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प्राइवेट स्कूल संचालकों ने की सरकार से स्कूल खोलने की मांग, पूछा- मॉल खुले तो स्कूल क्यों हैं बंद?

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Published : Jan 29, 2022, 7:53 PM IST

Updated : Jan 29, 2022, 8:05 PM IST

गया में निजी स्कूल के संचालकों ने स्कूल खोलने की मांग की है. (Private Schools in Gaya) प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रामस्वरूप विद्यार्थी ने प्रेसवार्ता के माध्यम से कहा कि विगत 2 सालों से कोरोना के कारण विद्यालय बंद है. सरकार 6 फरवरी से पहले स्कूलों को गाइड लाइन के अनुसार खोलने की अनुमति दें अन्यथा हम लोग आंदोलन के लिए बाध्य होंगे.

School खोलने की मांग
School खोलने की मांग

गया: बिहार के गया में प्राइवेट स्कूल खोलने की मांग (Demand to Open Private School in Gaya) की गई है. स्कूल्स एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के सदस्यों की एक बैठक शहर के एक निजी स्कूल भवन में की. जिसमें, एसोसिएशन से जुड़े विभिन्न स्कूलों के संचालक एवं शिक्षक शामिल हुए. इस दौरान शिक्षकों ने कोरोना काल के दौरान होने वाले नुकसान पर विस्तृत रूप से चर्चा की. प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रामस्वरूप विद्यार्थी ने कहा कि आगामी 6 फरवरी के पहले स्कूलों को गाइडलाइन के अनुसार खोलने की अनुमति दी जाए.

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प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रामस्वरूप विद्यार्थी ने कहा कि एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष के आह्वान पर प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया है. उन्होंने कहा कि प्रेसवार्ता के माध्यम से हम सरकार से यह मांग कर रहे हैं कि विद्यालयों को खोलने का आदेश दिया जाए. विगत, 2 सालों से कोरोना के कारण विद्यालय बंद है. जिस कारण, स्कूल संचालकों एवं इससे जुड़े लोगों के ऊपर आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है. हमलोगों के समक्ष भुखमरी की स्थिति पैदा हो गई है.


'आगामी 6 फरवरी के पहले स्कूलों को गाइडलाइन के अनुसार खोलने की अनुमति दी जाए. सरकार द्वारा जो भी गाइडलाइन दिया जाएगा. हम लोग उसका पालन करेंगे. आज मॉल, रेलवे सहित तमाम संस्थान खुले हैं फिर स्कूलों पर ही पाबंदी क्यों लगाई गई है?. हमारी दूसरी मांग है कि विद्यालयों के ऊपर भवन सहित अन्य टैक्स जो लिया जा रहा है. उसे माफ किया जाए. कोरोना काल में विद्यालयों से जुड़े संचालकों एवं शिक्षकों की स्थिति बदतर हो गई है. इसके बावजूद विद्यालय का भवन टैक्स लिया जा रहा है.' - रामस्वरूप विद्यार्थी, अध्यक्ष, प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन

उन्होंने कहा कि स्कूल की बसें गैराज में खड़ी हैं उनका भी सरकार टैक्स ले रही है. स्कूल बंद होने के बावजूद टैक्स कहां से देंगे. हमारी अन्य मांग है कि निजी विद्यालयों को भी सरकार आर्थिक मदद करें. एक तरफ केंद्र सरकार मजदूरों को करोड़ों रुपए की योजना देकर उनकी मदद कर रही है तो फिर विद्यालयों से जुड़े लोगों की मदद क्यों नहीं करती? हम भी इस देश के निवासी हैं ऐसे में हमें भी आर्थिक मदद मिलनी चाहिए.

'विद्यालय बंद रहने के कारण हमलोगों की स्थिति काफी दयनीय हो गई है. हमलोग भुखमरी के कगार पर पहुंच चुके हैं. बच्चों का पठन-पाठन भी काफी पीछे चला गया है जो बच्चे तीसरी से चौथी कक्षा में जाने चाहिए, वो प्रोमोट होकर सीधे पांचवीं और छठी कक्षा में जा रहे हैं जो बच्चे इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं. विगत, 2 वर्षों से उनका पठन-पाठन बंद है. ऐसे में उनकी पढ़ाई की क्या गुणवता रह जाएगी. सरकार को इस पर अविलंब ध्यान देने की जरूरत है. हम सरकार से मांग कर रहे हैं कि गाइडलाइन के अनुसार विद्यालय खोलने की अनुमति दी जाए.' - ज्योति प्रकाश सिन्हा, उपाध्यक्ष, प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन


इस मौके पर एसोसिएशन के सचिव विनोद लाल मेहरवार, अजीत कुमार सिन्हा, सैफी, उदय भास्कर, दीपक तिवारी, अरविंद कुमार सिन्हा, राज किशोर सिंह, धीरेंद्र कुमार, चंदन कुमार, विकास कुमार, मैडम हबीब, मैडम रिया, मैडम तराना, मैडम प्रीति सहित विभिन्न विद्यालयों के संचालक व शिक्षक उपस्थित थे. जिले के सभी स्कूल संचालकों का यही राय थी कि स्कूल संचालक एवं इससे जुड़े लोगों के ऊपर आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है. सरकार 6 फरवरी से पहले स्कूलों को गाइड लाइन के अनुसार खोलने की अनुमति दे. अन्यथा, हम लोग आंदोलन के लिए बाध्य होंगे.





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Last Updated :Jan 29, 2022, 8:05 PM IST
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