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बिहार में सामान्य से 41 फीसदी कम बारिश.. किसान परेशान.. सरकार की भी बढ़ी चिंता

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Published : Aug 19, 2022, 2:44 PM IST

मानसून में बारिश की कमी से किसान परेशान
मानसून में बारिश की कमी से किसान परेशान

बिहार में मानसून में भी बारिश की कमी से किसानों पर काफी असर पड़ा है. बारिश की कमी की वजह से राज्य की नहरें भी सूख गई हैं. ऐसे में किसानों के साथ सरकार की भी चिंता बढ़ गई है. पढ़ें पूरी खबर

पटना: बिहार में अब तक मानसून ऐसा रूठा है कि किसानों के साथ सरकार की भी चिंता (Paddy farmers in Bihar fear a drought) बढ़ गई है. बिहार में मानसून के दगा देने का आलम यह है की अब तक 41 फीसदी कम बारिश हुई (bihar receives 41 percent less rain) है, जिससे किसानों की धान की फसल खेतों में पीली पड़ने लगी है. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, राज्य की औसत बारिश की तुलना में महज 30 फीसदी बारिश (rain deficiency hits farmers in Bihar) हुई है. अगस्त में अच्छी बारिश के आसार बिल्कुल नहीं है.

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बारिश की कमी से जूझ रहे हैं बिहार के किसान: इस बीच, आपको बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सुखाड़ को लेकर हवाई सर्वे कर रहे है. मुख्यमंत्री पटना सहित कई जिलों में सूखे का जायला ले रहे है. बताया जाता है कि सूखे का जायजा लेने के बाद मुख्यमंत्री समीक्षा बैठक करेंगे. वहीं, आपदा प्रबंधन सह जल संसाधन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि जून माह में सामान्य वर्षापात से 6 प्रतिशत अधिक वर्षापात हुआ जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 182 मिलीमीटर कम है. जुलाई माह में वर्षापात का विचलन 60 प्रतिशत है जो पिछले वर्ष की तुलना में 123 मिलीमीटर कम है. 1 जून से 31 जुलाई की अवधि में 39 प्रतिशत कम वर्षापात हुआ लेकिन 20 जुलाई से पुन मानसून के सक्रिय हो जाने से अधिकांश भागों में बारिश हुई.

''जुलाई माह के उत्तरार्ध और अगस्त माह के प्रथम सप्ताह में वर्षा के कारण धान के आच्छादन में वृद्धि हुई. 1 अगस्त से 17 अगस्त तक वषार्पात का विचलन 46 प्रतिशत है लेकिन अगस्त माह के द्वितीय एवं तृतीय सप्ताह में वर्षापात में कमी के कारण 17 अगस्त को सामान्य से 41 प्रतिशत कम वर्षापात हुआ. जून माह में राज्य के 19 जिले में सामान्य बारिश हुई, जबकि जुलाई माह में वर्षापात की कमी के कारण तीन जिलों अररिया, किशनगंज और सुपौल को छोड़कर शेष 35 जिलों में सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई.'' - संजय कुमार अग्रवाल, सचिव, आपदा प्रबंधन सह जल संसाधन विभाग

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आंकड़ों के मुताबिक, 20 जुलाई तक 212 प्रखंड कम बारिश की स्थिति से ज्यादा प्रभावित था, लेकिन फिलहाल 123 प्रखंड ज्यादा प्रभावित हैं. राहत की बात है कि राज्य में 80 फीसदी से अधिक धान की रोपनी हो चुकी है, लेकिन अब इसे बारिश के बिना बचा लेना किसानों के लिए बड़ी चुनौती है.

''अगर अगस्त महीने में राज्य भर में झमाझम बारिश नहीं हुई तो परेशानी और बढ़ जाएगी. इधर, किसानों की परेशानी को देखते हुए सरकार ने किसानों को अनुदान पर डीजल उपलब्ध करा रही है.'' - एस के सिंह, कृषि वैज्ञानिक

कृषि विभाग के सचिव एन सरवन कुमार ने बताया कि डीजल अनुदान योजना के तहत 1 लाख 33 हजार आवेदन प्राप्त हुए हैं जिसमें से 27099 आवेदकों को राशि ट्रांसफर कर दी गयी है. शेष आवेदकों की जांच तेजी से की जा रही है और जल्द ही उनके खाते में राशि ट्रांसफर कर दी जाएगी. उन्होंने बताया कि आकस्मिक फसल योजना के तहत 12 प्रकार की फसल के बीज जल्द ही किसानों को उपलब्ध करा दिए जाएंगे. इधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी अल्प वर्षापात के कारण उत्पन्न स्थिति पर पूरी नजर रखने और किसानों को सहायता देने के लिए पूरी तैयारी रखने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं.

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