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बिहार की राजनीति में गूंजा 'थप्पड़' फिर सुर्खियों में आये लालू के लाल तेज प्रताप

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Published : Apr 24, 2022, 7:44 PM IST

तेजप्रताप
तेजप्रताप

बिहार सरकार के पूर्व मंत्री और राजद विधायक तेज प्रताप यादव (RJD MLA Tej Pratap Yadav) कभी बयानों तो कभी कामकाज से चर्चा में रहते हैं. उनके निशाने पर राजनीतिक विरोधी तो होते ही हैं, वे अपनी पार्टी के नेताओं को भी नहीं बख्शते. कुछ ऐसा ही एक मामला एक बार फिर सामने आया है जिसमें उन्होंने अपनी पार्टी के नेता को ही थप्पड़ रसीद कर दिया. पढ़ें पूरी खबर.

पटना: राष्ट्रीय जनता दल के विधायक और पार्टी सुप्रीमो लालू यादव के पुत्र तेज प्रताप यादव (Lalu Yadav son of Tej Pratap Yadav) एक बार फिर चर्चा में हैं. इस बार राजद के ही एक नेता व पूर्व एमएलसी प्रत्याशी उनके क्रोध के शिकार बने हैं. बताया जाता है कि तेज प्रताप यादव ने शुक्रवार को अपनी पार्टी के पूर्व एमएलसी प्रत्याशी अनिल सम्राट को थप्पड़ जड़ (Tej Pratap yadav slaps ex RJD mlc candidate ) दिया.

उन्होंने उस नेता को आरजेडी की इफ्तार पार्टी (RJD iftar party) से भी निकाल दिया. मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि तेज प्रताप अनिल के कुछ बयानों से खफा थे तथा मौके की तलाश में थे जो शुक्रवार को उन्हें मिल गया. अनिल सम्राट यादव ने इस साल आरा सीट से बिहार एमएलसी का चुनाव लड़ा था लेकिन असफल रहे थे. हालांकि प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो तेजप्रताप अनिल सम्राट से कुछ डिजिटल मीडिया पर अपने बारे में अपशब्दों के इस्तेमाल से खफा थे. वे उनसे इसका बदला लेना चाहते थे. दावा किया जा रहा है कि तेज प्रताप के इस बर्ताव का अनिल सम्राट ने भी उसी अंदाज में जवाब दिया. इसके बाद वहां उपस्थित लोगों ने उन दोनों को अलग-अलग किया. हालांकि इस संबंध में कोई वीडियो ना रहने के कारण मामला ज्यादा नहीं उछला. 2017 में राजद कार्यकर्ता सनोज यादव ने तेज प्रताप पर मारपीट का आरोप लगाया था.

राजद प्रवक्ता ने किया इनकार: हालांकि राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने शुक्रवार शाम को इस तरह की घटना से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि मैं इफ्तार पार्टी में था. मुझे इस तरह की घटना होने की कोई जानकारी नहीं है. दरअसल तेज प्रताप विरोधियों से अधिक अपने पार्टी के लोगों खासकर तेजस्वी यादव (Leader of opposition Tejashwi Yadav) के करीबियों को निशाने पर रखते हैं. तेज प्रताप का रोना है कि पार्टी में उन्हें कोई भाव नहीं देता. सब उन्हें नजरअंदाज करते हैं. इससे पूर्व उन्होंने नव निर्वाचित विधान पार्षद सौरव कुमार के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए थे.

कई दलों के नेता हुए थे शामिल: गौरतलब है कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को पूर्व सीएम राबड़ी देवी के आवास पर इफ्तार पार्टी का आयोजन किया था. इसमें बीजेपी, जेडीयू समेत कई राजनीतिक दलों के बड़े नेता शामिल हुए. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी तेजस्वी यादव की इफ्तार पार्टी में शिरकत (Nitish Kumar in RJD Iftar Party) की थी. इफ्तार में लोजपा रामविलास के सांसद चिराग पासवान, बीजेपी नेता बिहार सरकार के मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन भी मौजूद थे. बिहार विधान परिषद के नेता और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अवधेश नारायण सिंह भी तेजस्वी की इफ्तार पार्टी में पहुंचे.

नीतीश से सीक्रेट बात का किया था दावा: यहां बता दें कि इफ्तार पार्टी के दिन ही तेज प्रताप यादव के एक बयान से सियासत गरमा गयी थी. दरअसल उन्होंने कहा था कि सरकार बनाएंगे, खेल होगा. हमारी नीतीश जी से सीक्रेट बात हुई है. हमने नीतीश कुमार के लिए पहले नो एंट्री का बोर्ड लगा रखा था, लेकिन अब उन्हें हमने एंट्री दे दी है. अब वह आए हैं तो सरकार भी बनेगी. राजनीति में उथलपुथल होता रहता है, आज हम हैं तो कल वो हैं.

राजनीति से क्या संबंध- नीतीश: इन चर्चाओं के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को कहा था कि इफ्तार पार्टी का राजनीतिक से कोई संबंध नहीं (Nitish Kumar dismissed the speculation over RJD Iftar party) है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहा कि यह परंपरा रही है. हमलोग भी इफ्तार पार्टी में सभी दलों के लोगों को बुलाते हैं. इफ्तार का आयोजन किया जाता है तो उसका सम्मान तो करना ही पड़ता है. उन्होंने कहा कि इफ्तार पार्टी का आयोजन सभी राजनीतिक दलों की तरफ से किया जाता है. सभी राजनीतिक दल के लोग एक दूसरे की इफ्तार पार्टी में जाते हैं. मुझे भी बुलाया गया था, तो जाने का फैसला किया, इसका राजनीति से कोई संबंध नहीं है.

तेज के राजनीतिक मांगों को नहीं मानते लालू: राजद के एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर दिप्रिंट को बताया कि सीएम नीतीश कुमार आधे घंटे के लिए इफ्तार पार्टी में थे. वह तेजस्वी यादव और तेजप्रताप तथा परिवार के अन्य सदस्यों के साथ बैठे थे. यहां तक ​​कि बीजेपी के मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन भी बिहार के सीएम के पास बैठे थे. नीतीश कुमार और तेज प्रताप के बीच कोई निजी बातचीत नहीं हुई थी. अगर नीतीश कुमार पाला बदलाना चाहते हैं तो भी तेज प्रताप आखिरी व्यक्ति होंगे जिनसे वह बात करेंगे. बता दें कि लालू प्रसाद ने 2017 में छोटे बेटे तेजस्वी यादव को अपना उत्तराधिकारी चुना था. तब से नाराज तेज प्रताप कई मौकों पर परिवार और पार्टी के लिए शर्मिंदगी का कारण बने हुए हैं. उन्होंने कहा कि लालू जी को उन्हें सहन करना पड़ता है क्योंकि वह उनके बेटे हैं, लालू जी भी तेज प्रताप की राजनीतिक मांगों के आगे नहीं झुकते. हम भी ऐसा ही करते हैं.

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