ETV Bharat / city

ETV भारत को मिला EXCLUSIVE लेटर, पर्यावरण विभाग के मनाही के बाद भी पेड़ों की कटाई जारी

author img

By

Published : Feb 16, 2020, 5:23 PM IST

Updated : Feb 16, 2020, 5:40 PM IST

patna
patna

राज्य में विकास के नाम पर पेड़ों की कटाई बदस्तूर जारी है. इसके लिए पर्यावरण विभाग कई बार भवन और पथ निर्माण विभाग को लेटर भी लिख चुका है. लेकिन इन विभागों पर इसका कोई असर नहीं दिख रहा है.

पटना: एक तरफ नीतीश कुमार राज्य भर में जल-जीवन-हरियाली योजना के तहत लोगों के बीच पर्यावरण को लेकर जागरूकता फैला रहे हैं. वहीं इस अभियान का भवन और पथ निर्माण विभाग पर कोई असर नहीं पड़ रहा है. विभाग की तरफ से निर्माण कार्य में बाधक बनने वाले सालों पुराने पेड़ों को आसानी से काटा जा रहा है.

पटना
पड़ों को काट कर बनाए जा रहे हैं भवन

हरियाली के लिए करोड़ों किए जा रहे खर्च
जल-जीवन-हरियाली योजना के तहत सरकार अगले तीन सालों में 24 हजार 500 करोड़ रुपये खर्च करने वाली है, ताकि राज्य में हरियाली लाई जा सके. पर्यावरण विभाग की तरफ से भी लगातार पड़ों को बचाने के लिए मुहिम चलाई जा रही है. बावजूद इसके भवन और पथ निर्माण विभाग पेड़ों की कटाई कर रहा है.

पटना
जेसीबी मशीन से उखाड़े जा रहे पेड़ के जड़

ईटीवी भारत को मिला एक्सक्लूसिव लेटर
ईटीवी भारत को मिले एक्सक्लूसिव लेटर के अनुसार पिछले 6 महीनों में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव, पथ निर्माण विभाग और भवन निर्माण विभाग के अधिकारियों को पुराने पेड़ों को बचाने के लिए कई बार लेटर लिख चुका है. लेकिन इसके बाद भी सचिवालय से लेकर के राज्य के पंचायत तक बदस्तूर पेड़ों की कटाई जारी है.

पटना
ईटीवी भारत को मिला एक्सक्लूसिव लेटर

पुराने पेड़ों को क्षति पहुंचाने का आरोप
ईटीवी भारत को मिले लेटर में लिखा हुआ है कि सड़क निर्माण के दौरान असावधानी के कारण कई सालों पुराने पेड़ों को क्षति पहुंचाई जा रही है. विभाग ने यह भी लिखा है कि कई बार लेटर लिखने के बावजूद पथ निर्माण विभाग पुराने पेड़ों को बचाने का कोई रास्ता नहीं निकाल रहा है.

पटना
लेटर में पेड़ों को न काटने का निवेदन

भवन निर्माण विभाग भी इसमें शामिल
पर्यावरण विभाग ने पथ निर्माण विभाग पर आरोप लगाया है कि निर्माण कार्य के दौरान सड़क किनारे तक कंक्रीट का कार्य किया जा रहा है, जिसके कारण धीरे-धीरे विशालकाय पेड़ सूख कर गिरता जा रहा है. वहीं, भवन निर्माण विभाग को भी पर्यावरण विभाग की ओर से लिखा गया है कि सरकारी परिसरों में भवन निर्माण, आंतरिक सड़क निर्माण और फुटपाथ निर्माण के दौरान असावधानी से वृक्षों की क्षति पहुंचाई जा रही है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

विकास के नाम पर क्यों काटे जा रहे हैं पेड़?
सवाल यह है कि आखिरकार जो सरकार पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन को लेकर इतना शोर मचा रही है और पूरे देश में जल जीवन हरियाली का डंका बजा रही है, तो फिर विकास के नाम पर आखिरकार इतने पुराने पेड़ों को क्यों काटा जा रहा है, जो हमारे पर्यावरण के लिए जरूरी हैं.

Last Updated :Feb 16, 2020, 5:40 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.