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बक्सर: सुखाड़ से मचा हाहाकार, धान के बिचड़े सूखने से किसान नाउम्मीद

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Published : Jul 12, 2022, 3:06 PM IST

बिहार में इस बार भी एक साथ बाढ़ और सुखाड़ की मार लोगों को झेलनी पड़ रही है. उत्तर बिहार में बाढ़ का कहर जारी है तो वहीं दक्षिण बिहार के कई जिलों में सुखाड़ ने किसानों की फसलों को चौपट कर दिया है. बक्सर में सूखा (Drought In Buxar) के कारण धान के बिचड़े सूखने लगे हैं. पढ़िए पूरी खबर..

Drought In Buxar
Drought In Buxar

बक्सर: बिहार के कई जिले बाढ़ की त्रासदी ( Floods In Bihar ) झेल रहे हैं तो वहीं बारिश की कमी से भी कई इलाके के किसान परेशान हैं. भीषण सुखाड़ ( Drought In Bihar) से बक्सर (Paddy Cultivation Affected In Buxar) में हाहाकार मचा है. खेतों में धान के बिचड़े सूख रहे हैं. सुखाड़ के हालात को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने किसानों से लेकर अधिकारियों तक से बात की. जिला कृषि पदाधिकारी का कहना है कि जिले में अच्छी बारिश के हालात नहीं दिख रहे हैं. इसकी जानकारी भी आलाधिकारियों को दी जा रही है.

पढ़ें- कम बारिश से किसानों की मुश्किलें बढ़ी, राहत के लिए विभाग ने तैयार की योजना


सूख रहे धान के बिचड़े: सुखाड़ से खेतों में लगी फसलें बर्बाद हो रही हैं. जिले में कम बारिश होने के कारण पूरा जिला सुखाड़ की चपेट में है. अब तक जिले में 3% ही धान की रोपनी हो पाई है. बारिश नहीं होने के कारण खेतों में लगे धान के बिचड़ों के साथ किसानों के उम्मीद भी सूखने लगी है. अधिकारियों के सारे दावे केवल कागजों पर ही दिखाई दे रहे हैं. जुलाई महीने में भी अब तक नहर में पानी नहीं आने से किसानों में हाहाकार मचा हुआ है.

बक्सर में सूखा से किसान हलकान: रोहिणी नक्षत्र में जो किसान धान का बिचड़ा खेतों में डालकर बारिश होने की उम्मीद में बैठे थे, उसे टिड्डा अब अपना निवाला बना रहा है. ग्रामीण इलाके की अधिकांश ट्यूबेल और चापाकल सूख गए हैं. 80 प्रतिशत लोगों तक नल का जल भी नहीं पहुंच रहा है. केवल कागजों पर ही सारे दावे किए जा रहे हैं. सदर प्रखंड के जगदीशपुर पंचायत के ग्रामीण इलाकों में किसानों के धान के बिचड़े खेतों में ही सूख रहे हैं. किसानों को बारिश की उम्मीद है क्योंकि बिना बारिश के इनकी फसलें चौपट हो रही हैं. ना तो गांवों में नहरों की कोई सुविधा है और ना ही पर्याप्त मात्रा में बिजली मिल रही है.

"बारिश नहीं हो रही है. नहर में भी पानी नहीं है. धान के बिचड़े खराब हो रहे हैं."- विजय गोंड, किसान

"सूखा से परेशान हैं. पानी की कमी के कारण फसल खराब हो रहे हैं. बताइये क्या करें."- भोलू केशरी, किसान



बोले अधिकारी- 'जल्द होगा समस्या का समाधान': सुखाड़ की स्थिति को लेकर के जब नहर डिपार्टमेंट एवं कृषि विभाग के अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों से बात की गई तो सोन नहर के एसडीओ राजकुमार महतो ने बताया कि जल्द से जल्द हर हाल में नहरों में पानी छोड़ दिया जाएगा. किसानों के खेतों तक पानी पहुंच सके इसके लिए कोशिश की जा रही है. वहीं सूखे की समस्या को लेकर सदर कांग्रेस विधायक संजय तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी ने जिला अतिथि गृह में अधिकारियों के साथ घंटों बैठक की.

"दो दिन के अंदर पानी किसानों को मिल जाएगा. जहां तक गंगा पंप कैनाल की बात है तो यहां से भी किसानों को पानी देने की तैयारी हो रही है. हमने 15 घंटे किसानों के लिए बिजली की मांग भी की है."- संजय तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी कांग्रेस विधायक


"फिलहाल बारिश का कोई आसार नहीं दिख रहा है. 97 हजार 700 एक हेक्टेयर भूमि में धान रोपने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. किसानों ने लक्ष्य के अनुरुप धान का बिचड़ा भी गिराया है लेकिन बारिश नहीं होने के कारण बिचड़े सूख रहे हैं. उनमें तरह तरह के रोग लग रहे हैं. ट्यूबेल एवं अन्य संसाधनों के सहारे 3 प्रतिशत किसानों ने धान की रोपनी की है."- मनोज कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी




अब तक न के बराबर हुई है बारिश: गौरतलब है कि पूरे जिले में 1 लाख 47 हजार 763 किसानों के द्वारा 97 हजार 701 हेक्टेयर भूमि पर धान की खेती करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. कृषि विभाग के अधिकारियों का यह दावा है कि 3% भूमि पर किसानों ने ट्यूबेल एवं अन्य संसाधनों के सहारे धान की रोपनी की है लेकिन बारिश नहीं होने के कारण धान की बिचड़े खेतों में ही सूखने लगे हैं. बीतते समय के साथ ही साथ किसानों के फौलादी हौसले भी अब पस्त होने लगे हैं. किसानों को इस बात की चिंता सता रही है कि मौसम की बेरुखी ऐसे ही बनी रही तो भोजन के लाले पड़ जाएंगे.







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