वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स ग्रैंड प्रिक्स से मेडल जीतकर बिहार लौटे शैलेश, स्वागत के लिए नहीं पहुंचे फेडरेशन के सदस्य

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Published : Sep 27, 2022, 6:53 AM IST

Updated : Sep 27, 2022, 7:03 AM IST

वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स ग्रैंड प्रिक्स से मेडल जीतकर प्रदेश लौटे शैलेश

मोरक्को में आयोजित वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स ग्रैंड प्रिक्स से मेडल जीतकर प्रदेश लौटे शैलेश का पटना एयरपोर्ट पर स्वागत तक नहीं हुआ. उनकी हौसला अफजाई के लिए एयरपोर्ट पर बिहार पैरा एथलेटिक्स फेडरेशन का (Bihar Para Athletics Federation) कोई सदस्य तक नहीं पहुंचा. इससे खिलाड़ी निराश दिखे. पढ़ें पूरी खबर..

पटना: बिहार में खेल के विकास और खिलाड़ियों के सम्मान को लेकर सरकार और सरकार के अधिकारी बड़े-बड़े दावे कर लें, लेकिन हकीकत ठीक इसके उलट रहती है. मोरक्को में आयोजित वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स ग्रैंड प्रिक्स (World Para Athletics Grand Prix ) से मेडल जीतकर सोमवार को बिहार लौटे पैरा खिलाड़ी शैलेश कुमार के स्वागत के लिए कोई पटना एयरपोर्ट नहीं पहुंचा. मोरक्को में 15 सितंबर से 17 सितंबर के बीच वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स ग्रैंड प्रिक्स का आयोजन हुआ था.

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वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स ग्रैंड प्रिक्स से मेडल जीतकर प्रदेश लौटे शैलेश

निराश दिखे शैलैशः जमुई निवासी पैरा एथलिट शैलेश कुमार ने मोरक्को में लॉन्ग जंप में सिल्वर मेडल और हाई जंप में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर देश का मान बढ़ाया है. शैलेश कुमार सोमवार को जब पटना पहुंचे तो एयरपोर्ट पर पैरा एथलेटिक्स फेडरेशन का कोई सदस्य शैलेश की हौसला अफजाई के लिए मौजूद नहीं था. हालांकि, शैलेश ने अपने आने की सूचना फेडरेशन को पहले से दी हुई थी. फेडरेशन की तरफ से किसी के नहीं आने के कारण शैलेश को काफी निराशा हुई.


थोड़े अंतर से गोल्ड से चूके: शैलेश ने ईटीवी से खास बातचीत में बताया कि उन्होंने लॉन्ग जंप में सिल्वर मेडल जीता और हाई जंप में ब्रॉन्ज मेडल. लॉन्ग जंप में थोड़े अंतर से गोल्ड मेडल से चूक गए. इसका उन्हें मलाल है. उन्होंने कहा कि अब आगे के मुकाबले की तैयारी कर रहे हैं. आगे के मुकाबले में गोल्ड जीतने का प्रयास रहेगा. अब वह अपना पूरा ध्यान 2023 में होने वाले वर्ल्ड चैंपियनशिप, पारा एशियन गेम्स और 2024 में पेरिस में होने वाले पारा ओलंपिक के लिए लगा रहे हैं. ऐसे इंटरनेशनल इवेंट में गोल्ड मेडल लाने के लिए वह खेलेंगे.

पैरा खिलाड़ियों पहले से बेहतर सुविधा मिल रही: शैलेश ने बताया कि पैरा खिलाड़ियों के लिए देश में अब सुविधाएं पहले से थोड़ी बेहतर हुई हैं. उन्होंने कहा कि वह गुजरात के गांधीनगर में साई फेडरेशन के तहत अपनी प्रैक्टिस करते हैं और अब पुरस्कार राशि भी पहले से दोगुनी हो गई है. प्रैक्टिस के लिए पूरा बेहतर माहौल मिल रहा है. कुछ दिनों घर पर बिताने के बाद फिर से वह गांधीनगर के लिए चले जाएंगे. वहां वह प्रैक्टिस करेंगे. उन्होंने कहा कि बिहार में भी खिलाड़ियों की सुविधा में थोड़ी बहुत बढ़ोतरी हुई है, लेकिन और बढ़ोतरी करने की आवश्यकता है. पटना पहुंचने के बाद जब बिहार के खेल प्रशासन से जुड़ा कोई सदस्य उनकी हौसला अफजाई के लिए एयरपोर्ट पर नहीं पहुंचा तो इससे वह काफी निराश भी नजर आएं.

"मैंने मोरक्कों में आयोजित वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स ग्रैंड प्रिक्स में लॉन्ग जंप में सिल्वर मेडल और हाई जंप में ब्रॉन्ज मेडल जीत है. लॉन्ग जंप में थोड़े अंतर से गोल्ड मेडल से चूक गया इसका मुझे थोड़ा मलाल है. अभी मैं घर जाऊंगा, वहां कुछ दिन रहने के बाद फिर प्रैक्टिस के लिए गुजरात के गांधीनगर चला जाऊंगा. क्योंकि अभी मुझे पूरा ध्यान 2023 में होने वाले वर्ल्ड चैंपियनशिप, पारा एशियन गेम्स और 2024 में पेरिस में होने वाले पारा ओलंपिक के लिए लगाना है. " -शैलेश कुमार, पैरा खिलाड़ी

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Last Updated :Sep 27, 2022, 7:03 AM IST
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