर रहा हूं.


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पुराना है आतंकियों का फुलवारी शरीफ कनेक्शनः आपको बता दें कि आतंकियों का कनेक्शन पटना के फुलवारी शरीफ से या कोई पहला नहीं रहा है यहां पहले भी आतंकी और देशद्रोहियों का लंबे अरसे से सुरक्षित पनाहगाह पटना का फुलवारी शरीफ रहा है कई कुख्यात लोग भी यहां से गिरफ्तार हो चुके हैं. गजवा ए हिंद और भारत को वर्ष 2047 तक इस्लामिक राष्ट्र बनाने का खतरनाक मसूबा वाले देशद्रोहियों को पटना पुलिस ने गिरफ्तार कर बड़ी साजिश का भंडाफोड़ किया है जबकि पटना के फुलवारी शरीफ मोहल्ला से यह साजिश रची जा रही थी वह इलाका आज से बल्कि लंबे अरसे से आतंकी और देशद्रोहियों का सुरक्षित पनाहगाह रहा है.



दानापुर छावनी सैन्य खुफिया विंग भी काफी पहले कर चुका है अलर्टः आपको बताते चलें की राजधानी पटना के फुलवारी शरीफ पहले भी देश विरोधी गतिविधयों में शामलि लोगों का एक सुरक्षित ठिकाना रहा है. 1990 के दशक के अंत और 2000 के दशक की शुरुआत में आईबी और दानापुर छावनी सैन्य खुफिया विंग में पटना के दक्षिणी पश्चिमी बाहरी इलाके में स्थित फुलवारीशरीफ को राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए एक सुरक्षित आश्रय स्थल के रूप में वर्णित किया था. सबसे पहले फुलवारी शरीफ वर्ष 1997 और 2000 में गलत कारणों से तब सुर्खियां बना था जब दानापुर से खुफिया विंग को फुलवारी शरीफ कई पाकिस्तानी प्रशिक्षित आतंकवादियों के इलाके में छुपने की की सूचना मिली थी.

2001 में फर्जी पासपोर्ट रैकेट का हुआ था खुलासाः मिल रही जानकारी के अनुसार 1993 में 18 महीने की जेल की सजा काटने वाले एक आतंकी सहित कश्मीर में आतंकवादी इतिहास वाले 7 लोग के 1997 में लगभग 6 महीने तक फुलवारी शरीफ में रहने की सूचना खुफिया एजेंसी को मिली थी. यही नहीं इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा से लल्लू खान और उसकी पत्नी को गिरफ्तारी के बाद अगस्त 2000 में पता चला कि फुलवारी शरीफ में नकली भारतीय पासपोर्ट बनाने और बेचने में यह शामिल थे. साल 2001 में फुलवारी शरीफ से फर्जी पासपोर्ट बनाने और रोजगार रैकेट चलाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया गया था जिसका नेतृत्व मोहम्मद समीर कर रहा था पुलिस के द्वारा छापेमारी के दौरान उसके घर से 23 भारतीय पासपोर्ट जप्त किया गया था.



ओसामा बिन लादेन के कथित एजेंट का भी मिला था फुलवारी कनेक्शनः साल 2001 में अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन के एक कथित एजेंट मोहम्मद अरशद उर्फ लड्डू मियां को दिल्ली पुलिस ने फुलवारी शरीफ से गिरफ्तार किया था. यही नहीं साल 2005 में वाराणसी के पास जौनपुर स्टेशन पर नई दिल्ली पटना जाने वाली श्रमजीवी एक्सप्रेस में कुकर बम सीरियल ब्लास्ट मामले में फुलवारी शरीफ पर छापेमारी की गई थी. वहीं साल 2001 में दिल्ली पुलिस ने शमीम शर्मा उर्फ पीर बाबा को नई दिल्ली में अमेरिकी दूतावास को उड़ाने की साजिश में शामिल होने का आरोप में फुलवारी शरीफ से गिरफ्तार किया था.

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