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कोरोना का खौफः बच्चों को स्कूल भेजने से डर रहे अभिभावक, शिक्षा विभाग ने कहा- फिलहाल खुले रहेंगे शिक्षण संस्थान

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Published : Dec 11, 2021, 6:10 PM IST

दो दिनों में 6 बच्चे कोरोना से संक्रमित हुए हैं. जिसमें स्कूल जानेवाले बच्चे भी शामिल हैं. ऐसे में अभिभावक थोड़े सहम से गए हैं. इधर शिक्षा विभाग ने कहा है कि बिहार में शिक्षण संस्थान फिलहाल खुले रहेंगे. बच्चों में कोरोना संक्रमण को लेकर डॉक्टरों ने भी एहतियात बरतने की बात कह दी है.

तीसरी लहर का डर
तीसरी लहर का डर

पटना: बिहार में कोरोना (Corona in Bihar) की धमक एक बार फिर सुनाई देने लगी है. इस बार बच्चों को लेकर ज्यादा चिंता है. 2 दिनों में 6 बच्चे संक्रमित हो चुके हैं. जिनमें स्कूली बच्चे भी शामिल हैं. इधर शिक्षा विभाग ने दो टूक कह दिया है कि फिलहाल पैनिक होने की जरूरत नहीं है. स्कूल तो खुले ही रहेंगे (School Open in Bihar). बच्चों में कोरोना संक्रमण को लेकर डॉक्टर और गार्जियन चिंतित हैं और सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं.

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'बेटे के लिए चिंतित हूं. बेटा रोज स्कूल जाता है. जब उसे सर्दी की परेशानी होती है तो इस बात की चिंता सता रही है कि कहीं कोई गंभीर वजह तो नहीं है. आखिर 2 दिनों में 6 बच्चे कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं. सारे स्कूल खुले हुए हैं. बिहार में स्कूल क्लासेज ऑफलाइन चल रहे हैं.' -दीपक कुमार, कंकड़बाग निवासी

कोरोना की तीसरी लहर को लेकर सहमे पैरेंट्स

पटना के कुछ इलाकों में कोविड-19 के मामले सामने आए हैं. पिछले कुछ दिनों में आंकड़ा भी बढ़ा है. 2 दिनों में कोरोना से 6 से 14 साल तक के 6 बच्चे संक्रमित हुए हैं. यही वजह है कि अभिभावक सहमे हुए हैं कि अगर संक्रमण ज्यादा फैला तो ना सिर्फ बच्चों को परेशानी होगी, बल्कि बच्चों के जरिए संक्रमण घरों में भी फैलेगा. जानकारी के मुताबिक संक्रमित होने वाले तमाम बच्चे किसी न किसी स्कूल में पढ़ते हैं.

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'हम अपने स्कूल में बच्चों की सुरक्षा का पूरा ख्याल रख रहे हैं. लेकिन बच्चे तो बच्चे होते हैं. उन्हें एक साथ बैठने या एक साथ खेलने से रोकना इतना आसान भी नहीं है. स्कूल की तरफ से पूरी सावधानी बरती जा रही है. लेकिन चिंता हमें भी है कि बच्चों को कोरोना संक्रमण नहीं हो.' -प्रियंका, शिक्षिका

'कोरोना संक्रमण का खतरा बरकरार है. इसका कोई कारगर इलाज अब तक उपलब्ध नहीं है. इसलिए बचाव ही सबसे बेहतर उपाय है. खासकर बच्चों में लो इम्यूनिटी की वजह से संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है. इसलिए उन्हें घर में बढ़िया भोजन कराना चाहिए और नियमित एक्सरसाइज भी करानी चाहिए. स्कूल जाने पर एक साथ मिलने और एक साथ खेलने पर संक्रमण का खतरा जाहिर तौर पर ज्यादा है. इसलिए सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का उपयोग बेहद जरूरी है. ऐसे में बच्चों को जागरूक करना चाहिए. बेहतर हो कि उन्हें भीड़-भाड़ से बचा कर रखा जाए.' -डॉ. रंजय कुमार, शिशु रोग विशेषज्ञ

'फिलहाल चिंतित होने की जरूरत नहीं है. बिहार में सभी स्कूल सामान्य तरीके से चल रहे हैं. सभी कक्षाएं ऑफलाइन चल रही हैं. लेकिन हमारी निगाह संक्रमण के आंकड़ों पर है. हम यह सलाह देते हैं कि सभी स्कूल कोविड-19 का सख्ती से पालन करें. मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा जाए.' -संजय कुमार, अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग

जानकारी दें कि एक दिन पहले ही ईटीवी भारत के साथ बातचीत में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने स्पष्ट किया था कि बिहार में तमाम स्कूल हंड्रेड परसेंट अटेंडेंस के साथ चल रहे हैं. फिलहाल पैनिक होने की जरूरत नहीं है. शिक्षा विभाग संक्रमण के आंकड़ों पर पूरी तरह नजर रखे हुए है. अगर जरूरत पड़ी तो हम इस बारे में क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप के सामने अपनी बात रखेंगे.

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